हाइलाइट्स :
CAA के खिलाफ दायर याचिकाओं पर आज SC में हुई सुनवाई
नागरिकता कानून पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इंकार
CAA की याचिकाओं पर पांच जजों की बेंच करेगी सुनवाई
केंद्र सरकार को याचिकाओं पर जवाब देने के लिए 4 हफ़्तों का वक्त
CAA के खिलाफ 140 से भी ज्यादा याचिकाएं दाखिल
राज एक्सप्रेस। देश में वर्तमान में नागरिकता संशोधित कानून (CAA) का सबसे अधिक विरोध हुआ। इसी के मद्देनजर CAA पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुुुुई, परंतु इस दौरान केंद्र सरकार को राहत देते हुए नागरिकता संशोधन एक्ट की प्रक्रिया पर तुरंत रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने इंकार कर दिया है। अब इस मामले पर अगली सुनवाई पांच हफ्ते बाद होगी।
CAA के खिलाफ 140 याचिकाएं दाखिल :
सुप्रीम कोर्ट में CAA के खिलाफ लगभग 140 से भी ज्यादा याचिकाएं दाखिल हुई थीं एवं इन्हीं याचिकाओं की आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई है। बता दें कि, CJI एसए बोबड़े की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने सुनवाई की है। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस एस. ए. बोबडे ने कहा कि, हम अभी कोई भी आदेश जारी नहीं कर सकते हैं, क्योंकि काफी याचिकाओं को सुनना बाकी है, ऐसे में सभी याचिकाओं को सुनना जरूरी है।
वहीं, अटॉर्नी जनरल ने यह अपील की है कि, कोर्ट को आदेश जारी करना चाहिए कि अब मामले पर कोई नई याचिका दायर नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट में वकील वैद्यनाथन का यह कहना है कि, बाहर ऐसा मुस्लिम और हिंदुओं में डर है कि NPR की प्रक्रिया होती है, तो उनकी नागरिकता पर सवाल होगा, अभी NPR को लेकर कोई साफ गाइडलाइंस नहीं है।
सरकार से मांगा जवाब :
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाओं पर केंद्र सरकार को जवाब देने के लिए चार सप्ताह का समय दिया है। इसके बाद पांचवें हफ्ते में इस मामले पर सुनवाई होगी। इसके अलावा असम से जुड़ी याचिकाओं पर भी केंद्र सरकार को दो हफ्ते में जवाब देना होगा।
चीफ जस्टिस ने कहा है कि, पांच जजों की बेंच इस मामले पर सुनवाई करेगी कि इसपर स्टे लगाना है या नहीं...
CAA पर अलग-अलग कैटेगरी में होगी सुनवाई :
सुप्रीम कोर्ट में नागरिकता संशोधन कानून पर दायर याचिकाओं को अलग-अलग कैटेगरी में बांट दिया, इसके तहत अब असम, नॉर्थईस्ट के मामले की अलग सुनवाई की जाएगी। वहीं, उत्तर प्रदेश में CAA की जो प्रक्रिया शुरू की गई, उस पर भी अलग सुनवाई की जाएगी। कोर्ट ने सभी याचिकाओं की सूची जोन के अनुसार मांगी है, इसके अलावा जो बाकी याचिकाएं हैं, उनपर केंद्र को नोटिस जारी किया जाएगा।
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