हाइलाइट्स:
ऑडियो, वीडियो और मीम्स के जरिए फैलाया जाएगा भ्रम।
उत्तर कोरिया भी हो सकता है चीन की मुहिम में शामिल।
अमेरिका और कनाडा में भी चीन कर चुका है चुनाव प्रभावित करने के प्रयास।
राज एक्सप्रेस। 2024 में भारत, अमेरिका और दक्षिण कोरिया सहित विश्व के कई बड़े देशों में चुनाव होने हैं। इन चुनावों को चीन AI के जरिए प्रभावित करेगा। माइक्रोसॉफ्ट ने इस बात की संभावना जताते हुए, विश्व को चेताया है। चीन पहले भी ताइवान के राष्ट्रपति चुनावों को AI के जरिए प्रभावित करने का अभ्यास कर चुका है। अब यह भारत सहित अमेरिका और दक्षिण कोरिया में भी ऐसा कर सकता है।
ताइवान में जनवरी 2024 में राष्ट्रपति के चुनाव हुए थे। इन चुनावों को माना जाता है, कि चीन ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के जरिए प्रभावित किया था। जिसके कारण ही डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (DPP) के विलियम लाई (William Lai) की चुनावों में जीत हुई थी। ऐसा ही कुछ अब चीन भारत और अमेरिका में भी करने के फिराक में है। चुनावों का फैसला अपने पक्ष में लाने के प्रयासों में चीन लोगों के बीच भ्रामक जानकारियां पहुंचा सकता है।
अप्रैल से जून के बीच भारत में लोकसभा के चुनाव होने है। अमेरिका में साल के अंत में चुनाव होने है, जिसके लिए जो बाइडन और डोनाल्ड ट्रंप के बीच प्रतिस्पर्धा शुरु हो गई है। 10 अप्रैल को दक्षिण कोरिया में भी पार्लियामेंट्री चुनाव होने है।
AI-जनरेटेड ऑडियो, वीडियो और मीम होंगे जरिया
माइक्रोसॉफ्ट के अनुसार आने वाले चुनावी सीजन में चीन AI के द्वारा बनाए गए ऑडियो, वीडियो और मीम्स को लोगों के बीच फैलाकर, उन्हें भ्रमित करने की फिराक में है। इसमें सोशल मीडिया की मुख्य भूमिका होगी। माइक्रोसॉफ्ट की रिपोर्ट में कहा गया है, कि अभी तक AI के जरिए फैलाए गए गलत कंटेंट का प्रभाव बहुत सीमित रहा है। पर चीन के लगातार इस दिशा में बढ़ते प्रयोग आने वाले चुनावी सीजन में बहुत प्रभावी हो सकते हैं। इसी तरह के AI-generated कंटेंट के प्रयोग से चीन ने ताइवान के चुनावों को प्रभावित किया था और विलियम लाई की जीत हुई थी।
उत्तर कोरिया भी देगा साथ
चीन के भारत, अमेरिका और दक्षिण कोरिया के चुनावों को प्रभावित करने में उत्तर कोरिया भी उसका साथ दे सकता है। माइक्रोसॉफ्ट ने चीन की इस मुहिम में उत्तर कोरिया के शामिल होने की आशंका जताई है।
यूएसए और कनाडा के चुनावों को प्रभावित करता आया है चीन
यह पहली बार नहीं है, जब चीन किसी देश के चुनावों को प्रभावित करने की कोशिश कर रह है। सालों से चीन के अलावा उत्तर कोरिया, रूस और ईरान भी, अमेरिका सहित अन्य कई देशों के चुनावों को प्रभावित करने की कोशिश करते आए हैं। चीन के इन प्रयासों का उद्देश्य उन उम्मीदवारों को जीतने से रोकना रहा है, जिनकी विचारधारा चीन विरोधी है। 2023 में अमेरिका के मिड टर्म चुनावों को भी चीन द्वारा प्रभावित करने की कोशिश की गई थी। यह दावा एक अमेरिकी इंटेलिजेंस असेसमेंट से हुआ था। मेटा भी 2023 में चीन के दुष्प्रचार अभियान को बाधित करने के पुष्टि कर चुका है। कनाडाई सुरक्षा खुफिया सेवा (Canadian Security Intelligence Service) ने भी 2019 के चुनावों में चीन द्वारा 250,000 डॉलर खर्च करने की बात कही थी। ये चुनावों को प्रभावित करने की मंशा से ही किया गया था।
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।