ऑफिस में काम का रहता है प्रेशर।
अनुभव और वक्त के साथ हैंडल हो जाता है प्रेशर।
रेगुलर एक्सरसाइज करें।
ब्रेक लेने की आदत डालें।
राज एक्सप्रेस। आजकल हर व्यक्ति फ्रीडम चाहता है। खासतौर से वर्कप्लेस पर किसी को भी दबाव में काम करना पसंद नहीं है। लेकिन ऑफिसों में कामकाज के बीच हल्का फुल्का प्रेशर तो रहता ही है। यहां तक की हाई पोस्ट पर बैठे लोग भी वर्क प्रेशर के चलते ठीक से काम नहीं कर पाते और घबरा जाते हैं। कुछ लोग प्रेशर में आकर गुस्से वाले या चिड़चिड़े हो जाते हैं, जबकि कुछ इस वर्कप्रेशर को आसानी से हैंडल कर लेते हैं। जो ऐसा करते हैं, वो तरक्की की सीढ़ियां भी जल्दी से चढ़ लेते हैं। लेकिन, क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसे लोग तनावपूर्ण परिस्थितियों में भी कैसे शांत रह पाते हैं? तो, आइए जानते हैं दबाव में शांत रहने वाले लोगों की इन आदतों के बारे में, जिन्हें आपको भी अपनाना चाहिए।
इन दिनों माइंडफुलनेस एक चर्चा का विषय है। यह एक साइकोलॉजिकल टूल है जो लोगों को दबाव में शांत रहने में मदद करता है। अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन के अनुसार, जो लोग माइंडफुलनेस का अभ्यास करते हैं, वे चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी अपने मस्तिष्क को शांत और केंद्रित रखने में सक्षम होते हैं। तो जब भी आपको दबाव महसूस हो, तो गहरी सांस लें।
एक्सरसाइज केवल फिजिकल फिटनेस के लिए नहीं होती। यह हमारे मानसिक स्वास्थ्य में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। रेगुलर फिजिकल एक्टिविटी करने से एंडोर्फिन रिलीज होता है, जो एक 'फील-गुड' हार्मोन है और तनाव को दूर रखने में मदद करता है। अगर आपको लगता है कि आपके ऊपर काम का बहुत ज्यादा प्रेशर है, तो रोजाना 20 मिनट की तेज सैर भी आपको प्रेशर में कूल डाउन रख सकती है।
हर ऑफिस का अलग माहौल होता है। कितना भी चिल्ड आउट ऑफिस हो, समय पर काम पूरा करने का दबाव हर जगह बनाया जाता है। यह आप पर निर्भर करता है, कि आप इसे कैसे लेते हैं। अगर आप चाहते हैं कि प्रेशर का असर आपके काम पर ना पड़े, तो अपना एटीट्यूड पॉजिटिव रखें। माना कि हाई प्रेशर में नेगेटिविटी हम पर हावी हो जाती है, लेकिन यह केवल आपकी चिंता बढ़ाती है। इसलिए हमेशा पॉजीटिव सोचें।
काम चाहे कितना भी ज्यादा क्यों न हो, मेंटल पीस के लिए बीच-बीच में ब्रेक लेने की आदत बनाएं। यह आपके दिमाग को आराम करने और रिचार्ज करने का मौका देती है। इससे आपको नए फोकस और ऊर्जा के साथ काम पर वापस आने में मदद मिलती है। आप चाहें, तो शॉर्ट वैकेशन पर जा सकते हैं। याद रखें कि काम का मतलब कड़ी मेहनत करना नहीं, बल्कि स्मार्ट तरीके से काम करना है।
नकारात्मकताओं पर ध्यान देने के बजाय, अपने जीवन में अच्छी चीजों को पहचानें। यह पॉजिटिव फोकस दबाव और चिंता की भावनाओं को कम करने में मदद कर सकता है।तो अगली बार जब दबाव महसूस करें, तो कुछ देर सोचें कि आप किस चीज़ के लिए आभारी हैं। यह एक साधारण सी आदत है, जो बड़ा बदलाव ला सकती है।
जब हम दबाव में होते हैं, तो हमारी हृदय गति बढ़ जाती है और हम तेजी से सांस लेते हैं। जब भी ऐसा हो, तो गहरी सांस लें। इससे हृदय गति धीमी हो जाती है। जिसके बाद शांति का अहसास होता है। याद रखें कि आप गहरी सांस लें तो आपका पेट बाहर की ओर फैलना चाहिए।
जिन लोगों को सीनियर्स से तारीफ सुनना पसंद होता है, उन पर काम का प्रेशर भी डाला जाता है। अगर आप इन्हीं लोगों में से हैं, तो हर काम को खुद से करने की आदत न डालें। काम ज्यादा है, तो दूसरों की मदद लेने से हिचकिचाएं नहीं। दबाव से निपटने के लिए अपना सपोर्ट सिस्टम होना बहुत जरूरी है।
याद रखें, तनाव और दबाव जीवन के हिस्से हैं। लेकिन इन्हें खुद पर हावी न होने दें। अगली बार जब आप दुनिया का भार अपने कंधों पर महसूस करें, तो थोड़ा रुकें। गहरी सांस लें, सकारात्मक सोचें और फिर काम को पूरा करने में लग जाएं। ये आदतें आपको अंडर प्रेशर भी बढ़िया काम करने के लिए मोटिवेट करेंगी, जिससे आपका खूब नाम होगा।
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