हर साल 4 फरवरी को मनाया जाता है वर्ल्ड कैंसर डे।
ब्रेस्ट कैंसर के बाद सर्वाइकल कैंसर की बीमारी महिलाओं में आम है।
इस बीमारी में वरदान है एचपीवी वैक्सीन।
10-11 वर्ष की उम्र में एचपीवी वैक्सीन लगवाना बेस्ट है।
World Cancer Day : क्या आपने एचपीवी वैक्सीन लगवाई है। महिलाओं से अगर ये सवाल पूछा जाए, तो ज्यादातर का जवाब ना होगा। कई तो इसके बारे में जानती तक नहीं होंगी। कैंसर के लगातार बढ़ते मामलों के बाद भी इस वैैक्सीन के प्रति महिलाओं की नजरअंदाजी चिंता का विषय है। बता दें कि हर साल देश में 75 हजार महिलाएं कैंसर के कारण मर जाती हैं। हाल ही में मॉडल पूनम पांडे ने अपनी मौत की खबर फैलाकर सबको चौंका दिया था। उन्होंने एक वीडियो के जरिए बताया था कि उनका उद्देश्य महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर के प्रति जागरूक करना है। अगर महिलाएं सही समय पर वैक्सीन न लगवाएं, तो कम उम्र में सवाईकल कैंसर जैसे खतरनाक बीमारी का सामना करना पड़ सकता है। 4 फरवरी को वर्ल्ड कैंसर डे के मौके पर हमने वडोदरा के पारुल सेवाश्रम हॉस्पिटल के गायनिक ऑनकोसर्जन डॉ. फराज वली से एचपीवी वैक्सीन को लेकर बात की। तो आइए जानते हैं कब, क्यों और किसे लगवानी चाहिए एचपीवी वैक्सीन।
एचपीवी वैक्सीन एचपीवी संक्रमण से बचाती है। बात अगर एचपीवी की करें, ताे यह एक सामान्य यौन संचारित संक्रमण है, जो त्वचा से त्वचा के संपर्क से फैलता है। यह इतना कॉमन है कि सेक्सुअली एक्टिव रहने वाले 80% लोगों को कभी न कभी एचपीवी संक्रमण होने की संभावना रहती है। कुछ एचपीवी संक्रमण दूर नहीं होते और कैंसर में बदल जाते हैं। ऐसी नौबत ना आए, इसके लिए एचपीवी का टीका लगवाना जरूरी है। डॉ.फराज बताते हैं कि यह वैक्सीन वायरस के एक हिस्से से बनाई जाती है। यह अन्य वैक्सीन की तरह मारा हुआ वायरस नहीं है। जब आपके शरीर में यह टीका लगाया जाता है तो वायरस के कण शरीर से प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया उत्पन्न करते हैं। यही प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया भविष्य में शरीर को वायरस से बचाती है।
वैक्सीन के कई साइड इफेक्ट हो सकते हैं।
वैक्सीन से प्रजनन क्षमता प्रभावित होने का डर।
लोगों की सोच है कि सर्वाइकल कैंसर ज्यादा उम्र में होता है, तो इतनी कम उम्र में वैक्सीन क्यों दें।
वैक्सीन महंगी होने के कारण महिलाएं इसे जरूरी नहीं मानतीं।
लगभग सभी सर्वाइकल कैंसर एचपीवी वायरस के कारण होते हैं। इसका असर रिप्रोडक्टिव एज वाली लगभग सभी महिलाओं पर पड़ता है। कभी-कभी संक्रमण ठीक हो जाता है, लेकिन कुछ मामलों में ऐसा नहीं होता। एचपीवी संक्रमण यूटरीन सर्विक्स के सेल्स में बदलाव करता है, जिससे कैंसर होता है। एचपीवी वैक्सीन न केवल एचपीवी इंफेक्शन को रोकने में मदद करती है बल्कि सर्वाइकल कैंसर से भी बचाती है।
डॉ.फराज के अनुसार, सभी लड़कियों को एचपीवी का टीका लगवाना चाहिए। अगर लड़कियां 9 से 14 वर्ष की उम्र में यह टीका लगवाती हैं, तो भविष्य में सवाईकल या महिलाओं से जुड़े अन्य कैंसर की संभावना को रोका जा सकता है। शादी से पहले हर लड़की को एचपीवी वैक्सीन लगवाना जरूरी है। इसके साथ ही 26 वर्ष की आयु तक की महिलाओं को भी इस वैक्सीन को लगवाने की सलाह दी जाती है। 2018 में, फेडरल ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने आयु सीमा को 26 से बढ़ाकर 45 कर दिया।
डॉक्टर बताते हैं कि सेक्सुअली एक्टिव होने से पहले और आपकी इम्यूनिटी जब मजबूत हो, यानी 11 या 12 की उम्र के आसपास वैक्सीन लगवा ली जाए, तो बहुत अच्छा है। क्योंकि कम उम्र में आपको मिलने वाली सुरक्षा बाद के सालों में मिलने वाली सुरक्षा से बेहतर होती है।
45 वर्ष की आयु के बाद यह वैक्सीन लगवाने की सलाह नहीं दी जाती।
गर्भावस्था के दौरान वैक्सीन लगवाने से बचना चाहिए।
पिछले एचपीवी शॉट से कोई रिएक्शन हुआ हो, तो न लगवाएं।
अगर आप किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं, तो स्वस्थ होने तक टीका लगवाने के लिए इंतजार करें।
बता दें कि वैक्सीन शॉट्स की सीरीज के रूप में मिलती है। शॉट्स की संख्या पहली डोज के समय उम्र पर निर्भर करती है। अगर आप 15 साल की उम्र से पहले वैक्सीन लगवाते हैं, तो पूरी तरह से सेफ रहने के लिए दो शॉट्स की जरूरत पड़ेगी। आपको पहली वैक्सीन लगने के 6 से 12 महीने बाद दूसरी वैक्सीन लगवानी चाहिए। दरअसल, इस उम्र में हर लड़की की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है और एचपीवी संक्रमण के खिलाफ उसे अच्छी सुरक्षा भी मिलती है। जबकि 15 साल के बाद एचपीवी से सुरक्षित रहने के लिए तीन शॉट्स लेने की सलाह दी जाती है। अपने पहले शॉट के एक से दो महीने बाद दूसरा शॉट लेना चाहिए। आपको अपने पहले टीके के छह महीने बाद तीसरा टीका लगवाना चाहिए।
डॉ.फराज बताते हैं कि एक बार यह वैक्सीन लगवाने के बाद आपको आजीवन सुरक्षा मिल जाती है। इसके बाद आपको कभी भी किसी बूस्टर डोज की जरूरत नहीं पड़ेगी।
एचपीवी वैक्सीन सर्वाइकल कैंसर और अन्य एचपीवी से संबंधित कैंसर के खिलाफ सबसे शक्तिशाली हथियारों में से एक है। अगर आप माता-पिता हैं, तो अपने बच्चे के वैक्सीनेशन के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें। अगर आप 45 वर्ष या उससे कम उम्र के हैं, जिन्हें अब तक वैक्सीन नहीं लगी है , तो डॉक्टर से पूछें कि अब एचपीवी टीका आपको फायदा पहुंचा सकता है या नहीं। आप उनसे अन्य विकल्प के बारे में भी पूछ सकते हैं।
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