Amit Shah Introduced Citizenship Bill
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राज्यसभा में नागरिकता बिल पेश, सदन में चर्चा शुरू

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में 'नागरिकता संशोधन बिल' को पेश करते हुए कहा-इस सदन के सामने एक ऐतिहासिक बिल लेकर आया हूं, इस बिल के जो प्रावधान हैं उससे लाखों-करोड़ों लोगों को फायदा होगा।
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राज एक्‍सप्रेस। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में 'नागरिकता संशोधन बिल 2019' को पेश (Amit Shah Introduced Citizenship Bill) कर दिया है, अब इस बिल को लेकर ऊपरी सदन में चर्चा शुरू हो चली है। इस पर अमित शाह ने सदन में कहा-

इस सदन के सामने एक ऐतिहासिक बिल लेकर आया हूं, इस बिल के जो प्रावधान हैं उससे लाखों-करोड़ों लोगों को फायदा होगा।

इसके आगे अमित शाह ने यह भी कहा कि, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश में जो अल्पसंख्यक रहते थे, उनके अधिकारों की सुरक्षा नहीं होती थी, उन्हें वहां पर समानता का अधिकार नहीं मिला था। जो अल्पसंख्यक धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत में आए, उन्हें यहां पर सुविधा नहीं मिली। पाकिस्तान में पहले 20 फीसदी अल्पसंख्यक थे, लेकिन आज 3 फीसदी ही बचे हैं। इस बिल के जरिए हिंदू, जैन, सिख, बौद्ध, ईसाई, पारसी शरणार्थियों को रियायत मिलेगी।

कांग्रेस की ओर से आनंद शर्मा का कहना-

पहले और अब के बिल में काफी अंतर है, सबसे बात करने का जो दावा किया जा रहा है उससे मैं सहमत नहीं हूं, इतिहास इसको कैसे देखेगा, उसे वक्त बताएगा। इस बिल को लेकर जल्दबाजी क्यों हो रही है? संसदीय कमेटी के पास इसे भेजा जाता और तब लाया जाता। 72 साल में ऐसा पहली बार हुआ है, ये विरोध के लायक ही है, ये बिल संवैधानिक, नैतिक आधार पर गलत है, ये बिल प्रस्तावना के खिलाफ है। ये बिल लोगों को बांटने वाला है, हिंदुस्तान की आजादी के बाद देश का बंटवारा हुआ था, तब संविधान सभा ने नागरिकता पर व्यापक चर्चा हुई थी। बंटवारे की पीड़ा पूरे देश को थी, जिन्होंने इस पर चर्चा की उन्हें इसके बारे में पता था।
कांग्रेस नेता आनंद शर्मा

राहुल ने ट्वीट में जताया विरोध :

इस बिल को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा- ''यह बिल सरकार का पूर्वोत्तर के लोगों, उनके जीने के तरीके और भारत के विचार पर आपराधिक हमला है।''

वहीं कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा कि, ''यह रोचक होगा कि, जो पार्टियां संघ और भाजपा की विचारधारा के खिलाफ हैं, उनका उच्च सदन में नागरिकता बिल पर वोटिंग में क्या रुख रहता है। चर्चा के दौरान वॉकआउट करना मोदी सरकार को समर्थन देने का सबसे आसान रास्ता है। नीतीशजी और रामविलासजी आप लोहिया के सिद्धांतों को मानते हैं तो थोड़ा सोचिए।''

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