विश्व एड्स दिवस
विश्व एड्स दिवसSyed Dabeer Hussain - RE

विश्व एड्स दिवस : क्या वर्जिन से संबंध बनाने पर नहीं फैलता एड्स? जानिए एड्स से जुड़ी गलत धारणाएं

‘एड्स से बचाव ही इसका इलाज है।’ ऐसे में लोगों को एड्स के प्रति जागरूक करने के लिए हर साल 1 दिसंबर को पूरी दुनिया में ‘विश्व एड्स दिवस’ मनाया जाता है।
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राज एक्सप्रेस। एड्स एक गंभीर बीमारी है। यह ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस (एचआईवी) के शरीर में फैलने से होती है। अभी तक वैज्ञानिक एड्स का सटीक इलाज ढूंढ नहीं पाए हैं। हालांकि दवाओं के जरिए इसे कुछ हद तक नियंत्रित जरूर किया जा सकता है। इसलिए कहा जाता है कि, ‘एड्स से बचाव ही इसका इलाज है।’ ऐसे में लोगों को एड्स के प्रति जागरूक करने के लिए हर साल 1 दिसंबर को पूरी दुनिया में ‘विश्व एड्स दिवस’ मनाया जाता है। इस दौरान लोगों को एड्स से बचने के उपाय और इसको लेकर लोगों में फैली गलत धारणाओं को दूर किया जाता है। ऐसे में आज ‘विश्व एड्स दिवस’ हम एड्स को लेकर समाज में फैली ऐसी ही गलतधारणाओं के बारे में जानेंगे।

छूने से फैलता है एड्स :

साल 2016 में किए एक सर्वे के अनुसार 20 फीसदी लोगों के मन में यह धारणा है कि एचआईवी संक्रमण व्यक्ति से हाथ मिलाने या गले मिलने से हमें भी एड्स की बीमारी हो सकती है। साथ ही कई लोगों का यह भी मानना था कि पसीने और पेशाब के जरिए भी एड्स फ़ैल सकता है। हालांकि यह धारणा बिल्कुल गलत है। एड्स से संक्रमित व्यक्ति को छूने या उसके पसीने व पेशाब से एचआईवी नहीं फैलता है।

मच्छर के काटने से हो सकता है एड्स :

कई लोगों का यह मानना है कि यदि कोई मच्छर एड्स से संक्रमित व्यक्ति को काट ले और फिर वही मच्छर किसी दूसरे व्यक्ति को काट ले तो उसे भी एड्स हो सकता है। हालांकि यह भी एक गलत धारणा है। क्योंकि मच्छर एक व्यक्ति के खून को दूसरे व्यक्ति में इंजेक्ट नहीं करता है। दूसरा यह कि एचआईवी वायरस मच्छर के शरीर में ज्यादा समय तक जीवित नहीं रह सकता है।

वर्जिन से संबंध बनाने से नहीं फैलता एचआईवी :

कई लोगों के मन में यह धारणा भी होती है कि किसी वर्जिन के साथ असुरक्षित शारीरिक संबंध बनाने से भी एड्स नहीं फैलता है। हालांकि ऐसा सोचना बिल्कुल गलत है। इससे भी बीमारी का खतरा रहता है।

नहाने से नहीं फैलेगा एड्स :

अक्सर लोगों के मन में यह धारणा भी होती है कि असुरक्षित यौन संबंध बनाने के बाद नहा लेने से भी एड्स नहीं फैलता है। जबकि सच यह है कि इससे भी बीमारी का खतरा रहता है।

लक्षण नहीं तो एड्स नहीं :

कई लोग यह भी मानते हैं कि उन्हें एड्स के कोई लक्षण नहीं दिख रहे हैं, इसका मतलब उन्हें एड्स नहीं है। सच यह है कि कोई भी व्यक्ति एचआईवी के साथ 10-15 साल तक जीवित रह सकता है। हो सकता है संक्रमण की शुरुआत में आपको किसी तरह का कोई लक्षण दिखाई नहीं दे। लेकिन जैसे-जैसे यह आपके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमज़ोर करेगा, इसके लक्षण दिखाई देने लगेंगे।

मां से बच्चे में फैलता है वायरस :

कई लोगों का मानना होता है कि एचआईवी से पीड़ित महिला के बच्चे में भी यह वायरस होगा। हालांकि ऐसा जरूरी नहीं है। अगर सही उपचार किया जाए तो बच्चा बिना संक्रमण के भी जन्म ले सकता है।

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