जामिया मिल्लिया के छात्रों के समर्थन में आये ज्योतिरादित्य सिंधिया
राज एक्सप्रेस। नागरिकता संशोधन कानून को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। इसके खिलाफ देश में हिसंक प्रदर्शन, लोग सड़कों पर उतरकर सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। देश के शिक्षा संस्थानों में भी छात्र विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। जामिया और अलीगढ़ विश्वविद्यालय में पुलिस द्वारा बर्बरता के साथ छात्रों पर किए गए लाठीचार्ज के खिलाफ देश भर में आवाज़ उठ रही है।
जामिया मिल्लिया और अलीगढ़ के छात्रों के खिलाफ कार्रवाई और लाठीचार्ज पर अब देशभर के कई नेता समर्थन में आ गए हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जामिया मिल्लिया में छात्रों पर हुए लाठी चार्ज की कड़ी निंदा की है। उन्होंने पुलिस की कार्रवाई का विरोध किया है।
सिंधिया ने ट्वीट कर कहा कि :
कॉलेज के छात्रों के प्रति गुंडा राज की हिंसा और प्रदर्शन से नाराज। दिल्ली पुलिस का विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश करना और छात्रों पर लाठी और आंसू गैस बरसाना अस्वीकार्य है।
शिक्षा संस्थान युवाओं के लिए स्वतंत्र और सुरक्षित स्थान हैं। आप उनके परिसरों को तोड़ सकते हैं लेकिन आप उनकी आत्मा को नहीं तोड़ सकते। उन्हें बंद करने से केवल उनकी आवाज मजबूत होगी।
सिंधिया ने कैब का किया विरोध :
CAB-2019 संविधान की मूल भावना के ख़िलाफ़ है, भारतीय संस्कृति के विपरीत भी है। अंबेडकर जी ने संविधान लिखते समय किसी को धर्म, जात के दृष्टिकोण से नहीं देखा था।भारत का इतिहास रहा है कि, हमने सभी को अपनाया है- वासुदेव कुटुंबकम भारत की विशेषता है। धर्म के आधार पर पहले कभी ऐसा नहीं हुआ।
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