Rafale का सच छुपेगा नहीं : राफेल भ्रष्टाचार पर सुरजेवाला की प्रेस वार्ता

कांग्रेस के प्रवक्‍ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा-जो ताज़ा खुलासे अब फ्रांस में हुए हैं, उन्होंने एक बार फिर शक की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ी, प्रथम दृष्टि से Rafale एयर क्राफ्ट सौदे में भष्टाचार साबित...
Rafale का सच छुपेगा नहीं: राफेल भ्रष्टाचार पर सुरजेवाला की प्रेस वार्ता
Rafale का सच छुपेगा नहीं: राफेल भ्रष्टाचार पर सुरजेवाला की प्रेस वार्ताTwitter Video
Published on
Updated on
2 min read

दिल्‍ली, भारत। राफेल (Rafale) को लेकर देश में काफी राजनीति हुई है और आज फिर राफेल डील का मुद्दा चर्चा में आया है। कांग्रेस के प्रवक्‍ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बताया, फ़्रान्स के पब्लिक प्रॉसिक्यूटर ने राफ़ेल सौदे में भ्रष्टाचार की जाँच शुरू की और हमारे देश के TV चैनलों ने ‘पूर्ण चुप्पी’ साध ली। इस दौरान रणदीप सिंह सुरजेवाला ने प्रेस वार्ता की है।

राफेल एयर क्राफ्ट सौदे में भष्टाचार साबित है :

प्रेस वार्ता कर कांग्रेस के प्रवक्‍ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा- जो ताज़ा खुलासे अब फ्रांस में हुए हैं, उन्होंने एक बार फिर शक की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ी, प्रथम दृष्टि से राफेल एयर क्राफ्ट सौदे में भष्टाचार साबित है, सामने है, जो कांग्रेस और राहुल गाँधी कहते रहे हैं, वो आज साबित हो गया है। 14 जून 2021 को फ्रांस के पब्लिक प्रोसीक्यूशन सर्विस ने राफेल कागजात में भ्रष्टाचार, घोर पूंजीवाद, नाजायज तौर से प्रभाव डालने और नाजायज तौर से लोगों को कैंडिडेट बनाने को लेकर एक भष्टाचार की जाँच शुरू कर दी।

भ्रष्टाचार की उस जाँच में फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति, जिनके समय में राफेल की एयर क्राफ्ट डील मोदी जी ने साइन की थी, श्री फ्रांस्वा हौलेंड, उनकी भूमिका की भी जाँच होगीए फ्रांस के मौजूदा राष्ट्रपति की भी जाँच होगी।

कांग्रेस प्रवक्‍ता रणदीप सिंह सुरजेवाला

मोदी सरकार और स्वीटहार्ट डील भी अब सामने आ गयी है :

रणदीप सुरजेवाला ने आगे ये भी कहा- इनके साथ-साथ उस समय के फ्रांस के रक्षा मंत्री, जो आज विदेश मंत्री भी हैं तथा अनिल अम्बानी जी की कंपनी रिलायंस भी जाँच के घेरे में है। मोदी सरकार और स्वीटहार्ट डील भी अब सामने आ गयी है, फ्रेंच वेबसाइट मीडिया पार्ट ने अब एक समझौता, जो दसाल्ट एविएशन और रिलायंस के बीच में हुआ था, उसके तथ्य कागजात सहित सामने रख दिए हैं।

इस दौरान रणदीप सिंह सुरजेवाला द्वारा यह भी बताया गया कि, ''फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा हौलेंड ने बकायदा एक इंटरव्यू में कहा था कि दसाल्ट के पार्टनर 'रिलायंस' को बनाने के निर्णय में उनकी कोई चॉइस नहीं थी, क्योंकि यह भारत सरकार के प्रभाव में किया गया निर्णय था। जो DRAL कंपनी बनाई गई, उसमें रिलायंस 51% मालिक है और दसाल्ट 49% मालिक है; इस कंपनी में दोनों भागीदारों 'रिलायंस और दसाल्ट' द्वारा 169 मिलियन यूरो का इन्वेस्टमेंट अधिक से अधिक करने का निर्णय किया गया।''

दसाल्ट, जो 49% हिस्सेदार है, वो एक 169 मिलियन यूरो में से 159 मिलियन यूरो लाने के लिए बाध्य होगी और 51% की मालिक रिलायंस केवल 10 मिलियन यूरो लाएगी।

रणदीप सिंह सुरजेवाला

रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा- दसाल्ट और रिलायंस के बीच क्लॉज़ 4.4.1 जो इस समझौते का है, उसमें जहाज बनाने की तकनीक और सारी विशेषज्ञता दसाल्ट एविएशन लाएगी तो रिलायंस क्या लाएगी? स्वाभाविक तौर पर इस समझौते के बाद भारत सरकार की कंपनी 'हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड' जो जहाज बनाती आई है, उसे राफेल सौदे से बाहर कर दिया गया।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

और खबरें

No stories found.
logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.com