कार्ति चिदम्बरम को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत

सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदम्बरम के सांसद पुत्र कार्ति चिदम्बरम को बुधवार को राहत प्रदान करते हुए विदेश यात्रा के तौर पर जमा 10 करोड़ रुपये वापस लेने की अनुमति दे दी।
Karti Chidambaram gets permission from Supreme Court to withdraw 10 crores
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राज एक्सप्रेस। पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के बेटे और सांसद कीर्ति चिदंबरम को सुप्रीम कोर्ट द्वारा राहत की खबर दी गई है। दरअसल, मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे जस्टिस इंदु मल्होत्रा जस्टिस ऋषिकेश राय द्वारा बुधवार को की गई सुनवाई में रामायण का गाना चिदंबरम को विदेश यात्रा करने की शर्त पर रजिस्ट्री में जमा कराए गए 10 करोड़ रूपये वापस लेने की अनुमति भी मिल गई है। बता दें इस बारे मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे की पीठ ने 17 जनवरी को रजिस्ट्री को 10 करोड़ रुपए की चीजें हम लोग को वापस लौटाने के आदेश भी दिए थे।

वकील की दलील :

दरअसल कार्ति चिदंबरम ने विदेश यात्रा के लिए गारंटी के लिए सुप्रीम कोर्ट को रजिस्ट्री की में जमा किए गए 10 करोड़ वापस देने की याचिका दायर की थी और उस सुनवाई के दौरान कार्ति चिदंबरम की तरफ से उनके वकील के वी विश्वनाथ ने अपनी बात रखते हुए कहा था कि, "कार्ति चिदंबरम में विदेश जाने के लिए सिक्योरिटी के तौर पर दो बार 10 -10 करोड़ रूपये सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री में जमा किए थे, लेकिन बहुत समय बीत जाने के बावजूद भी उन्हें में रुपए वापस नहीं मिले हैं। जबकि कोर्ट में कहा था कि, यात्रा से लौटने के बाद उन्हें वह रुपए वापस दे दिए जाएंगे।" वहीं, पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने ED के लिए नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।

याचिका हो गई थी खारिज :

बताते चलें, पिछले साल सितंबर में चिदंबरम ने एक याचिका दायर की थी। जिसे कोर्ट द्वारा खारिज कर दिया गया था। इस याचिका में विदेश यात्रा की अनुमति देने की शर्त और उनके द्वारा जमा किए गए 10 करोड़ रूपये को वापस लेने का अनुरोध किया गया था। परंतु पीठ ने सुनवाई के दौरान याचिका ख़ारिज कर दी थी और उनके वकील द्वारा कही गई बात को रद्द करते हुए 3 महीने तक रजिस्ट्री के पास ही रखने के आदेश दे दिए थे।

वहीं, मई में 2019 में कार्ति चिदंबरम की ओर से उनके वकील ने कहा था कि उन्हें 10 करोड़ रूपये का कर्ज लेने के लिए मजबूर होना पड़ा और अब वह ब्याज देने के लिए भी बाध्य हो गए हैं। ऐसी स्थिति में पहले जमा की गई राशि वापस की जानी चाहिए, लेकिन उनकी इस मांग पर तत्कालीन चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की वेकेशन बेंच ने इंकार कर दिया था।

पीठ का कहना :

पीठ का कहना था कि, अब उन्हें अपने संसदीय क्षेत्र की ओर ध्यान देना चाहिए उसके बाद पीठ ने यह भी कहा था कि, जनवरी में जमा 10 करोड़ रूपये को वापस करने के आदेश दिए जाएंगे, लेकिन फिर विदेश जाने के लिए 10 करोड़ की सिक्योरिटी की राशि को बढ़ाकर 20 करोड़ कर देंगे।

क्या है मुख्य मामला :

दरअसल, कार्ति चिदंबरम ने कोर्ट से विदेश यात्रा के लिए अनुमति मांगी थी। तब कोर्ट की पीठ ने 7 मई 2018 को कार्ति चिदंबरम को मई और जून में विदेश यात्रा करने की अनुमति दे दी थी, परन्तु साथ ही 10 करोड़ रूपये सुरक्षा राशि के रूप में जमा करने के आदेश दिए थे। तब कार्ति ने सुरक्षा राशि के तौर पर 10 करोड़ रूपये जमा किए थे। कोर्ट ने यह राशि वापस करने की शर्त पर जमा करने को कही थी, लेकिन चिदंबरम को अभी तक यह राशि वापस नहीं मिली है इसी राशि को वापस प्राप्त करने के लिए चिदंबरम ने कोर्ट में याचिका दायर की है।

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