प्रवासी भारतीय दिवस
प्रवासी भारतीय दिवसSyed Dabeer Hussain - RE

प्रवासी भारतीय दिवस : साल 2021 में भेजे 6.5 लाख करोड़, जानिए देश के लिए क्यों महत्वपूर्ण हैं प्रवासी?

साल 2021 में कोरोना महामारी के बावजूद प्रवासी भारतीयों ने भारत में करीब 87 अरब डॉलर यानी करीब 6.5 लाख करोड़ रूपए भेजे जबकि साल 2022 में यह आंकड़ा 100 अरब डॉलर रहने का अनुमान है।
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राज एक्सप्रेस। हमारे देश में 9 जनवरी का दिन प्रवासी भारतीय दिवस के रूप में मनाया जाता है। दरअसल साल 1915 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी 9 जनवरी को ही दक्षिण अफ्रीका से भारत आए थे। यही कारण है कि प्रवासी भारतीय दिवस मनाने के लिए 9 जनवरी का दिन चुना गया। इसकी शुरुआत साल 2002 में की गई थी। देश में हर 2 साल में एक बार प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी होता है, जिसमें दुनियाभर के प्रवासी भारतीय शामिल होते हैं। इस बार यह कार्यक्रम मध्यप्रदेश में इंदौर में आयोजित किया जा रहा है। तो चलिए आज हम जानेंगे कि प्रवासी भारतीय क्या हैं? दुनिया में कुल कितने प्रवासी भारतीय हैं? और यह भारत के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?

प्रवासी भारतीय क्या हैं?

आमतौर पर प्रवासी शब्द उन लोगों के लिए उपयोग किया जाता है, जो रोजगार या अन्य किसी कारण से अपने देश को छोड़कर किसी दूसरे देश में जाकर बस गए हों। इसी तरह ऐसे भारतीय लोग जो दूसरे देशों में जाकर बस गए हों, उन्हें प्रवासी भारतीय कहा जाता है।

प्रवासी भारतीयों की संख्या :

विदेश मंत्रालय के अनुसार इस समय दुनिया में कुल 3.2 करोड़ प्रवासी भारतीय हैं। इस मामले में यह दुनिया का सबसे बड़ा प्रवासी समूह है। यह दुनिया के अलग-अलग देशों में रहते हैं। हालांकि प्रवासी भारतीयों की पहली पसंद अमेरिका, यूएई, सऊदी अरब, कनाडा और ब्रिटेन जैसे देश हैं। यहां बड़ी संख्या में प्रवासी भारतीय रहते हैं।

कितना पैसा भेजते हैं प्रवासी भारतीय?

प्रवासी भारतीय जिस भी देश में रहते हैं, वहां अच्छा-खासा पैसा कमाते हैं। जैसे अमेरिका में प्रवासी भारतीयों की सालाना कमाई औसतन करीब 89 हजार डॉलर है जबकि अमेरिकी नागरिकों की सालाना कमाई 50 हजार डॉलर है। इस पैसे का एक बड़ा हिस्सा यह भारत में अपने घरवालों को भेजते हैं। प्रवासियों से धन प्राप्त करने वाले देशों में भारत दुनिया में पहले स्थान पर है। साल 2021 में कोरोना महामारी के बावजूद प्रवासी भारतीयों ने भारत में करीब 87 अरब डॉलर यानी करीब 6.5 लाख करोड़ रूपए भेजे जबकि साल 2022 में यह आंकड़ा 100 अरब डॉलर रहने का अनुमान है। खास बात यह है कि यह पैसा डॉलर में भेजा जाता है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती है।

भारत की सॉफ्ट पॉवर है प्रवासी :

पिछले कुछ सालों में प्रवासी भारतीय भारत की सॉफ्ट पॉवर बनकर उभरे हैं। कई देशों की राजनीति में भी इनका अच्छा-खासा दबदबा है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन प्रशासन में करीब 130 भारतवंशी प्रमुख पदों पर हैं। अमेरिका की उपराष्ट्रपति, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री सहित कई देशों में भारतीय महत्वपूर्ण पदों पर हैं। ऐसे में इन देशों के लिए भारत के खिलाफ नीतियां बनाना आसान नहीं होता। इसके अलावा विदेशों में जब भी भारत पर कोई परेशानी आती है तो प्रवासी भारतीय एक्टिव हो जाते हैं। जैसे रूस-युक्रेन युद्ध के दौरान जब भारतीय छात्रों को युक्रेन से निकालना था तो युक्रेन और उसके पड़ोसी देशों में रहने वाले प्रवासी भारतीय एक्टिव हो गए। छात्रों को युक्रेन से निकालने, उनके रहने की व्यवस्था से लेकर उन्हें भारत भेजने तक में इन्होने बड़ी भूमिका निभाई।

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