CoronaVaccine : टीका ही हमें नहीं बचाएगा मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग भी जरूरी

अब वैक्सीन लगनी शुरू हो गई है तो यह सभी की जिम्मेदारी बनती है कि बिना सवाल-जवाब किए आगे आएं और टीका लगाएं।
कोरोनावैक्सीन
कोरोनावैक्सीनSocial Media
Published on
Updated on
2 min read

देश में कोरोना महामारी से बचाव के लिए टीकाकरण अभियान शुरू हो चुका है। निश्चित ही एक बड़ा और महत्वपूर्ण कदम है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि हम महामारी का मुकाबला कर पाने के करीब पहुंच चुके हैं। महामारी की भयावहता और दुनियाभर में इसके कहर से इतना तो साफ हो गया था कि जब तक टीका नहीं आ जाता, तब तक बचाव संबंधी उपाय जीवन को बचाने में मददगार साबित हो सकते हैं। लॉकडाउन जैसे कदम भी इसीलिए उठाए गए थे, ताकि लोग घरों से न निकलें और संक्रमण का प्रसार न हो। इसलिए टीके को लेकर लंबे समय से इंतजार था। अमेरिका और यूरोप के ज्यादातर देशों की तस्वीर तो डराने वाली रही। भारत में भी संक्रमण से मौतों का आंकड़ा डेढ़ लाख को पार कर चुका है। ऐसे में बिना किसी कारगर टीके के संभव ही नहीं था कि महामारी को शिकस्त दी जा सके। भारत की आबादी को देखते हुए टीकाकरण का काम चुनौती भरा है। सबको जल्द ही एक साथ टीका लगा पाना किसी भी सूरत में संभव नहीं है। इसलिए अग्रिम मोर्चे पर जूझ रहे लोगों को सबसे पहले टीका दिया जाए।

इनमें चिकित्सा और स्वास्थ्यकर्मियों से लेकर सुरक्षा बल तक शामिल हैं। आपात सेवाओं में लगे कर्मचारी और स्वयंसेवक भी हैं। टीके के लिए शोध, परीक्षण से लेकर निर्माण व देश में जगह-जगह पहुंचाने का काम कोई मामूली नहीं है। तैयार टीकों को सुरक्षित रूप से हर राज्य में भेजने के लिए वायुसेना की भी सेवाएं ली जा रही हैं। टीकाकरण के काम में कहीं कोई चूक न रह जाए, इसके लिए देश भर में कई बार पूर्वायास किए जा चुके हैं। अस्पतालों में कैसे इंतजाम रहेंगे, इसकी व्यवस्था भी चाक-चौबंद है। इसलिए उम्मीद है कि दुनिया का यह सबसे बड़ा अभियान महामारी से लोगों को बचा पाने में कामयाब रहेगा। वैज्ञानिकों, डॉक्टरों , स्वास्थ्यकर्मियों और इस महाभियान से जुड़े लोगों ने जिस जीवट के साथ काम किया, उसी का परिणाम है कि साल भर के भीतर ही कुछ गिने- चुने देशों के साथ हम भी टीका बनाने से लेकर उसे लगाने में सफल हो पाए हैं। इसे कम बड़ी उपलब्धि नहीं माना जाना चाहिए कि भारत में बने टीकों का दुनिया के दूसरे देशों में भी परीक्षण चल रहा है और जरूरत पडऩे पर हम टीकों का निर्यात करने में भी सक्षम हैं।

देश में सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया के टीके कोविशील्ड और भारत बायोटेक के टीके कोवैक्सीन के आपात इस्तेमाल को मंजूरी दी गई है। हालांकि टीकों को लेकर कुछ विवाद भी खड़े हुए और इस कारण लोगों में भय और अविश्वास भी पैदा हुआ। लेकिन देश के चिकित्सा विशेषज्ञों और महामारी विशेषज्ञों ने टीके कारगर होने का भरोसा दिलाया है। टीकाकरण जैसे अभियानों की सफलता के लिए जरूरी है कि इन्हें लेकर लोगों के मन में कोई संदेह पैदा न किया जाए। महत्वपूर्ण बात यह है कि सिर्फ टीका ही हमें नहीं बचाएगा, बल्कि मास्क लगाने जैसे उपाय भी उतने ही जरूरी हैं।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

और खबरें

No stories found.
logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.com