नोटबंदी पर कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस पर भड़की भाजपा, राहुल से पूछा यह सवाल
दिल्ली, भारत। मोदी सरकार द्वारा 2016 में 500 रुपये और 1000 रुपये के नोट नोटबंदी वाले फैसले पर आज सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने वाली सभी 58 याचिकाएं खारिज कर इसे सही ठहराया है। काेर्ट के इस फैसले के बाद अब नेताओं का रिएक्शन शुरू हो गया। इस दौरान भाजपा की ओर से कांग्रेस नेता राहुल गांधी से सवाल किया गया है।
आज कोर्ट ने इस निर्णय को सही पाया :
दरअसल, भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने आज संवाददाताओं को संबोधित किया और कहा- सुप्रीम कोर्ट का आज एक बहुत ही महत्वपूर्ण फैसला आया है। 2016 में मोदी सरकार के ऐतिहासिक फैसले, जिसमें 500 और 1,000 के नोटों को जो डिमोनेटाइज किया था, उसकी वैधानिकता को चुनौती देने वाली सारी याचिकाओं को कोर्ट ने अस्वीकार कर दिया है। ये पूरी नीति टेरर फंडिंग, फेक करेंसी और मनी लॉन्ड्रिंग आदि को रोकने के लिए की गई थी। टेररिज्म की रीढ़ को तोड़ने में डिमोनेटाइज ने महत्वपूर्ण काम किया। यह फैसला देशहित में किया गया था और आज कोर्ट ने इस निर्णय को सही पाया है। जबकि कांग्रेस ने इसे लेकर काफी हंगामा किया था।
कांग्रेस नेता बहुमत के फैसले की अनदेखी कर रहे हैं :
इस दौरान रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से सवाल भी किया और यह पूछा कि, ''राहुल गांधी ने नोटबंदी के खिलाफ अभियान चलाया था तो क्या अब वह अदालत के फैसले के बाद देश से माफी मांगेंगे।'' इतना ही नहीं रविशंकर प्रसाद ने पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम द्वारा न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना की टिप्पणी को रेखांकित करने पर आड़े हाथ लेते हुए यह आरोप भी लगाया कि, ''कांग्रेस नेता बहुमत के फैसले की अनदेखी कर रहे हैं और अपमानजनक बयान दे रहे हैं।''
भारत डिजिटल भुगतान के मामले में वैश्विक स्तर पर अग्रणी बन गया है, जिसे नोटबंदी के बाद बढ़ावा मिला है और देश में इस साल अक्टूबर में ही 12 लाख करोड़ रुपये से अधिक के 730 करोड़ से अधिक डिजिटल लेनदेन हुए हैं। असहमति जताने वाले न्यायाधीश ने यह भी कहा कि नीति नेक इरादे से बनाई गई थी।
रविशंकर प्रसाद
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नोटबंदी पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की परिभाषा: अदालत अपने ज्ञान के साथ कार्यपालिका के ज्ञान की जगह नहीं ले सकती है। यह विपक्ष के लिए एक संदेश है कि राजनीतिक बदला लेने के लिए न्यायपालिका का सहारा न लें। कार्यपालिका और न्यायपालिका की भूमिका स्पष्ट रूप से परिभाषित है।
भाजपा के आईटी सेल हेड अमित मालवीय
फैसले ने पुष्टि की है कि सरकार का निर्णय अपने आप में सही था और संवैधानिक रूप से वैध होने के मामले में यह संवैधानिकता की कसौटी पर खरा उतरता है। अब सरकार को उम्मीद है कि चुनौती देने वाले यह न कहें कि हम अदालत से निराश हैं और फिर उसका राजनीतिकरण करना शुरू कर दें और अदालत की स्वतंत्रता पर सवाल उठाएं। यह वास्तव में दुर्भाग्यपूर्ण है और इससे यह साबित होता है कि याचिका दायर करने का उनका इरादा राजनीतिक कारणों से था।
भाजपा प्रवक्ता नलिन कोहली
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