हाइलाइट्स –
कोरोना के खतरे अपार
सूक्ष्म जीव खतरनाक/मददगार
सभी सूक्ष्म जीव खतरनाक नहीं
राज एक्सप्रेस। कोरोना के आसन्न खतरे के कारण सामान्य सर्दी बुखार जैसी स्थिति में घरेलू नुस्खों या रोग नाशक दवाओँ का सेवन कई मामलों में खतरनाक है। दरअसल मनुष्य के जीवन चक्र में सूक्ष्म जीवों का अहम स्थान है।
इनमें से अधिकांश जीव मानव के मित्र हैं वहीं कुछ शत्रु। इन कुछ शत्रुओं को मारने के लिए मानव जाति द्वारा किये जा रहे जतन भविष्य में खुद मानव के लिए बहुत घातक होंगे।
सूक्ष्म जीव का महत्व -
हमारे शरीर का स्वास्थ्य और समाज की जीवन शैली एवं जोखिम, बैक्टीरिया के सामने हमें उघाड़ (expose) कर रख देता है। मार्खम हीद (Markham Heid) ने विषय पर काफी विस्तार से ध्यान आकृष्ट कराया है। हीद स्वास्थ्य और विज्ञान विषय पर लंबे समय से कार्यरत विषय के जानकार जर्नलिस्ट हैं। उन्होंने सूक्ष्म जीवों के बारे में विस्तार से लिखा है।
इलेक्ट्रोस्टैटिक स्प्रे -
विमानों में यात्रियों की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए इलेक्ट्रोस्टैटिक प्रौद्योगिकी के साथ मिलाकर रासायनिक स्प्रे की युक्ति चर्चाओं में है। विशेषज्ञों की राय है कि भले ही इस तरीके से किसी भी सतह पर रासायनिक अभिक्रिया की प्रक्रिया से गुजरा जा सकता है।
लेकिन यह ताकीद भी दी जाती है कि, किसी भी प्रकार के सूक्ष्म खतरों विशेष रूप से कोरोना वायरस जैसे जानलेवा शत्रु के लिए यह युक्ति उतनी कारगर नहीं मानी जा सकती क्योंकि यह गुप्त शत्रु कहां छिपा हो, इसका सौ फीसद पता लगा पाना फिलहाल टेढ़ी खीर है। United Airlines के इस वीडियो को देखिये जिसे उसने पिछले अप्रैल में अपलोड किया था। साभार, यूट्यूब
United Airlines के वीडियो पर राय -
यूनाइटेड एयरलाइंस ने पिछले अप्रैल में इस विशेष वीडियो को बनाकर अपलोड किया था, लेकिन इसमें किये जा रहे दावों के मुकाबले सैनिटाइजेशन व्यवस्था अनोखी नहीं है।
बड़े पैमाने पर परिवहन प्राधिकरण के साथ ही अनगिनत व्यवसाय भी सैनिटाइजेशन व्यवस्था संबंधी दिशा निर्देशों का पालन करने और भयभीत जनता के भय की समाप्ति के लिए सैनिटाइजेशन संबंधित प्रयासों की लगभग एक सी दूरी नापते नजर आ रहे हैं।
अधिकांश प्रयासों के लिए कदमों का स्वागत किया गया है। यूनाइटेड एयरलाइंस के वीडियो पर पोस्ट की गई शीर्ष टिप्पणियों में से एक में लिखा है, "इस महामारी के बाद भी आप लोगों को इसे बनाए रखना चाहिए।"
यह भले ही मानव विचार हो लेकिन संक्रमण मुक्ति की यह बेजा लत मनुष्य के लिए भविष्य में खतरा साबित होगी। जानिये राज की बात राज एक्सप्रेस के साथ।
पूर्ण कीटाणु रहित परिवेश -
एक सदी से अधिक समय में चूंकि वैज्ञानिकों ने जब पहली बार जाना कि अनदेखे कीटाणु भी संक्रमण और बीमारी का कारण बनते हैं। ऐसे में अब हम विसंक्रमित वातावरण (sterile environments) को सुरक्षित मानते हैं।
और प्रकोप की शुरुआत में, जब हमें सावधानियों के बारे में बेहतर पता नहीं था। बस इतना सामान्य ज्ञान जनता को था कि समझदारी इसमें ही है कि जितना संभव हो सके हमारी किराना सामग्री, कपड़े और व्यक्तिगत स्थानों के साथ ही स्वयं को कीटाणु रहित रखा जाए।
पता लगाने में लगा समय -
कोरोना वायरस शोधकर्ताओं को यह पता लगाने में समय लगा कि इसके (कोरोना वायरस) सतह संचरण का जोखिम कम है। रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्रों ने हाल ही में इसे 10,000 में एक से भी कम पर आंका है। साथ ही आगाह किया गया है कि, मास्क, शारीरिक दूरी और वेंटिलेशन हमारे सबसे प्रभावी सुरक्षा उपाय हैं।
अब सर्वसम्मति से इस मान्यता को स्थान मिलने के बाद कि, कोरोना वायरस का सतह पर प्रसार नहीं, बल्कि वायु संचरण अधिक महत्वपूर्ण है। ऐसे संकेत मिलने के बाद भी जन मानस के बीच ऐहतियात के मामले में पुरातन तरीकों का ही जोर है, बल्कि भारत जैसे देश में तो अभी तक मास्क लगाना रिवाज (नेता/अभिनेताओं तक के बीच) नहीं बन पाया है।
सभी सूक्ष्म जीव खतरनाक नहीं -
स्वास्थ्य आधारित रिपोर्ट में चिंता जताई गई है कि हम अपने भीतर हर सूक्ष्म जीव का सफाया करते रहते हैं, हालांकि इनमें से अधिकांश हानि रहित हैं। उदाहरण के लिए न्यूयॉर्क सिटी सबवे 24-घंटे के सफाई प्रोटोकॉल से गुजर रहा है जिसमें पराबैंगनी प्रकाश और कई प्रकार के कीटाणु नाशक समाधान शामिल हैं।
सर्वेक्षण के आंकड़ों से पता चलता है कि सबवे से गुजरने वाले अधिकांश मुसाफिर इस सफाई सुरक्षा प्रोटोकॉल से सुरक्षित महसूस करते हैं। लेकिन इसके अपने खतरे हैं जानने के लिए शीर्षक Covid-19: कोरोना का वर्तमान इलाज भविष्य के लिए खतरे की घंटी पर क्लिक करें।
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डिस्क्लेमर – आर्टिकल प्रचलित विदेशी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। इसमें शीर्षक-उप शीर्षक और संबंधित अतिरिक्त प्रचलित जानकारी जोड़ी गई हैं। इस आर्टिकल में प्रकाशित तथ्यों की जिम्मेदारी राज एक्सप्रेस की नहीं होगी।
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