घर या ऑफिस में वॉटर कैन का इस्तेमाल है खतरनाक, जीवनभर के लिए आपको जकड़ सकती हैं ये बीमारियां
हाइलाइट्स :
पानी की कैन का इस्तेमाल कॉमन है।
सुरक्षित नहीं है प्लास्टिक कैन का पानी।
प्रतिरक्षा प्रणाली होती है प्रभावित।
स्पर्म काउंट में आ सकती है कमी।
राज एक्सप्रेस। इन दिनों वॉटर कैन का यूज काफी बढ़ गया है। खासतौर से जिन घरों में आरओ नहीं है, वे लोग डेली तौर पर वॉटर कैन का इस्तेमाल करते हैं। अगर आप भी मानते हैं कि 20 लीटर के कैन में पैक किया गया पानी पीने के लिए सुरक्षित है, तो अगली बार इसे पीने से पहले दस बार सोच लें। IISC की एक स्टडी में चेतावनी दी गई है कि ज्यादातर वॉटर कैन के पानी में मिनल्स नहीं होते, जो स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा है। इससे पाचन और हार्मोन से जुड़ी समस्या लगातसर बढ़ रही हैं, जो अप्रत्यक्ष रूप से कैंसर और पीसीओएस जैसी गंभीर समस्याओं का कारण बनती हैं। एक ऑनलाइन न्यूज वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में ड्रिंक प्राइम के को फाउंडर और सीईओ विजेंदर रेड्डी ने बताया है कि क्यों आपको प्लास्टिक कैन का पानी पीना छोड़ देना चाहिए।
इम्यून सिस्टम पर असर
प्लास्टिक के पानी के कंटेनर से पानी पीने से हमारा इम्यून सिस्टम प्रभावित होता है। क्योंकि प्लास्टिक से निकलने वाले सीसा, कैडमियम और मरकरी जैसे हानिकारक केमिकल शरीर में घुसकर इम्यूनिटी को कमजोर बना देते हैं। एक स्टडी के मुताबिक, प्लास्टिक कैन में टॉयलेट सीट से ज्यादा कीटाणु होते हैं।
कैंसर का खतरा बढ़ाए
प्लास्टिक के पानी के डिब्बों को अगर किसी गर्म जगह पर रख दिया जाए, तो इनमें मौजूद केमिकल्स और तेजी से फैलने लगते हैं। इसी तरह इन्हें सूरज की रोशनी में रखने से डाइऑक्सिन नामक हानिकारक विष निकल सकता है। ऐसे में इसका पानी पीने से ब्रेस्ट कैंसर की संभावना बढ़ जाती है।
स्पर्म काउंट में कमी
लंबे समय तक अगर प्लास्टिक की इन वॉटर कैन से पानी पिया जाए, तो यह पुरुषों को इनफर्टिलिटी का शिकार बना देती है। जिससे उनके कंसीव करने की संभावना कम हो जाती है।
प्यूबर्टी के लिए जिम्मेदार
प्लास्टिक के कैन में बिस्फेनॉल ए नाम का केमिकल उत्पन्न होता है। अप्रत्यक्ष तौर पर हम इस केमिकल का नियमित सेवन करते ही हैं, जिससे आगे चलकर डायबिटीज और मोटापे की समस्या हो सकती है। इसके अलावा लड़कियों में जल्दी प्यूबर्टी आने की संभावना भी बढ़ जाती है। इसलिए हमेशा प्लास्टिक के पानी के डिब्बों से पानी पीने से बचने की सलाह दी जाती है।
लिवर कैंसर का खतरा
दरअसल, प्लास्टिक की इन कैन्स में फेथलेट्स नामक केमिकल होता है, जिससे लिवर कैंसर का खतरा बढ़ता है।
स्वच्छ पानी के लिए विशेषज्ञ का सुझाव
प्लास्टिक के बजाय मेटल की बॉटल या कंटेनर का यूज करें।
कस्टमाइज्ड वॉटर प्यूरीफायर का विकल्प चुनें।
पानी को स्टोर करने के लिए स्टील के बर्तनों का उपयोग करना सुरक्षित है।
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