केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने राहुल गांधी पर साधा निशाना

वर्तमान में बैंक कर्ज़ मामला काफी चर्चा में है। आये दिन नेताओं के इस मामले से जुड़े तीखे बोल सुनने में आ रहे हैं। वहीं अब इस मामले में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने राहुल गांधी पर निशाना साधा है।
Prakash Javadekar comment on Rahul Gandhi
Prakash Javadekar comment on Rahul GandhiKavita Singh Rathore -RE
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राज एक्सप्रेस। जहां पूरे देश में चारो तरफ कोरोना का संकट फैला हुआ है सभी लोग लॉकडाउन के चलते अपने-अपने घरों में है। वहीं, कुछ नेताओं को राजनीति सूझ रही है। आए दिन विपक्ष दल के नेताओं द्वारा अलग-अलग मामलों पर सरकार को घेरते हुए भद्दी टिप्पणी की जा रही हैं। इसी के तहत अभी बैंक कर्ज़ मामला काफी चर्चा में नजर आ रहा है। आये दिन अलग-अलग नेताओ के इस मामले से जुड़े तीखे बोल सुनने में आ रहे हैं। वहीं अब इस मामले में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने राहुल गाँधी पर निशाना साधा है।

क्या है मामला :

दरअसल, देश के बैंकों को चूना लगाने वाले भगोड़ों को लेकर अभी तक 50 बड़े विलफुल डिफॉल्टर्स का 66607 करोड़ रुपए से भी अधिक का कर्ज सामने आ चुका है। इसी को लेकर कांग्रेस और बीजेपी पार्टी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर लगातार जारी है। हाल ही में निर्मला सीतारमन और राहुल गांधी के वार के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को वित्त मंत्री पी चिदंबरम से ट्यूशन लेने की बात कहते हुए पलटवार किया है।

क्या कहा प्रकाश जावड़ेकर ने :

खबरों के अनुसार, केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि, "मैं राहुल गांधी के इस आरोप से हैरान हूं जो उन्होंने मोदी सरकार पर लगाया है कि सरकार ने 65 हजार करोड़ माफ कर दिए हैं, जबकि एक भी पैसा माफ नहीं किया गया है। कर्ज को बट्टे खाते में डालने का मतलब कर्ज माफ कर देना नहीं होता। राहुल गांधी को कर्ज माफी कर्ज बट्टे खाते में डालने का अंतर समझने के लिए वित्त मंत्री पी चिदंबरम से ट्यूशन लेना चाहिए।"

प्रकाश जावड़ेकर ने आगे कहा कि, "कर्ज को बट्टे के खाते में डालने का मतलब जमाकर्ताओं को बैंक की सही तस्वीरें दिखाने की सही प्रोसेस है और यह प्रोसेस बैंकों को कार्यवाही करने अथवा चूना लगाने वालों से वसूली करने से नहीं रोकता है। हमें यह देखना है कि, कैसे नीरव मोदी की संपत्ति जप्त कर नीलाम की गई, कैसे ऐसी ये हुआ कि, विजय माल्या के पास कोई विकल्प नहीं बचा है और हाई कोर्ट ने उसकी अपील को भी खारिज कर दिया है।"

राहुल गांधी का क्या आरोप :

बताते चलें, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए बड़े बैंक घोटालेबाजों के नाम पूछे और उन्होंने सरकार पर संसद में इन घोटालेबाजों के नाम छुपाने का भी आरोप लगाया है। राहुल गांधी ने ट्विटर पर ट्वीट कर कहा था कि, "संसद में मैंने एक सीधा सा प्रश्न पूछा था, मुझे देश के 50 सबसे बड़े बैंक घोटाले करने वालों के नाम बताइए। वित्त मंत्री ने मेरे प्रश्न पर कोई भी जवाब देने से मना कर दिया था। अब रिजर्व बैंक ने नीरव मोदी मेहुल चौकसी सहित भाजपा के मित्रों के नाम बैंक घोटाले बाजों की लिस्ट में डाले हैं इसलिए सांसद में सच को छुपाया गया।

बताते चलें, इससे पहले कांग्रेस प्रचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन में तंज कसते हुए कहा था कि, जब देश एकजुट होकर कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है ऐसे में सरकार का इन घोटालेबाजों का 68 हजार 607 करोड़ रुपए का कर्ज माफ करना आम जनता के प्रति उसकी दुर्भावना को जताता है। यह काम सरकार के मुखिया की सहमति के बिना संभव नहीं है इसलिए प्रधानमंत्री को देश की जनता को बताना चाहिए कि सरकार ने यह कर्ज क्यों और किस आधार पर माफ किया है।

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