भारत-चीन तनाव के बीच सरकार ने तीसरी बार चीनी मोबाइल एप्स पर बैन लगाया

सीमा पर घुसपैठ के जवाब में भारत ने चीन पर एक बार फिर डिजिटल स्ट्राइक की है और उसके 118 एप्स बैन कर दिए हैं। मगर इससे बात नहीं बनेगी। हमें उन विकल्पों पर बात करनी होगी
चीनी मोबाइल एप्स पर बैन
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भारत-चीन के बीच जारी तनाव के बीच सरकार ने तीसरी बार चीनी मोबाइल एप्स पर बैन लगाया है। इस बार लोकप्रिय गेमिंग एप पबजी(PUBG) समेत 118 मोबाइल एप्स पर प्रतिबंध लगाया गया है। सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए इन पर बैन लगाया है। इस बार जिन चीनी एप्स पर प्रतिबंध लगाया गया है उनमें पबजी के अलावा लिविक, वीचैट वर्क और वीचैट रीडिंग, ऐपलॉक, कैरम फ्रेंड्स जैसे मोबाइल ऐप शामिल हैं। सरकार ने आईटी एक्ट के सेक्शन 69ए के तहत अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए इन मोबाइल एप्स पर बैन लगाया है। सरकार के मुताबिक ये एप्स भारत की संप्रभुता, रक्षा और राज्यों की सुरक्षा और पब्लिक ऑर्डर के खिलाफ गतिविधियों में शामिल थे। इससे पहले लोकप्रिय टिकटॉक समेत चीन के कई एप्स पर प्रतिबंध लगाए जा चुके हैं। जून के आखिर में भारत ने टिकटॉक, हेलो समेत चीन के 59 मोबाइल एप पर प्रतिबंध लगाया था। बाद में जुलाई के आखिर में 47 और चीनी एप्स पर प्रतिबंध लगाया गया। इस तरह अब तक चीन के 224 एप्स पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है।

राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा साबित हो रहे चीनी एप्स पर प्रतिबंध लगा कर भारत ने चीन को सख्त संदेश दिया है। भारत का यह कदम इस बात का स्पष्ट संकेत है कि चीन को उसकी हरकतों का मुंहतोड़ जवाब देने में सरकार हिचकिचाएगी नहीं। भारत सरकार के सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्रालय को इस तरह के एप्स के बारे में लंबे समय से शिकायतें भी मिल रही थीं कि इन एपों के माध्यम से चीन भारत के चप्पे-चप्पे की जासूसी तो करा ही रहा है, साथ ही वह सूचनाओं और आंकड़ों को दूसरे देशों को बेच भी रहा है। मगर सवाल यह भी है कि भारत ने जब चीन के टिकटॉक एप्स पर बैन लगाया और दूसरे देशों ने भी ऐसा किया, उसके बाद भी पड़ोसी देश के हेकड़ी कम नहीं हुई। माना जा रहा था कि टिकटॉक पर बैन के बाद चीन बेदम होगा और सुलह की मेज पर बैठेगा, मगर ऐसा कुछ नहीं हुआ। चीन पहले की तरह ही विवाद को हवा दे रहा है और घुसपैठ के इरादों को अपनाए है। ऐसे में सिर्फ एप्स पर बैन लगाने के बजाय उन दूसरे विकल्पों पर भी ध्यान देना होगा, जिनसे चीन की अर्थव्यवस्था जुड़ी है। चीन आज की तारीख में हर चीज बर्दाश्त कर सकता है, मगर अर्थव्यवस्था में नुकसान हरगिज नहीं।

भारत में चीनी मोबाइल ही सबसे ज्यादा इस्तेमाल हो रहे हैं। मोबाइल फोन बाजार पर चीनी कंपनियों के कब्जे का बड़ा कारण यह भी है कि चीनी फोन सस्ते पड़ते हैं और हर महीने कई नए मॉडल सामने आ जाते हैं। मोबाइल बाजार के साथ ही एप्स का बाजार भी बढ़ता जा रहा है। इसीलिए चीनी एप्स का खतरा बढ़ता चला गया। हालांकि, अब केंद्र सरकार ने रुख बदला है और चीनी कंपनियों का कारोबार रोका है, तो इसका असर समय के साथ दिखेगा, लेकिन तब तक चीन को कड़ा संदेश देने का मंतव्य तो रखना ही होगा।

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