क्‍या होता है वाइट लाइन फीवर
क्‍या होता है वाइट लाइन फीवरRaj Express

क्‍या होता है वाइट लाइन फीवर, लांग रोड ट्रिप पर जाने से पहले जान लें इसके बारे में

ज्यादातर रोड एक्सीडेंट हाईवे हिप्नोसिस का मुख्‍य कारण है। आखिर होता क्‍या है हाईवे हिप्नोसिस और कैसे बच सकते हैं इससे, जानते हैं यहां।
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हाइलाइट्स :

  • हाईवे हिप्नोसिस ड्राइविंग वातावरण में एकरसता के कारण होता है।

  • लंबी दूरी की यात्रा रात के बजाय दिन में पूरी करें।

  • अलर्ट रहने के लिए चाय पीते रहें, बहुत ज्‍यादा ना खाएं।

  • गाड़ी चलाते वक्‍त आप खुद को एक्टिव और अलर्ट रखकर इसे बच सकते हैं।

राज एक्सप्रेस। क्‍या आपने कभी हाईवे हिप्नोसिस के बारे में सुना है। अगर नहीं, तो आप अकेले ऐसे शख्‍स नहीं हैं। बहुत से लोग इसके बारे में नहीं जानते। यह एक ऐसी स्थिति है, जो रोड एक्सीडेंट का कारण बनती है। इसे वाइट लाइन फीवर भी कहते हैं। जब कोई व्यक्ति सुरक्षित गति से कार चला रहा होता है, तो उसका दिमाग अचानक से भटक जाता है और उसे कुछ याद नहीं रहता।

आमतौर पर नींद और थकान हाईवे हिप्नोसिस का कारण बनते हैं। 2004 में हेल्थलाइन द्वारा प्रकाशित एक रिसर्च के अनुसार, एक व्यक्ति का ओकुलोमोटर, इसमें मुख्‍य भूमिका निभाता है। ऐसा तब होता है जब कोई व्यक्ति लंबी दूरी तक गाड़ी चलाता है और सड़क को लगातार घूरता रहता है। इससे व्यक्ति अपना ध्यान खो देता है। जिससे दुर्घटना भी हो सकती है। तो आइए जानते हैं क्‍या होता है हाईवे हिप्नोसिस और लांग रोड ट्रिप के दौरान कैसे बच सकते हैं इससे।

क्‍या है हाईवे हिप्नोसिस

हाईवे हिप्नोसिस ड्राइविंग करने के दौरान किसी व्‍यक्ति की शारीरिक स्थिति है। यह स्थिति पूरी तरह से आपके दिमाग पर निर्भर है। लगभग ढाई से तीन घंटे की ड्राइविंग के बाद हाईवे हिप्नोसिस की शुरुआत होती है। इसमें ड्राइविंग करने वाले की आंखें खुली रहती हैं, लेकिन दिमाग एक्टिव नहीं होता। इसलिए सामने दिखने वाली चीज भी नजरअंदाज हो जाती है और टक्‍क्‍र होकर एक्‍सीडेंट हो जाता है। खास बात तो यह है कि इस स्थिति में टक्‍कर होने के 15 मिनट तक ड्राइवर को न तो वाहन का आभास होता है और न ही स्‍पीड का।

हाईवे हिप्नोसिस के लक्षण

  • ड्राउसीनेस

  • एकाग्रता में या फोकस में कमी

  • एक ही समय में सुस्ती या नींद महसूस करना।

  • आंखें बंद होना और पता न चलना।

  • दिमाग अलर्ट न रहना।

हाईवे हिप्नोसिस का कारण

दिन में ड्राइविंग के दौरान हमारा कंसंट्रेशन लेवल काफी हाई होता है। ऐसा इसलिए क्‍योंकि हमने अच्‍छी नींद ली होती है, नाश्ता के साथ चाय या कॉफी पी होती है। इसलिए आपका दिमाग फुल एक्टिव रहता है। वहीं रात के समय किसी दूर जगह जाते हुए पहले तो आपको डेस्टिनेशन पर पहुंचने की जल्‍दी है और आप बस सोने का इंतजार कर रहे हैं। सुनसान सड़क को लगातार घूरते हुए आप एक ही गियर में गाड़ी चला रहे हैं। इस दौरान आपके मस्तिष्क की सक्रियता कम हो जाती है। दस मिनट बाद एक ट्रक आपकी कार के पास से गुजरता है और हॉर्न बजाता है। नतीजा, आप अचानक सतर्क हो जाते हैं और आगे की सड़क पर ध्यान देते हैं और महसूस करते हैं कि आप सही मोड़ लेने से चूक गए हैं जिसे आपको लेना चाहिए था। ऐसा हाईवे हिप्नोसिस के कारण हो सकता है, जहां आप बिना समय याद किए ऑटो मोड में गाड़ी चलाते हैं।

हाईवे हिप्नोसिस से बचने के तरीके

  • लंबी यात्रा पर जाने से पहले अच्‍छी और भरपूर नींद लें।

  • लगातार ड्राइविंग न करें, हर दो घंटे में ब्रेक जरूर लें।

  • ब्रेक के दौरान एक कप कॉफी या चाय आपको अलर्ट रखेगी।

  • लंबी यात्रा कर रहे है, तो कोशिश करें कि ज्‍यादा यात्रा दिन के समय ही कवर हो जाए।

  • ड्राइविंग के दौरान सही पॉश्चर मेंटेन करें।

  • रियर व्‍यू मिरर चैक करते रहें।

  • ड्राइविंग के दौरान अलग-अलग साउंड ट्रैक सुनें। इससे दिमाग एक ही जगह फोकस न रहते हुए अलर्ट रहता है।

  • कार में बैठे लोगों से बातचीत करते रहें। पर ध्‍यान रखें कि सड़क से आपका ध्‍यान न भटके।

  • पानी पीते रहें और बहुत ज्‍यादा न खाएं।

  • ड्राइविंग के दौरान शराब से दूरी बनाएं रखें।

  • ऐसे रास्‍ते चुनें, जहां टर्न ज्‍यादा हो।

  • वाहन में ताजी हवा अंदर आने के लिए खिड़कियां खुली रखें।

हाईवे हिप्नोसिस कार एक्सीडेंट का कारण बन सकता है। इसलिए, कार चलाते समय मन को स्थिर रखना बहुत जरूरी है। यहां बताए गए टिप्‍स की मदद से आप लांग रोड ट्रिप पर ड्राइविंग के दौरान इस स्थिति से बच सकते हैं।

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