देवी-देवताओं का अपमान करने वाले को चौराहे पर दी जाए फांसी: इकबाल अंसारी
नई दिल्ली, भारत। डॉक्यूमेंट्री हिंदी फिल्म 'काली' (Kaali) इन दिनों चर्चाओं में है, फिल्म का हर तरफ विरोध किया जा रहा है। हिंदू संगठन के लोग लगातार इस फिल्म के पोस्टर का विरोध कर रहे हैं। डॉक्यूमेंट्री हिंदी फिल्म काली को लेकर विरोध के स्वर लगातार मुखर हो रहे हैं। साधु संतो सहित हिंदू संगठनों ने इस फिल्म पर आपत्ति जताई है। हाल ही में बाबरी के पूर्व पक्षकार इकबाल अंसारी ने इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा कि, ऐसे लोगों को चौराहे पर फांसी दे दी जाए।
इकबाल अंसारी ने कही यह बात:
बाबरी के पूर्व पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा कि, "सवाल हमारे देश का है और देश में देवी-देवताओं को सिगरेट पीते हुए दिखाया गया। उस जमाने में सिगरेट थी भी नहीं जो आज दिखाया जा रहा है। काली जी पूजनीय हैं। इस तरीके से धार्मिक भावनाओं को जो लोग ठेस पहुंचा रहे हैं। ऐसे लोगों पर सरकार कड़ी से कड़ी करवाई करें।"
इकबाल अंसारी ने आगे कहा कि, "हम चाहते हैं कि, देवी-देवताओं पर टिप्पणी न की जाए न ही गलत रूप में दिखाया जाए। हम मुसलमान हैं, लेकिन हिंदू देवी-देवताओं का सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा कि, जिस तरीके से काली जी को सिगरेट पीते हुए दिखाया गया है। हमारा संत समाज और हिंदू मुस्लिम दोनों समुदाय के लोग यह मांग करते हैं कि, सरकार के पास जो भी सजा हो चाहे व फांसी हो या उम्रकैद हो उनको दी जाए या ऐसी सजा दी जाए, जिससे लोग किसी भी धर्म को लेकर टिप्पणी ना कर सकें।"
जानकारी के लिए बता दें कि, फिल्ममेकर लीना मणिमेकलाई (Leena Manimekalai) की डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'काली' (Kaali) के पोस्टर की वजह से विवाद बढ़ गया है। धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में देशभर में कई जगह लीना के खिलाफ केस दर्ज किए गए हैं। फिल्म के पोस्टर में उन्होंने मां काली को सिगरेट पीते हुए और हाथ में एलजीबीटी का झंडा लिए हुए दिखाया है। पोस्टर सामने आने के बाद भारत में विवाद खड़ा हो गया है।
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