संसद में बिना चर्चा के कानून रद्द किए, ये दिखाता है कि सरकार चर्चा से डरती है: राहुल
दिल्ली, भारत। संसद में आज सोमवार को शीतकालीन सत्र के पहले दिन लोकसभा में तीन विवादित कृषि कानूनों की वापसी से संबंधित कृषि विधि निरसन विधेयक 2021 को लेकर कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों के जोरदार हंगामे के बीच लोकसभा से यह विधायक पास हो गया है। ताे वहीं, संसद में बिना किसी चर्चा के बिल पास होने को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की प्रतिक्रिया आई है।
पूंजीपतियों की शक्ति किसानों के सामने खड़ी नहीं हो सकती :
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बताया कि, ''हमने कहा था कि, 3 काले क़ानूनों का वापस लेना पड़ेगा। हमें पता था कि, 3-4 बड़े पूंजीपतियों की शक्ति हिन्दुस्तान के किसानों के सामने खड़ी नहीं हो सकती और वही हुआ काले क़ानूनों को रद्द करना पड़ा। ये किसानों की सफलता है, देश की सफलता है।''
ये तीन क़ानून किसानों और मज़दूरों पर आक्रमण था। परन्तु किसानों और मज़दूरों की कठिनाइयां MSP, कर्ज़ माफी आदि लंबी लिस्ट है। वे अभी भी उनकी मांगें हैं, हम उनका समर्थन करते हैं।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी
गलती मानी है तो नुकसान की भरपाई तो करनी पड़ेगी :
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आगे यह भी कहा- आपने कहा प्रधानमंत्री ने माफी मांगी, इसका मतलब प्रधानमंत्री ने स्वीकार किया कि, उनकी ग़लती के कारण 700 लोग मारे गए, उनकी ग़लती से आंदोलन हुआ। अगर उन्होंने ग़लती मानी है तो नुकसान की भरपाई तो करनी पड़ेगी। जिस तरह से संसद में बिना किसी चर्चा के क़ानून रद्द किए गए, ये दिखाता है कि सरकार चर्चा से डरती है। सरकार जानती है कि उन्होंने ग़लत काम किया है। 700 किसानों की मृत्यु, क़ानूनों को लागू करने के पीछे किसकी शक्ति थी इस पर चर्चा होनी थी पर सरकार ने नहीं होने दी।
इसके अलावा राहुल गांधी ने ट्वीट कर यह भी लिखा- चर्चा नहीं होने दी- MSP पर शहीद अन्नदाता के लिए न्याय पर लखीमपुर मामले में केंद्रीय मंत्री की बर्ख़ास्तगी पर… जो छीने संसद से चर्चा का अधिकार, फ़ेल है, डरपोक है वो सरकार।
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