भारत सरकार ने चावल के निर्यात पर लगाई रोक।
चावल भारतीय आहार का मुख्य हिस्सा।
द ग्रेट वॉल ऑफ चाइना के निर्माण में हुआ था चावल का उपयोग।
दुनियाभर में चावल की 40,000 किस्में पाई जाती हैं।
राज एक्सप्रेस। भारत सरकार ने चावल के निर्यात पर रोक लगा दी है। बासमती चावल को छोड़कर बाकी सभी कच्चे चावल को इस लिस्ट में शामिल किया गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस महीने चावल के दाम में 10 से 20 फीसदी तक का उछाल आया है। बता दें भारत विश्व में चावल का सबसे बड़ा निर्यातक देश है। चावल भारतीय थाली का मुख्य हिस्सा है। यहां हर घर में रोजाना चावल बनता है। लोग चावल को दाल या रोटी से खाते हैं, वहीं कई लोग इसका पुलाव और बिरयानी भी बनाते हैं। आपने शायद चावल के बारे में इससे ज्यादा नहीं सोचा होगा। आपके लिए तो यह किचन में खाना पकाने का एक मुख्य सामान है, है ना? लेकिन चावल की खूबी बस यहीं तक ही सीमित नहीं है। इसके चर्चे यूं ही पूरी दुनिया में नहीं होते। चलिए हम यहां आपको चावल से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में बता रहे हैं। इन्हें जानने के बाद आपको अंदाजा लग जाएगा कि रोजाना खाए जाने वाले चावल की दुनिया में क्याें इतनी पूछ है और क्यों ये इतना ताकतवर है।
भारत के बाद चावल का सबसे बड़ा निर्यातक देश थाइलैंड है , जो करीब पचास लाख टन चावल बेचता है। दूसरे नंबर पर अमेरिका है। यह हर साल तीस लाख टन चावल का निर्यात करता है। जबकि तीसरा है वियतनाम जिसका सालाना निर्यात लगभग बीस लाख टन है। इसके बाद बारी आती है चीन की।
चावल का इतिहास चीन की दीवार से जुड़ा है। क्या आप जानते हैं कि ग्रेट वॉल ऑफ चाइना चावल से चिपकी हुई है। कोई इस बात पर यकीन नहीं करेगा, लेकिन बताया जाता है कि जब 15वीं और 16वीं शताब्दी में मिंग राजवंश के दौरान यह ग्रेट वॉल बनाई जा रही थी, तब मजदूरों ने दीवार के पत्थरों को एक साथ रखने के लिए मोर्टार के रूप में कैल्शियम कार्बोनेट के साथ चावल से बने एक तरह के दलिया का उपयोग किया था। क्योंकि चिपचिपे चावल में अच्छी मात्रा में एमाइलोपेक्टिन होता है। यह बहुत मोमी और चिपचिपा होता है, जो अगर चिपक जाए, तो छुड़ाए नहीं छूटता।
घर में रखी दाल या अन्य कोई फूड सालों तक रखे रहने के बाद खराब हो जाता है। लेकिन चावल एक ऐसा खाद्य पदार्थ है, जो 10 से 30 सालों तक ताजा और खाना लायक रहता है। यहां हम कच्चे चावल की बात कर रहे हें। जबकि ब्राउन राइस की शेल्फ लाइफ 3 से 6 महीने तक रहती है।
बात अगर व्हाइट राइस की करें, तो यह ब्राउन राइस से ही बनाया जाता है। सफेद चावल ब्राउन राइस ही है। जिसकी बाहरी चोकर परत को हटाने के बाद इसे पॉलिश कर दिया जाता है।
यूं तो चावल देशभर में उगाया जाता है। लेकिन अंटार्कटिका एक ऐसी जगह है, जहां चावल की खेती नहीं होती। चावल के सिर्फ एक बीज से 3,000 से ज्यादा दाने बन सकते हैं।
लोग नहीं जानते कि चावल हमें खुशी देता है। चावल में मौजूद कार्बोहाइड्रेट आपके मस्तिष्क में सेरोटोनिन का उत्पादन करते हैं। सेरोटोनिन एक हार्मोन है जो मूड को बेहतर बनाने और आपकी भूख को कम करने में मदद करने के लिए जाना जाता है।
चावल की खेती 10,500 वर्षों से ज्यादा समय से की जा रही है। वहीं अगर बात करें इसकी किस्मों की तो भारत में लगभग 6000 अलग-अलग प्रकार का चावल पाया जाता है। भारत के साथ-साथ पूरी दुनिया में इसके 40,000 किस्म पाई जाती हैं।
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