राजनीतिक हलचल: बिपिन रावत के बयान पर वार-पलटवार शुरू
राज एक्सप्रेस। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ मचे बवाल को लेकर आज अर्थात 26 दिसंबर को भारतीय सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत का बयान सामने आया है, जिससे राजनीतिक हलचल मचने लगी है और वार-पलटवार को दौर भी शुरू हो गया।
क्या है बिपिन रावत का बयान?
इसके अलावा उन्होंने आगे यह बात भी कहीं कि, "जब हम दिल्ली में खुद को सर्दी से बचाने के लिए पोशाक पहने खड़े हैं, मैं अपने उन जवानों को सम्मान देना चाहता हूं, जो सियाचिन में साल्तोरो ब्रिज पर मुस्तैद खड़े हैं और उन्हें भी, जो ऊंचाइयों पर मौजूद पोज़ीशन पर पहरा दे रहे हैं, जहां तापमान -10 से -45 डिग्री रहता है..."
AIMIM प्रमुख व दिग्विजय ने जताई आपत्ति :
सेना प्रमुख बिपिन रावत द्वारा दिए गए इस बयान पर सख्त प्रतिक्रिया आने लगी हैं। दरअसल, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने आर्मी चीफ बिपिन रावत के इस बयान पर आपत्ति जताई है।
क्या बोले असदुद्दीन ओवैसी?
असदुद्दीन ओवैसी ने आज ट्वीट करते हुए लिखा- ‘अपने कार्यालय की हद जानना भी एक नेतृत्व ही है, नेतृत्व वो है जो नागरिकता को सर्वोच्च स्थान पर रखे और उस संस्था की अखडंता को बरकरार रखें जिसकी आप अगुवाई कर रहे हो।’
दिग्विजय सिंह ने दिया यह जवाब :
वहीं, आर्मी चीफ के बयान पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा- ''आपके बयान से मैं सहमत हूं, लेकिन वो भी लीडर नहीं होते हैं जो अपने फॉलोवर्स को सांप्रदायिक हिंसा में शामिल होने के लिए मंजूरी देते हैं।''
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