सुबह, दोपहर या रात, क्‍या है जूस पीने का बेस्‍ट टाइम

अगर आप भी डेली जूस पीने का नियम बना रहे हैं, तो जानें कि तुरंत निचोड़कर बनाए गए जूस को कितनी देर में पी लेना चाहिए। साथ ही इसे कैसे स्‍टोर कर सकते हैं ताकि ये फ्रेश और टेस्‍टी बना रहे।
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हाइलाइट्स :

  • फ्रेश जूस स्‍वास्‍थ्‍य के लिए फायदेमंद है।

  • 24-48 घंटे में पी लेना चाहिए जूस।

  • कांच के कंटेनर में जूस का स्‍वाद और रंग रहेगा बरकरार।

  • जूस के साथ कैफीन का सेवन कम करें।

राज एक्सप्रेस। ताजा निचोड़ा गया फलाें का रस किसे पसंद नहीं होता। यह न केवल स्‍वादिष्‍ट होता है, बल्कि विटामिन और पोषक तत्‍वों से भी भरपूर है। खासतौर से गर्मियों में रोजाना एक गिलास ताजा निचोड़ा गया संतरे, सेब , मौसमी या पाइनएप्पल के जूस का सेवन संतुलित आहार के लिए अच्‍छा है। लोग दिनभर हाइड्रेट रहने के लिए भी कई तरह के फलों के जूस का सेवन करने लगे हैं। हालांकि, फ्रेश जूस की शेल्‍फ लाइफ कम होती है। इसलिए आपने कई लोगों को कहते सुना होगा कि फ्रेश जूस को ज्‍यादा देर तक रखना नहीं चाहिए। इसे तुरंत पीने से ज्‍यादा लाभ मिलता है। अगर आप भी गर्मियों में रोजाना जूस पीने का नियम बनाने वाले हैं, तो यहां बताया गया है कि फ्रेश जूस की शेल्‍फ लाइफ कितनी होती है और इसे कैसे स्‍टोर किया जाना चाहिए।

कितनी देर में पी लेना चाहिए जूस

एक्‍सपर्ट के अनुसार, जूस को तैयार करने के तुरंत बाद, इसकी विटामिन सामग्री कम हो जाती है। इसलिए, घर पर निचोड़ा हुआ ताजा जूस को ज्‍यादा देर तक स्‍टोर करके नहीं रखा जा सकता। दरअसल, कटे हुए फल हवा के संपर्क में आ जाते हैं, जिससे इनका रंग बदल जाता है। ऑक्‍सीडेशन की प्रोेसेस लाइट और हीट के संपर्क में आने पर विटामिन इंग्रीडिएंट में बदलाव कर देती है। वैसे तो फ्रूट जूस का ज्‍यादा लाभ लेने के लिए तैयार होते ही इसे पी लेना चाहिए। ज्‍यादा से ज्‍यादा आप इसे 24 से 48 घंटों तक फ्रेश रख सकते हैं। इतने समय तक यह पीने लायक रहता है। लेकिन आप जितना ज्‍यादा देर तक इसे स्‍टोर करके रखते हैं, उतने ज्‍यादा पोषक तत्‍व इसमें नष्‍ट हो जाते हैं। बता दें कि ताज़ा जूस अनपैश्‍चुराइज्‍ड होता है, इसलिए स्टोर से खरीदे गए फ्रेश जूस की तुलना में इसके जल्‍दी खराब होने की संभावना ज्‍यादा रहती है।

क्‍या है जूस पीने का सही तरीका

डाइटीशियन रचना श्रीवास्‍तव बताती हैं कि कुछ लोग जूस को पानी की तरह सैकंड में पी जाते हैं। लेकिन यह तरीका गलत है। जिस तरह हम धीरे-धीरे खाना खाते हैं, उसी तरह हमें जूस का सेवन भी धीरे-धीरे करना चाहिए। इस तरह से जूस पीना न केवल पाचन के लिए बेहतर है, बल्कि यह आपके ब्‍लड स्‍ट्रीम में शुगर और पोषक तत्वों के अवशोषण को बेहतर बनाता है। जबकि जूस को तेजी से पीने पर शुगर तेजी से बढ़ती है, जिससे इंसुलिन स्पाइक हो सकता है। इत्मीनान से जूस पीने से न केवल आपको पोषक तत्‍व भरपूर मात्रा में मिलते हैं, बल्कि शुगर लेवल को भी बनाए रखने में मदद मिलती है। हाइड्रेशन के लिए यह तरीका अच्‍छा है।

कब पीना चाहिए जूस

एक्‍सपर्ट के अनुसार, जूस पीने का भी अपना नियम है। इसे हमेशा खाली पेट पीना चाहिए। ताकि आपका डाइजेस्टिव सिस्‍टम इसमें मौजूद सभी पोषक तत्‍वों को अवशोषित कर सके। अगर आप खाना खाने के दौरान या उसके तुरंत बाद जूस पीते हैं तो जूस के लाभ कम मिलते हैं। जबकि भरे पेट पर जूस पीने से मिनरल्‍स और विटामिन्स को सीधे आपके ब्‍लडस्‍ट्रीम में अवशोषित होने में दिक्‍कत आती है। एक अच्छा नियम यह है कि भोजन के बीच कम से कम दो घंटे और जूस पीने के बाद भोजन करने के लिए 20 मिनट का गैप रखें। जूस पीने का सबसे अच्छा समय सुबह नाश्ते से पहले है।

जूस बनाने का तरीका

बहुत से लोग अपने जूस में केवल फलों का उपयोग करते हैं, जिससे नेचुरल शुगर की मात्रा बढ़ जाती है। हेल्‍दी जूस बनाने के लिए चीनी की मात्रा को कम करना जरूरी है। इसके लिए सब्जियों के साथ फल को संतुलित करने की कोशिश करें। केल, पालक, खीरा और अजवाइन जैसी सब्जियां न केवल चीनी की मात्रा को कम करती हैं बल्कि जरूरी पोषक तत्व और फाइबर भी जोड़ती हैं, जो पाचन और समग्र स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।

फ्रेश जूस को स्‍टोर कैसे करें

अगर आप जूस को फ्रिज में स्‍टोर करना चाहते हैं, तो इसे एयरटाइट कांच के कंटेनर में स्‍टोर करके रखें। दरअसल, यह ऑक्सीडेशन को रोकता है,जिससे इसका रंग और स्‍वाद दोनों नहीं बदलते।

इस चीज के साथ कभी न लें जूस-

जूस के साथ कैफीन की खपत को कम करने की सलाह दी जाती है। इसकी जगह हर्बल चाय जैसे हेल्‍दी ऑप्‍शन चुनना चाहिए। कैफीन के इंटेक को कंट्रोल करके करके, आप अपने शरीर को जूस के पौष्टिक प्रभावों का लाभ दे सकते हैं।

जूस के साथ पानी पिएं

रोजाना जूस पीते समय पानी के महत्व को नजरअंदाज कर दिया जाता है। वैसे तो जूस हाइड्रेटिंग होते हैं, लेकिन इन्‍हें पानी से रिप्‍लेस नहीं किया जा सकता। अकेले जूस पीते रहने से भी किडनी की कार्यक्षमता कम हो सकती है, इसलिए, अपने नियमित जूस के सेवन के अलावा, पूरे दिन कम से कम 8-10 गिलास पानी पीना जरूरी है।

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