राज एक्सप्रेस। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने कार्यो द्वारा दिए गए योगदान के कारण हर वक्त चर्चा में रहते हैं, लगातार तीसरे साल भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छात्रों से परीक्षा पर चर्चा करना न भूले। इस साल भी PM मोदी ने आज अर्थात 20 जनवरी को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में ‘परीक्षा पे चर्चा 2020’ (Pariksha Pe Charcha 2020) कार्यक्रम के तहत छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों के साथ परीक्षा को लेकर चर्चा की और छात्रों को परीक्षा के तनाव से बचने के कई टिप्स बताए...
स्कूली छात्रों के साथ PM मोदी के संवाद कार्यक्रम का तीसरा संस्करण 'परीक्षा पे चर्चा 2020' के कार्यक्रम में पूरे भारत से हजारों की संख्या में छात्रों ने भाग लिया, जो बच्चे इस कार्यक्रम का हिस्सा न बने वह हमारी इस न्यूज रिपोर्ट से जान सकते हैं कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस कार्यक्रम के दौरान क्या-क्या बातें छात्रों को समझाईं।
पीएम मोदी ने छात्रों के साथ अपने संबोधन में कहा कि, आज का फैशन ''हैशटैग विदाउट फिल्टर'' है यानी खुल कर बातें करें दोस्त की तरह और गलती हो सकती है, आपसे भी और मुझसे भी अगर मुझसे गलती होगी तो TV वालों को भी मजा आएगा।
परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम का उद्देश्य :
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘परीक्षा पे चर्चा 2020’ कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों का परीक्षा का तनाव दूर करना था। उन्होंने अपने इस कार्यक्रम के शुरूआत में कहा, ‘‘मैं सबसे पहले नए साल 2020 की शुभकामनाएं देता हूं। यह केवल नया साल नहीं, बल्कि नए दशक की शुरुआत है। इस दशक में देश जो भी करेगा, उसमें 10वीं-12वीं के छात्रों का सबसे ज्यादा योगदान होगा। देश नई ऊंचाइयों को पाने वाला बने, नई सिद्धियों के साथ आगे बढ़े। यह सब इस पीढ़ी पर निर्भर करता है। इसलिए इस दशक के लिए मैं आपको अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं।’’
इस दौरान मोदी जी ने यह बात भी कही कि, ‘‘अगर कोई मुझे कहे कि सारे इतने कार्यक्रमों के बीच कौन सा कार्यक्रम दिल के करीब है, तो वह है परीक्षा पर चर्चा। मुझे अच्छा लगता है कि जब इसकी तैयारी होती है, तब युवा क्या सोच रहा है, इस बात को मैं महसूस कर सकता हूं।’’
क्यों होता है मूड ऑफ?
प्रधानमंत्री द्वारा मूड ऑफ के बारे में भी जिक्र किया और कहा कि, नौजवानों का मूड ऑफ होना ही नहीं चाहिए, लेकिन क्या कभी हमने सोचा है कि मूड ऑफ क्यों होता है? अपने खुद के कारण से या बाहर की परिस्थिति से...ज्यादातर मामलों में दिमाग खराब होता है, काम का मन नहीं करता। उसमें बाहर की परिस्थितियां ज्यादा जिम्मेदार होती हैं।
यदि आप पढ़ रहे हैं और अगर आपकी चाय 15 मिनट लेट हो जाए, तो आपका दिमाग खराब हो जाता है, लेकिन अगर आपने यह सोचा कि मां इतनी मेहनत करती है, इतनी सेवा करती है, जरूर कुछ हुआ होगा, जो मां चाय समय से नहीं दे पाई। तो आपका मूड अचानक से चार्ज हो जाता है। अपनी अपेक्षा पूरी न हो पाने के कारण हमारा मूड ऑफ होता है।
इसी बीच PM मोदी ने बच्चों को 'चंद्रयान 2 मिशन' का भी उदाहरण देते हुए कहा- ''विफलता के बाद रुके नहीं, आगे बढ़ें। अपेक्षा पूरी नहीं होने पर मूड ऑफ न करें। युवा पीढ़ी से बात करना मेरा सबसे बड़ा अनुभव है।''
मोटिवेशन और डिमोटिवेशन का सवाल :
PM मोदी ने बताया- मोटिवेशन और डिमोटिवेशन का सवाल है, जीवन में कोई व्यक्ति ऐसा नहीं है, जिसे ऐसे दौर से न गुजरना पड़ता हो। चंद्रयान को भेजने में आपका कोई योगदान नहीं था, लेकिन आप ऐसे मन लगाकर बैठे होंगे कि जैसे आपने ही ये किया हो, जब सफलता नहीं मिली तो आप सब डिमोटिवेट हो गए, कभी-कभी विफलता आपको परेशान कर देती है।
19 साल पुराने क्रिकेट मैच का किया जिक्र :
PM मोदी ने अपने उदाहरण के वक्त 19 साल पुराने यानी वर्ष 2001 के भारत-ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट मैच का जिक्र करते हुए बच्चों के एक सवाल के जवाब में कहा कि, उस मैच में राहुल द्रविण और वीवीएस लक्ष्मण आखिर तक डटे रहे और भारत को जीत दिलाई। इसी तरह से अनिल कुंबले के जबड़े में चोट लग गई थी, लेकिन उसके बाद भी उन्होंने खेलने का संकल्प लिया और उस मैच में 14 ओवर फेंके और भारत की टीम ने जीत हासिल की।
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