नलखेड़ा : बड़ा गांव में स्थित हैं चमत्कारिक भोगेश्वर महादेव

नलखेड़ा, मध्य प्रदेश : बड़ा गांव से एक किमी दूर भाटन नदी के किनारे घनी झाडियो के मध्य भगवान भोगेश्वर महादेव का मंदिर स्थित है जिसे झाडी मंदिर के भी नाम से जाना जाता है।
नलखेड़ा : बड़ा गांव में स्थित हैं चमत्कारिक भोगेश्वर महादेव
नलखेड़ा : बड़ा गांव में स्थित हैं चमत्कारिक भोगेश्वर महादेवRaj Express
Published on
Updated on
2 min read

नलखेडा, मध्य प्रदेश। तहसील के बड़ागांव में भाटन नदी के किनारे अतिप्राचीन भोगेश्वर महादेव मंदिर स्थित है जहां के चमत्कार के कई किस्से लोगों की जुबां पर हैं। यहा संपूर्ण श्रावण मास मे भक्तों का तांता लगा रहता है।

बड़ा गांव से एक किमी दूर भाटन नदी के किनारे घनी झाड़ियों के मध्य भगवान भोगेश्वर महादेव का मंदिर स्थित है जिसे झाड़ी मंदिर के भी नाम से जाना जाता है।

इस मंदिर के संबंध मे क्षैत्र के बुजुर्गो द्वारा बताया जाता है कि यहा वर्षो पूर्व शेर-शेरनी का निवास भी हुआ करता था। जिन्हें कई लोगों द्वारा कई मर्तबा देखा गया । इस मंदिर का निर्माण ग्वालियर महाराज द्वारा करवाया गया था। यहां के कई चमत्कार सुनाई देते है। वर्षो पूर्व हुए चमत्कारों को छोड़कर चार-पाँच वर्ष पूर्व भी श्रावण मास मे एक चमत्कार कई भक्तों द्वारा देखा गया। जिसमें एक दिन मध्यरात्रि को ताल-मृदंग के बजने की आवाजें सुनाई दी। वहां हो रहे रात्रि जागरण मे उपस्थित सैकड़ों भक्तों द्वारा इस आवाज को सुना गया। जबकि गर्भ गृह मे कोई भी उपस्थित नहीं था।

मंदिर निर्माण के समय से ही ग्वालियर महाराज द्वारा ब्रम्ह मूर्हूत में बाबा का पूजन महाअभिषेक और आरती की जो परंपरा प्रारंभ की गई थी। वह परंपरा आज भी जारी है।

मंदिर के पूर्व दिशा में शमशान व पश्चिम दिशा में नदी स्थित है। जो कि भगवान भोलेनाथ के मंदिरों के आस-पास कम ही दिखाई देती है।

मंदिर पर श्रावण मास मे अखण्ड रामायण का पारायण होता है। श्रावण के प्रत्येक सोमवार को भांग,पुष्प,पंचमेवा आदि से आकर्षक श्रृंगार किया जाता है तथा महाआरती के पश्चात 51 किलो महाप्रसादी का वितरण होता है। संपूर्ण श्रावण मास मे प्रतिदिन रात्रि जागरण के कार्यक्रम होते है। वर्तमान मे श्रावण मास मे यहा बाबा का पूजन अभिषेक करने वाले भक्तों का तांता लग रहा है।

पूर्णिमा पर निकलती है शाही सवारी :

श्रावण माह की पूर्णिमा के दिन बाबा भोगेश्वर महादेव की शाही सवारी निकाली जाती है। यह परंपरा वर्षो पुरानी है। पूर्णिमा पर प्रात: 10 बजे शाही सवारी प्रारंभ होती है जो संपूर्ण नगर का भ्रमण कर पुन: भोगेश्वर महादेव मंदिर पहुंचती है। वर्तमान मे इस शाही सवारी ने भव्य स्वरूप ले लिया है। इस सवारी मे नगर सहित आसपास के ग्रामों के हजारों भक्त शामिल होते हैं। लेकिन इस वर्ष वैश्विक महामारी कोरोना के चलते सरकार के निर्देशों के पालन में शाही सवारी नहीं निकाली जावेगी।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

और खबरें

No stories found.
logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.com