ओरल हाइजीन के लिए रोज करनी चाहिए टंग स्क्रैपिंग, एक्सपर्ट ने बताए इसके फायदे
हाइलाइट्स :
भोजन करने के बाद जीभ पर जमा होते हैं बैक्टीरिया।
दांतों के साथ जीभ की सफाई भी जरूरी।
टंग स्क्रैपिंग से जीभ पर बनी सफेद परत को हटाया जा सकता है।
सुबह टंग स्क्रैपिंग करना बहुत अच्छा है।
राज एक्सप्रेस। अच्छी ओरल हाइजीन के लिए दांतों का ही नहीं, जीभ की भी साफ रहना बहुत जरूरी है। इसलिए आजकल लोग टंग स्क्रैपिंग के प्रति जागरूक हो रहे हैं। एक अनुमान के मुताबिक 81.8% लोग टूथ ब्रश से जीभ साफ करते हैं और 9.5% लोग टंग क्लीनर से। एक्सपर्ट के अनुसार, जीभ भी हमारे शरीर का जरूरी हिस्सा है। न केवल हमारे बोलने की क्षमता में इसका अनूठा योगदान है, बल्कि हम जो भोजन करते हैं, उसका स्वाद भी इसके जरिए ही पता चलता है। जीभ को ठीक से साफ करने के लिए हमेशा यू शेप वाले टंग स्क्रैपर का ही इस्तेमाल करना चाहिए। इसकी मदद से ओरल हाइजीन बरकरार रहती है और मुंह की बदबू से भी छुटकारा मिलता है। तो आइए जानते है क्या होती है टंग स्क्रैपिंग और दिन में कितनी बार इसका उपयोग करना चाहिए।
टंग स्क्रैपिंग क्या है
टंग स्क्रेपर मेटल या प्लास्टिक से बना यू शेप डिवाइस है। इसका उपयोग जीभ की सतह को साफ करने के लिए किया जाता है। देखा जाए, तो यह जीभ के लिए कंघी का काम करता है। इसकी मदद से जीभ पर जमा बैक्टीरिया को साफ करने में मदद मिलती है। इस पूरी प्रक्रिया को टंग स्क्रैपिंग कहते हैं। कई रिसर्च के अनुसार, जीभ साफ होने के बाद खाने के अलग- अलग तरह के स्वाद जैसे खट्टा, मीठा, कड़वा आदि में फर्क करने में मदद मिलती है। जिससे खाने का बेहतर स्वाद आता है।
जीभ की सफाई के लिए ब्रश या टंग क्लीनर, क्या है बेस्ट
अगर जीभ की सफाई के लिए आप भी ब्रश का उपयोग करते हैं, तो यह तरीका सही नहीं है। 2004 में हुई एक स्टडी में इस बात का खुलासा हुआ है कि ब्रश के बजाय टंग स्क्रैपर से जीभ की सफाई करने पर बैक्टीरिया और सल्फर युक्त कंपाउंड 30 गुना ज्यादा साफ होते हैं। जबकि ब्रश से जीभ की सफाई करने पर ज्यादा अच्छे रिजल्ट नहीं मिलते।
किस तरह का टंग स्क्रैपर बेहतर है, प्लास्टिक या मेटल
डेंटल सर्जन डॉ. धीरज गोविंदानी बताते हैं कि आज भी 50 प्रतिशत लोग ब्रश करने के बाद जीभ की सफाई नहीं करते। वहीं कुछ जीभ की सफाई के लिए ब्रश का इस्तेमाल करते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, न प्लास्टिक, न मेटल बल्कि स्टेनलेस स्टील से बना टंग स्क्रैपर सबसे अच्छा है। हाइजीन के मामले में यह बेहतर है और इन्हें लंबे समय तक इस्तेमाल किया जा सकता है।
टंग स्क्रैपर के फायदे
ओरल हाइजीन बनी रहती है।
जीभ पर बनी सफेद परत हटने के साथ जीभ साफ सुथरी हो जाती है।
मुंह से आने वाली बदबू दर होती है।
मुंह का स्वाद बेहतर रहता हे।
बैक्टीरिया का सफाया होता है और ओरल हेल्थ से जुड़ी दूसरी बीमारियों का खतरा कम होता है।
हेल्दी टिशू की ग्रोथ बनी रहती है।
फास्ट फूड की क्रेविंग कम होती है।
टंग स्क्रैपर का इस्तेमाल कैसे करें-
जीभ की सफाई करने के लिए सबसे पहले अपने मुंह और स्क्रैपर को पानी से अच्छे तरह धो लें।
इसके बाद स्कैपर को दोनों हाथों से पकड़कर गोल हिस्से को जीभ पर सबसे ऊपर की तरफ रखें।
टंग स्क्रैपर को जीभ के पिछले हिस्से तक चिपकाने की कोशिश करने के बजाय बीच से शुरू करें। आप जितना पीछे जाएंगे, गैग रिफ्लेक्स शुरू होने का जोखिम उतना ही ज्यादा बढ़ेगा।
अब एकदम हल्के हाथों से स्क्रैपर को कम से कम जीभ पर 3-5 बार चलाएं। इस पर जमा सफेद परत धीरे-धीरे हट जाएगी।
अब मुंह को नॉर्मल पानी से धो लें और स्क्रैपर को साबुन और पानी से धोकर रख दें। आप चाहें तो इसे एक कप पानी में हाइड्रोजन पैराऑक्साइड मिलाकर भिगोकर रख सकते हैं।
ध्यान रखें टंग स्क्रैपिंग के बाद ब्रशिंग और फ्लॅशिंग जरूरी है। इससे आपकी ओरल हेल्थ मेंटेन रहती है।
कितनी बार टंग स्क्रैपर का यूज करना चाहिए
आमतौर पर लोग दिन में दो बार ब्रश और फ्लॉसिंग करते हैं। अगर आप ओरल हेल्थ को ध्यान में रखते हुए टंग स्क्रैप करना चाहते हैं, तो ऐसा दिन में दो बार कर सकते हैं। लेकिन जीभ साफ करने का सबसे अच्छा समय सुबह का माना जाता है। क्योंकि रात में खाने के बाद गंदगी और बैक्टीरिया जीभ पर जमा हो जाते हैं, जिनसे जीभ पर सफेद परत बन जाती है।
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