अस्‍थमा पेशंट के लिए विलेन है मानसून
अस्‍थमा पेशंट के लिए विलेन है मानसूनSyed Dabeer Hussain - RE

अस्‍थमा पेशंट के लिए विलेन है मानसून, ख्‍याल रखेंगे, तो ही बच पाएंगे अटैक से

बरसात के मौसम में तापमान में कमी और हवा में नमी ज्‍यादा होने से अस्‍थमा अटैक की संभावना बढ़ जाती है। यहां बताए गए सुझावों की मदद से अस्‍थमा के खतरे को टाला जा सकता है।
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हाइलाइट्स :

  • WHO के अनुसार, भारत में 15-20 मिलियन अस्थमा रोगी हैं।

  • अस्‍थमा वाले लोगों के लिए बरसात का मौसम हानिकारक।

  • बरसात में नमी, वायरस और बैक्‍टीरिया से बढ़ता है अटैक का खतरा।

  • एयर कंडीशन साफ करने, दीवारों को नमी से बचाने पर टल सकता है खतरा।

राज एक्सप्रेस। बरसात के मौसम को हम सभी अच्‍छे से एन्‍जॉय करना चाहते हैं। लेकिन अस्‍थमा और सांस संबंधी एलर्जी वाले लोगों को मौसम का मजा लेते वक्‍त थोड़ा सतर्क रहना चाहिए। पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ.दीपक चोपड़ा बताते हैं कि बदलते मौसम में ब्रोन्कियल अस्थमा एक कॉमन रेस्पिरेट्री प्रॉब्लम है। लगातार बारिश के कारण नमी, वायरस, बैक्टीरिया और धूल के कण अस्थमा जैसे लक्षणों का कारण बन सकते हैं। समय पर इलाज न किए जाने पर भी सर्दी और फ्लू के संक्रमण से अस्‍थमा से ग्रसित लोगों के लिए खतरा बढ़ जाता है। WHO की रिपोर्ट बताती है कि भारत में लगभग 15-20 मिलियन अस्थमा रोगी हैं। बारिश के मौसम में कई अस्थमा रोगियों को अस्‍थमा अटैक पड़ता है। तो आइए यहां जानते हैं मानसून में अस्‍थमा अटैक से कैसे बच सकते हैं।

मानसून में अस्‍थमा अटैक से बचने के लिए टिप्‍स

एयर कंडीशन क्‍लीन करें

वैसे तो हर मौसम में आपको एयर कंडीशनर की साफ सफाई करनी चाहिए। लेकिन बरसात के मौसम में एसी के फिल्‍टर को क्‍लीन करना और जरूरी हो जाता है। साथ ही इन दिनों में एयर कंडीशनर का तापमान 25 डिग्री के आसपास ही रखना चाहिए।

घर के अंदर पौधे न रखें

कोशिश करें, कि घर के अंदर पौधे ना रखें। क्‍योंकि मानसून में परागण बढ़ जाते हैं, जो अस्‍थमा का कारण बन सकते हैं। इसके अलावा फुट मैट को घर के अंदर नहीं बल्कि दरवाजे के बाहर रखें।

घर की दीवारों को नमी से बचाएं

आप मानें या ना मानें, लेकिन बरसात के दिनों में अपने घर की दीवारों को नमी से बचाना जरूरी है। दीवारों में फंसी हुई नमी न केवल घर के लिए बल्कि आपके स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक होती है।

बेडशीट बदलते रहें

अगर आप अस्‍थमा पेशंट हैं, तो आपको अपने बेडिंग पर जरूरत से ज्‍यादा ध्‍यान देना चाहिए। हफ्ते में कम से कम एक बार अपनी बेडशीट और पिलो कवर्स को चेंज करें।

एयर प्यूरीफायर का इस्‍तेमाल करें

मानसून के दौरान एयर प्‍यूरीफायर का इस्‍तेमाल करना अच्‍छा है। यह एलर्जी, पॉलन और हवा में नमी के स्‍तर को कम करने के बहुत काम आता है।

इम्‍यूनिटी बढ़ाएं

इस मौसम में डॉक्‍टर्स इम्‍यूनिटी बढ़ाने की सलाह देते हैं। दरअसल, इस मारसैम में उमस बहुत ज्‍यादा होती है। जिस वजह से बैक्‍टीरिया बहुत तेजी से फैलते हैं और वायरल डिजीज हो जाती हैं। इन बीमारियों के कारण इम्‍यूनिटी बहुत तेजी से कम होने लगती है। ऐसे में आप गर्म पानी पीने से लेकर घर में बने फूड आइटम का सेवन कर सकते हैं।

रेगुलर दवा लें

मानसून में अस्‍थमा पेशंट को अटैक का खतरा ज्‍यादा रहता है। इसलिए डॉक्‍टर नियमित रूप से दवा लेने की सलाह देते हैं। इससे वे हर समय खुद को सुरक्षित महसूस करेंगे।

यहां बताए गए सुझाव आपको मानसून के दिनों में सांस लेने में आ रही दिक्‍कताें से बचाएंगे। लेकिन अगर आपके अस्‍थमा के लक्षण बिगड़ रहे हैं, तो जल्‍द से जल्‍द डॉक्‍टर से संपर्क करना चाहिए।

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