ब्रेस्‍टफीडिंग के दौरान टैटू
ब्रेस्‍टफीडिंग के दौरान टैटूRaj Express

ब्रेस्‍टफीडिंग के दौरान आप भी बनवा रही हैं टैटू, तो जान लीजिए सेफ है या नहीं

टैटू बनवाना खुद को अभिव्यक्त करने का एक शानदार तरीका है। लेकिन स्‍तनपान कराने वाली मां को टैटू बनवाना चाहिए या नहीं, क्‍या ये सुरक्षित है। ऐसे कई सवालों के जवाब यहां दिए गए हैं।
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हाइलाइट्स :

  • स्‍तनपान कराने वाली माताओं में बॉडी आर्ट का ट्रेंड।

  • मां और बच्‍चे दोनों के लिए रिस्‍की है टैटू की इंक।

  • स्‍तनपान के दौरान बढ़ता है संक्रमण का खतरा।

  • सर्टिफाइड टैटू आर्टिस्‍ट से ही बनवाएं टैटू।

राज एक्सप्रेस। नौ महीने की कड़ी मेहनत के बाद एक मां नवजात शिशु को जन्‍म देती है। इस मौके को सेलिब्रेट करने के लिए बॉडी आर्ट बनवाना कोई नई बात नहीं है। छोटे शहरों में नहीं, लेकिन मेट्रो सिटीज में कई महिलाओं में बच्‍चे को जन्‍म देने के बाद टैटू बनवाने का ट्रेंड है। पर क्‍या यह मां और बच्‍चे दोनों के लिए सुरक्षित है। क्‍या ब्रेस्‍टफीडिंग कराने वाली मां को टैटू बनवाना चाहिए। गर्भावस्‍था के दौरान तो महिलाओं को टैटू न बनवाने की सलाह दी जाती है। क्योंकि ये शिशु के विकास के लिए हानिकारक है। लेकिन स्‍तनपान कराने केि दौरान टैटू डिजाइन कराना वास्‍तव में सुरक्षित है या नहीं, जानने के लिए पढ़ें ये आर्टिकल।

ब्रेस्‍टफीडिंग और टैटू इंक का संबंध

टैटू बनवाना काफी कॉमन है। इसके बावजूद US Food and Drug Administration ने किसी भी टैटू इंक को स्किन में इंजेक्‍ट करने के लिए सुरक्षित नहीं माना है। दरअसल, टैटू इंक में कई तरह के केमिकल और मेटल पाए जाते हैं। कई शोध से पता चला है कि टैटू इंक के पिगमेंट टूट जाने पर पूरे शरीर में फैल जाते हैं। यह इंक स्तनपान करने वाले शिशुओं के लिए नुकसानदायक है।

क्या टैटू की स्याही ब्रेस्‍ट मिल्‍क को प्रभावित करती है ?

2022 की एक नई रिसर्च में पाया गया कि टैटू स्याही में बहुत छोटे कण होते हैं, जो 100 नैनोमीटर से कम होते हैं। ये कण शरीर की सेल मेंब्रेन में प्रवेश करने के लिए काफी छोटे हैं, इसलिए संभावना है कि ये ब्रेस्‍ट मिल्‍क पर नकारात्‍मक प्रभाव डाल सकते हैं।

इंफेक्‍शन का रिस्‍क

चाहे आप ब्रेस्टफीडिंग करा रही हों या नहीं, लेकिन टैटू बनवाने के बाद इंफेक्‍शन का रिस्‍क लगभग बढ़ जाता है। ऐसा इसलिए क्‍योंकि टैटू एक तरह का खुला घाव है। जो लोग टैटू बनवाने के बाद रूल्स फॉलो नहीं करते, वे संक्रमण की चपेट में आ जाते हैं। इससे मेथिसिलिन-रजिस्‍टेंट स्टैफिलोकॉकस ऑरियस या एमआरएसए जैसे संक्रमण होने की भी संभावना रहती है। खास बात तो यह है कि इस इंफेक्‍शन से जूझ रहे व्‍यक्ति का इलाज ऐसी दवाओं का उपयोग करके किया जाता है, जो ब्रेस्‍टफीडिंग के दौरान उपयोग करने के लिए सुरक्षित नहीं हैं।

HIV का खतरा

इस तरह की दवाओं से टिटनेस, एचआईवी और हेपेटाइटिस जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ता है। यह भी संभव है अगर टैटू आर्टिस्‍ट अनहाइजेनिक टूल्‍स का इस्‍तेमाल कर रहा है, तो एचआईवी जैसे वायरस स्तन के दूध के जरिए शरीर में आसानी से पहुंच सकते हैं। Baby Centre की सलाह है कि ब्रेस्‍टफीडिंग कराने वाली नई मांओं को संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए एक रिकॉगनाइज्ड टैटू आर्टिस्‍ट से ही टैटू बनवाना चाहिए।

फ्रेश इंक का यूज करें

हालांकि कुछ लोगों का मानना ​​है कि स्तनपान के दौरान नया टैटू बनवाना तब तक सुरक्षित है, जब तक आप इसे लेकर सावधानी बरत रहे हैं। क्योंकि टैटू के बाद आपके शरीर को ठीक होने में समय लगता है। WebMD की सलाह है कि स्तनपान के दौरान टैटू बनवाने के लिए फ्रेश इंक का इस्‍तेमाल किया जाए।

टैटू बनवाने से पहले ध्‍यान रखें ये बातें

  • टैटू बनाने के लिए इस्‍तेमाल की गई स्‍याही को FDA ने अप्रूव नहीं किया है।

  • सुरक्षा जोखिमों के कारण विशेषज्ञ स्‍तनपान के दौरान टैटू न बनवाने की सलाह देते हैं।

  • टैटू बनवाने के बाद ब्‍लड बोर्न इंफेक्‍शन के चलते आप एक साल तक ब्‍लड डोनेट नहीं कर सकते।

  • नए टैटू को कवर करना और साफ रखना संक्रमण को रोकने के लिए जरूरी है।

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