जिस दिन राज्यों को लताड़ा, उसी दिन वित्त मंत्रालय ने PM को किया शर्मिन्दा: चिदंबरम
दिल्ली, भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ कोविड को लेकर एक समीक्षा बैठक की थी, जिसमें उन्होंने राज्यों से पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों से नागरिकों को राहत देने के लिए ईंधन के करों में कटौती करने का आग्रह किया था। PM मोदी के आग्रह के बाद से अब विपक्ष के नेताओं का रिएक्शन का दौर जारी है। अब हाल ही में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तथा पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने GST मुआवज़े के तौर पर राज्यों के बकाया को लेकर केंद्र की मोदी सरकार की आलाेचना की है।
पी. चिदम्बरम ने किए ट्वीट्स :
इस दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तथा पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने मोदी सरकार को निशाने पर लेते हुए माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर पर ट्वीट साझा किए हैं, जिसमें उन्होंने लिखा, ''यह जानना काफी दिलचस्प होगा कि, क्यों वित्त मंत्रालय ने यह जानकारी उसी दिन कर प्रधानमंत्री को 'शर्मिन्दा' किया, जिस दिन को उन्होंने (PM नरेंद्र मोदी ने) राज्यों को 'लताड़ने' के लिए चुना था।''
जो राशि बकाया है, दरअसल वह इससे भी ज़्यादा है... अगर आप वह राशि जोड़ लेते हैं, जो राज्यों का बकाया के तौर पर दावा है, तो कुल राशि कहीं ज़्यादा होगी... सिर्फ कन्ट्रोलर ऑफ गवर्नमेंट अकाउंट्स (CGA) ही सही राशि की पुष्टि कर सकता है...
पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम
राज्यों का 78,704 करोड़ रुपया केंद्र सरकार पर बकाया है :
इसके अलावा अगले ट्वीट में पी. चिदंबरम ने कहा कि, ''जिस दिन प्रधानमंत्री ने पेट्रोल और डीज़ल पर VAT दरों को नहीं घटाने के लिए राज्यों को लताड़ा, वित्त मंत्रालय ने उसी दिन बताया कि राज्यों का 78,704 करोड़ रुपया केंद्र सरकार पर बकाया है।''
बता दें कि, बुधवार को वित्त मंत्रालय की ओर से यह कहा गया था कि, ''केंद्र सरकार ने मार्च, 2022 को समाप्त हुए वित्तवर्ष के लिए आठ माह के GST मुआवज़े की राशि को राज्यों को जारी कर दिया है, जबकि सेस फंड में अपर्याप्त राशि बची होने की वजह से 78,704 करोड़ रुपये की राशि पेन्डिन्ग रह गई है।''
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