क्लीनोमेनिया
क्लीनोमेनियाSyed Dabeer Hussain - RE

आपका भी होता है दिनभर बेड पर पड़े रहने का मन, तो इस बीमारी से पीड़ित हैं आप

अगर किसी व्‍यक्ति को लगातार बिस्‍तर पर पड़े रहने की इच्‍छा होती है, तो मतलब है कि उसे “क्लीनोमेनिया” है। यह एक पर्सनल डिसऑर्डर है, जो तनाव से गुजर रहे लोगों में ज्‍यादा देखने को मिलता है।
Published on

राज एक्सप्रेस। संडे को जल्‍दी बिस्‍तर से उठना किसी को भी पसंद नहीं होता। सर्दी के मौसम में सुबह-सुबह कंबल ओढ़कर बिस्‍तर में पड़े रहने को मन करता ही है। ये बहुत आम भावनाएं हैं, जो लगभग हर कोई महसूस करता है। लेकिन कुछ ऐसे लोग हैं, जो न केवल अपने काम को टालते हैं, बल्कि उबासी लेते हुए मोबाइल देखते हुए दिनभर बिस्‍तर पर आराम फरमाते हैं। अगर ऐसा है, तो इसे हल्‍के में ना लें। लोगों के इस व्‍यवहार को “क्लीनोमेनिया” कहा जाता है। यह समस्‍या तनाव और अवसाद से ग्रसित लोगों में ज्‍यादा देखने को मिलती है। एक शोध के मुताबिक हर व्‍यस्‍क को रात में 7-8 घंटे की नींद लेनी चाहिए। इससे ज्‍यादा नींद आपको क्लीनोमेनिया का शिकार बना देती है। तो आइए जानते हैं क्‍या है क्लीनोमेनिया, इसके लक्षण और बचाव के बारे में।

क्‍या है क्लीनोमेनिया

क्लीनोमेनिया एक बीमारी है, जिसमें व्‍यक्ति को बेड से नीचे उतरने की इच्‍छा ही नहीं होती। उसका मन बस बिस्‍तर पर पड़े रहने का करता है। विशेषज्ञ कहते हैं कि इसमें व्‍यक्ति अपने कमरे के तापमान और लाइट से इतना कंफर्टेबल हो जाता है कि उसका दिमाग उसे छोड़कर जाना ही नहीं चाहता। क्लीनोमेनिया से पीड़ित लोग अक्‍सर आलसी, सुस्‍त और काम को टालने वाले लोगों की कैटेगरी में शामिल हो जाते हैं।

कैसे जानें, आपको क्लीनोमेनिया है

  • सुबह उठते ही फिर सोने का मन करे।

  • दिनभर बिस्‍तर पर ही टीवी देखने, चाय और खाना खाने का मन करे।

  • अपना ज्‍यादातर समय बिस्‍तर पर बिताने की इच्‍छा हो

  • सोने के बावजूद भी दिनभर थकान बनी रहना और नींद आना।

  • मूड स्विंग होना।

  • खुद पर ध्‍यान देना बंद कर देना।

क्लीनोमेनिया से होने वाले नुकसान

  • स्‍लीपिंग साइकिल डिस्‍टर्ब होती है।

  • शरीर में घाव और अकड़न महसूस होना

  • फिजिकल पॉश्चर प्रभावित होना

  • अकेलेपन और निराशा की भावनाओं का अनुभव करना

  • मांसपेशियों और हड्डियों के कमजोर होने के साथ प्रतिरक्षा प्रणाली भी कमजोर हो जाती है।

  • मोटापा बढ़ सकता है।

क्लीनोमेनिया से कैसे करें बचाव

स्‍लीपिंग रूटीन फॉलो करें

नींद पूरी करने से इस समस्‍या से छुटकारा पाया जा सकता है। इसके लिए एक अच्‍छा स्‍लीपिंग रूटीन तैयार करें और एक ही जगह व एक ही समय पर सोने और उठने की आदत डालें। रात में 7-8 घंटे की नींद ठीक से काम करने व शारीरिक और मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य को ठीक रखने के लिए पर्याप्‍त है।

बाहर समय बिताएं

कुछ समय बाहर जाकर धूप का आनंद लें। इससे अच्‍छी नींद आती है। जब आप रोजाना कुछ देर के लिए धूप लेने लगेंगे, तो दिनभर सोने की इच्‍छा अपने आप कम हो जाएगी।

निपटने के तरीके पर ध्‍यान दें

अगर आपको कोई समस्या है, तो उसमें बंधे रहने के बजाय उससे मुकाबले करने की स्किल डेवलप करें। आप खुद इस समस्‍या का समाधान करने में सक्षम हैं।

रिलैक्सेशन तकनीक अपनाएं

बहुत ज्‍यादा परेशान होने पर हम कठिनाई से बचते हैं और बिस्तर पर पड़े रहते हैं। यह गलत है। दिमाग और शरीर को आराम देने के लिए रिलैक्सेशन तकनीक अपनाएं। इसमें गहरी सांस लेना, हर्बल टी पीना, योगा, मेडिटेशन और सैर करना शामिल है।

बता दें कि क्‍लीनोमेनिया कोई गंभीर बीमारी नहीं है। यहां बताए गए तरीकों को अपनाने और डेली लाइफ में एक्टिव रहने से यह समस्‍या जल्‍दी ठीक हो सकती है।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.com