Ramayan Epic Series: जानिए 2 देशों की ऐसी रामायण जिसमें समाए है बौद्ध और इस्लाम धर्म के विचार
राज एक्सप्रेस। रामायण महाकाव्य श्रृंखला का यह तीसरा भाग थोड़ा विचित्र होने वाला है। रामायण और महाभारत ही दुनिया के मात्र ऐसे महाकाव्य है जो विभिन्न देशों तक पहुंचे हैं और जिसमे इतनी विविधताएं और बदलाव है। रामायण हर एक मनुष्य के दिल और सोच से जुड़ जाती है जिसकी वजह से यह महाकाव्य कहलाती है। ध्यान देने वाली बात यह है कि भारत और भारत के बाहर रामायण महाकाव्य के 300 से भी अधिक संस्करण है, जिसमे हिंदू धर्म के साथ ही अन्य धर्मों का मिश्रण भी दिखाई देता है। चलिए आपको आज बताते हैं दो और देशों के रामायण के संस्करणों के बारे में।...
कंबोडिया– रीमकर (Reamker)
कंबोडिया देश की राष्ट्रीय भाषा खमेर में लिखी गई रीमकर रामायण को कंबोडिया का राष्ट्रीय महाकाव्य माना जाता है। रीमकर रामायण को कविता के रूप में लिखा गया है, जिसमे रीमकर का अर्थ होता है प्रभु राम की महिमा। कंबोडिया में रामायण के प्रमाण सातवीं शताब्दी में सबसे पहली बार देखे गए थे, जब पुरातत्व विभाग ने पत्थर के शिलालेखों में रामायण के किरदारों को देखा था। 16वीं से 18वीं शताब्दी के बीच में इस रामायण को पुस्तक के रूप लिखा गया और संकलन किया गया था इसे दो भागों में लिखा गया था। पहले भाग में अयोध्या कांड एवं बाल कांड और दूसरे भाग में लंका कांड और उत्तर कांड। ऋषि वाल्मीकि जी का रामायण युद्ध कंबोडिया की इस रामायण में हिंदू और बौद्ध धर्म का एक बहुत सहज और आकर्षक मेल दिखाई पड़ता है।
कंबोडिया में रामायण को ज्यादातर नृत्य, संगीत और रंगमंच के नाटकों द्वारा प्रचलित किया जाता है। यह रीमकर रामायण, ऋषि वाल्मीकि जी की रामायण से सबसे करीब मानी जाती है क्योंकि इसमें भगवान हनुमान की कहानी, पात्रों और जगहों के नाम के अलावा बाकी सब लगभग समान है। कंबोडिया देश और विश्व के सबसे बड़े मंदिर परिसर अंगकोर वट और विश्व प्रसिद्ध बनते मंदिरों (Banteay Temple) की दीवारों में रीमकर रामायण की चित्रकारी दिखाई देती है। कंबोडिया के राष्ट्रीय त्योहारों में लोग लाखों नाम के रंगमंच में जाके रिमकर रामायण के नाटक देखने जाते है।
रीमकर रामायण और ऋषि वाल्मीकि जी की रामायण में अंतर
नाम में बदलाव:
प्रभु राम – प्रेह रिम
मां सीता – नेआंग सेडा
लक्ष्मण – प्रेह लेक
रावण – क्रोंग रिप
सुपर्णखा – सोप्फनखर
अंगद – अंगकुट
अयोध्या – आयुत्थ
भगवान हनुमान की व्यक्तिगत कहानी में बदलाव बाकी सभी घटनाएं वाल्मीकि रामायण के समान:
रीमकर रामायण में भगवान हनुमान की व्यक्तिगत कहानी को बदला गया है। इस रामायण में भगवान हनुमान बाल ब्रह्मचारी नहीं है, बल्कि उन्हें एक जलपरी जैसे जीव से प्रेम हो जाता है जिसका नाम सुवन्नमच्छ होता है। समुद्र पार करने के लिए जब राम सेतु बनाया जा रहा था उस समय भगवान हनुमान, सुवन्नमच्छ से मिले थे। सुवन्नमच्छ रावण की बेटी थी जिसे उसने राम सेतु के निर्माण को रोकने के लिए भेजा था। भगवान हनुमान और सुवन्नमच्छ का एक बेटा भी होता जिसका नाम मुदचनु बताया गया है।
फिलिपींस– महाराडिया लवाना (Maharadia Lawana)
रामायण का यह संस्करण शायद सबसे ज्यादा विवादास्पद और असामान्य हो सकता है क्योंकि फिलिपींस के इस रामायण संस्करण को मुस्लिम रामायण भी कहा जाता है। इस संस्करण को मुस्लिम रामायण इसलिए कहा जाता है,क्योंकि फिलिपींस देश में 16वीं शताब्दी के बाद इस्लामिक राजा और शहंशाओं ने राज किया जिसकी वजह से इसमें कई इस्लामिक हस्तियों और कहानियों को मिला दिया गया है। फिलिपींस की राष्ट्रीय भाषा फिलिपिनो में लिखी गई इस रामायण का अंग्रेजी अनुवाद 1960 के दशक के अंत में भारतवादी शोधकर्ता जुआन आर और फिलिपींस के मरनाओं विद्वान नागासुरा मदाले द्वारा किया गया था।
फिलीपींस में मिंडानाओ के दूरदराज के ऊंचे इलाकों में मारानोस जाती द्वारा हर जगह जैसे मदरसों और घरों में महाराडिया लवाना की कहानी बताई जाती है। यह रामायण फिलिपींस सामाजिक ताने-बाने का हिस्सा बन गई है, यह रामायण का उनका स्थानीय संस्करण है - एक कहानी जो फिलीपींस में हिंदू व्यापारियों की शुरुआती लहरों द्वारा लाई गई थी, जिसमें बाद के धर्मों- बौद्ध धर्म और इस्लाम के विचारों और किरदारों को शामिल किया गया था। फिलिपींस की यह रामायण प्रभु राम और लक्ष्मण को छोड़ रावण पर ज्यादा केंद्रित है।
महाराडिया लवाना में नामों का अंतर :
लंका – पोलो बंदियारमासीर
कैलाश पर्वत – पोलो नगर
अयोध्या – अगम नियोग
प्रभु राम – राडिया मंगादिरी
लक्ष्मण – राडिया मंगवारना
मां सीता – तोवन पोत्री मलानाओ तिहाया
भगवान हनुमान – लक्ष्मण
मिथीला – पुलु नबांदय
रामायण में बड़े और विवादास्पद बदलाव
रावण को बताया गया मुस्लिम सुल्तान और सुल्ताना का बेटा।
भगवान हनुमान को बताया प्रभु राम के पुत्र।
रावण ने भगवान शिव को छोड़ अल्लाह का किया तप।
रावण की मृत्यु नहीं होती।
मारीच और विभीषण का उल्लेख नहीं।
भगवान हनुमान और लव-कुश दोनों का मिश्रण हैं लक्ष्मण नाम का किरदार। जिसे इस रामायण में बताया गया भगवान हनुमान।
हमारी रामायण महाकाव्य की श्रृंखला में अभी और रामायण का आना बाकी है। इस श्रृंखला को शुरू करने के पीछे हमारा बस एक ही सिद्धांत है कि आपको यह बताया जाए कि रामायण की घटनाएं भले ही सात या दस हज़ार साल पहले घटित हुई हों लेकिन प्रभु राम का नाम केवल भारत ही नहीं दुनिया भर के इतिहास में शामिल है।
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