Guru Purnima: सर्वार्थ सिद्धि योग में मनाई जाएगी गुरु पूर्णिमा,दो दिन रहेगी

सर्वार्थसिद्धि योग 24 जुलाई को दोपहर 12.02 बजे प्रारम्भ होगा। पूर्णिमा तिथि का आरंभ 23 जुलाई, कल शुक्रवार को प्रात: 10 बजकर 44 मिनट से 24 जुलाई, शनिवार प्रात: 8 बजकर 07 मिनट तक रहेगी।
सर्वार्थ सिद्धि योग में मनाई जाएगी गुरु पूर्णिमा
सर्वार्थ सिद्धि योग में मनाई जाएगी गुरु पूर्णिमाSocial Media
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ग्वालियर, मध्यप्रदेश। आषाढ़ माह की पूर्णिमा 24 जुलाई शनिवार को सर्वार्थसिद्धि योग में मनाई जाएगी। सर्वार्थसिद्धि योग 24 जुलाई को दोपहर 12.02 बजे प्रारम्भ होगा। पूर्णिमा तिथि का आरंभ 23 जुलाई, कल शुक्रवार को प्रात: 10 बजकर 44 मिनट से 24 जुलाई, शनिवार प्रात: 8 बजकर 07 मिनट तक रहेगी। पूर्णिमा व्रत 23 जुलाई को रखा जाएगा। गुरु पूर्णिमा का पर्व भारत में बड़ी ही श्रद्धा और भक्तिभाव के साथ मनाया जाता है।

ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि इस दिन गुरुओं का सम्मान किया जाता है और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है। शास्त्रों में गुरु की विशेष महिमा बताई गई है। गुरु के बिना ज्ञान की प्राप्ति नहीं होती है। ज्ञान ही हर प्रकार के अंधकार को दूर कर सकता है। गुरु को विशेष दर्जा प्रदान किया गया है। गुरु को ईश्वर से भी अधिक पूजनीय माना गया है। गुरु पूर्णिमा पर्व पर गुरुजनों को समर्पित है। पुराणों में कहा गया है कि गुरु ब्रह्मा के समान है और मनुष्य योनि में किसी एक विशेष व्यक्ति को गुरु बनाना बेहद जरुरी है। क्योंकि गुरु अपने शिष्य का सृजन करते हुए उन्हें सही राह दिखाता है। इसलिए गुरु पूर्णिमा के दिन लोग अपने ब्रह्मलीन गुरु के चरण एवं चरण पादुका की पूजा अर्चना करते हैं। गुरु पूर्णिमा के दिन अनेक मठों एवं मंदिरों पर गुरुओं की पूजा-अर्चना की जाती है।

हनुमानजी महाराज को बनाएं अपना गुरु :

संकट मोचन हनुमान बालाजी मंदिर गोल पाड़ा पर प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी हनुमान जी को गुरु मानते हुए विधिवत पूजा अर्चना कर गुरु पूर्णिमा मनाई जाएगी और जय जय जय हनुमान गोसाई कृपा करहूं गुरुदेव की नाई। चौपाई को सेवकों के द्वारा एक लाख बार जाप किया जावेगा जिससे गुरु के रूप में हनुमान जी महाराज भक्तों को ज्ञान प्रदान करें क्योंकि कलयुग में हनुमान जी महाराज को ज्ञान का गुण का सागर कहा गया है। चरण सेवक जगवीर दास तोमर का कहना है कि प्रथम गुरु मां द्वितीय गुरु पिता तृतीय गुरु शिक्षक तीनों ही प्रकृति के नियमों के अनुसार स्वर्ग सिधार जाएंगे लेकिन हनुमान जी महाराज अदृश्य रूप से सदा सदा अपने सेवक के साथ खड़े दिखाई देते हैं वह अजर अमर का वरदान पाये हुए हैं त्रेता में राम जी के साथ द्वापर में कृष्ण भगवान के रथ पर कलयुग यानी वर्तमान में अपने सेवकों का कल्याण कर रहे हैं।

गुरु पूर्णिमा पूजा विधि :

गुरु पूर्णिमा के दिन सबसे पहले अपने घर की उत्तर दिशा में एक सफेद वस्त्र पर अपने गुरु का चित्र रख दें। और उसके उन्हें फूलों की माला पहनाएं। इसके पश्चात आप अपने गुरु को मिठाई का भोग लगाएं। और गुरु की आरती करके उनका आशीर्वाद करें। गुरु पूर्णिमा के दिन सफेद और पीले वस्त्र पहनकर पुष्प, अक्षत और चंदन से उनकी पूजा करें।

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