शमी का पौधा
शमी का पौधाRaj Express

दशहरे पर घर ले आएं सोना देने वाला ये पौधा, कंगाल को भी मालामाल कर देता है ये

दशहरा पर शमी के पौधे की पूजा करने की परंपरा है। कहते हैं जिस घर में यह पौधा है, वहां साक्षात लक्ष्‍मी का वास होता है।
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हाइलाइट्स :

  • विजयादशमी पर शमी के पौधे की होती है पूजा।

  • घर के ईशान कोण में लगाएं यह पौधा।

  • शमी को कहते हैं सोना देने वाला पौधा।

  • शमी की पूजा करने से नहीं होती धन दौलत की कमी।

राज एक्सप्रेस। भारत एक ऐसा देश है, जहां जीव और निर्जीव दोनों को महत्‍व दिया जाता है। खासतौर से पूजा पाठ और अनुष्‍ठानों में इन्‍हें बराबर का सम्‍मान देते हैं। नवरात्रि की शुभ नौ रोतों के बाद आने वाला है दशहरा। विजयादशमी बुराई पर अच्‍छाई की जीत का पर्व है। इसके अलावा यह शक्ति के मिलन का प्रतीक भी है। क्योंकि इस दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था। इस शुभ त्योहार पर मुख्य रूप से रावण दहन किया जाता है और घर-घर में शमी के पत्तों की पूजा की जाती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह पौधा समृद्धि और सफलता का प्रतीक हैं। कहते हैं कि इस दिन शमी के पत्‍ते को बांटना भी शुभ होता है। तो आइए जानते है दशहरे पर शमी के पौधे का इतना महत्‍व क्‍यों होता है। क्‍यों लोग इस पौधे को घर लाकर इसकी पूजा करते हैं।

शमी के पूजन से मिलते हैं ये लाभ

दशहरे के दिन शमी के पौधे का पूजन करने का बहुत महत्‍व है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान राम ने शमी की पूजा करने के बाद ही लंका पर विजय पाई थी। वहीं पांडवों के अज्ञातवास में भी शमी की अहम भूमिका रही। इससे शमी के पेड़ की तेजस्विता और धैर्यता का पता चलता है। यही कारण है कि यज्ञ में अग्नि जलाने के लिए हमेशा शमी की लकड़ी का ही उपयोग किया जाता है।

होती है धन की वर्ष

एक अन्‍य पौराणिक कथा के अनुसार, कौत्‍सय म‍हर्षि वर्तन्‍तु के शिष्‍य थे। शिक्षा पूरी होने के बाद उन्‍होंने गुरु दक्षिणा के रूप में 14 करोड़ स्वर्ण मुद्रा की मांग की थी। कौत्‍स रघु के पास गए। महाराजा रघु का खजाना खाली हो गया था। महाराज ने रघु से तीन दिन का समय मांगा और स्‍वर्णलोक पर आक्रमण करने का सोचा। रघु के इस विचार से इंद्र डर गए और उन्‍होंने कुबेर से रघु के राज्‍य में धन की वर्षा करने के लिए कहा। कुबेर ने शमी वृक्ष के जरिए राजा रघु के यहां धन की वर्षा की। कहते हैं जिस दिन ऐसा हुआ, उस दिन विजयादशमी थी।

सोना देने वाला पेड है शमी

कई जगह शमी को सोना देने वाला पेड़ भी कहा जाता है। मान्‍यता के अनुसार, दशहरे के दिन जब कुबेर ने राजा रघु को स्‍वर्ण मुद्रा देने का मन बनाया, तो उनके पास शमी के पत्‍ते थे, जिसे उन्‍होंने सोने का बना दिया था। तभी से शमी को सोने का पड़े माना जाने लगा।

कहां लगा सकते हैं शमी का पौधा

वैसे तो यह पौधा शनिवार के दिन लगाना शुभ मानते हैं। लेकिन आप इसे विजयदशमी के दिन भी लगा सकते हैं। इसे घर के बाहर, अंदर, जमीन पर या फिर गमले में लगाया जा सकता है। इसे ईशान कोण में लगाने से बहुत लाभ मिलता है। घर में शमी का पौधा है, तो हर रोज इस पर जल जरूर चढ़ाएं। मान्‍यता है कि ऐसा करने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है।

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