PCOS वाली महिलाओं के लिए ये 5 तरह का दूध होता है फायदेमंद
हाइलाइट्स :
पीसीओएस वाली महिलाओं के लिए दूध नुकसानदायक।
इनटॉलेरेंस के कारण हो सकती हैं पाचन संबंधी समस्याएं।
स्किम्ड दूध के कारण बढ़ता है एंड्रोजन लेवल।
पीसीओएस में सोया, नारियल, बादाम का दूध फायदेमंद।
राज एक्सप्रेस। पीसीओएस एक ऐसा हार्मोनल डिसऑर्डर है, जो रिप्रोडक्टिव एज वाली महिलाओं को प्रभावित करता है। इन महिलाओं को ज्यादातर इंसुलिन रेजिस्टेंस, वजन बढ़ना, अनियमित मासिक धर्म की शिकायत रहती है। इसलिए उन्हें अपने खानपान पर खास ध्यान देने की सलाह दी जाती है। कई लोगों का सवाल है कि पीसीओएस में दूध का सेवन करना चाहिए या नहीं।
एक्सपर्ट्स के अनुसार, पीसीओएस में दूध पीना नुकसानदायक है। इससे पाचन संबंधी समस्याओं के साथ बीमारी के लक्षण बिगड़ सकते हैं। न्यूट्रिशनिस्ट लवलीन बत्रा ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो अपलोड किया है, जिसमें उन्होंने पीसीओएस में दूध न लेने की सलाह दी है। वह कहती हैं कि पीसीओएस में दूध के सेवन से बचना जरूरी है। खासतौर से अगर आपके शरीर में टेस्टोस्टेरोन और एंड्रोजन का स्तर ज्यादा हो। ऐसा इसलिए क्योंकि, स्किम्ड दूध के कारण इंसुलिन और एंड्रोजन लेवल बढ़ने की संभावना ज्यादा रहती है। अगर आप भी पीसीओएस पीड़ित हैं और दूध का सेवन बंद कर रही हैं, तो इसके विकल्प जरूर तलाशने चाहिए। यहां हम आपको पीसीओएस के लिए दूध के विकल्पों के बारे में बता रहे हैं। साथ ही बताएंगे इनके फायदे भी।
क्यों पीसीओएस में नहीं लेना चाहिए दूध
कई स्टडीज पीसीओएस और मिल्क इनटॉलेरेंस के बीच एक संबंध को दर्शाती हैं। पीसीओएस एक सूजन वाली स्थिति है और दूध के सेवन को शरीर में सूजन से जोड़कर देखा जाता है। दरअसल, दूध में कई हार्मोन होते हैं, जो हार्मोन असंतुलन को बढ़ाने और पीसीओएस लक्षणों को बदतर बनाने के लिए जाने जाते हैं। इसके अलावा, दूध के सेवन से शरीर में इंसुलिन लेवल बढ़ने लगता है, जिससे इंसुलिन प्रतिरोध बिगड़ सकता है। पीसीओएस वाली महिलाएं इसका सबसे ज्यादा अनुभव करती हैं।
पीसीओएस वाली महिलाओं के लिए दूध के विकल्प
बादाम का दूध
बादाम का दूध बेस्ट मिल्क सब्स्टीटूयट है। इसमें कैलोरी और कार्बोहाइड्रेट कम होते हैं।जो महिलाएं वेट कंट्रोल करने की कोशिश कर रही हैं, वो इसे ले सकती हैं। यह विटामिन ई का भी एक अच्छा स्रोत है। यह शरीर में सूजन को कम करने में मदद कर सकता है।
नारियल का दूध
आप स्किम्ड दूध की जगह नारियल के दूध का सेवन कर सकती हैं। यह मीडियम कैटेगरी ट्राइग्लिसराइड्स (एमसीटी) से भरपूर है। इसे एक तरह का हेल्दी फैट कहते हैं जो सूजन को कम करता है। हालांकि, इसमें सैचुरेटेड फैट भी ज्यादा होता है, इसलिए इसका सेवन कम मात्रा में करना चाहिए।
सोया दूध
पीसीओएस में आपने दूध पीना छोड़ दिया है, तो सोया दूध का सेवन शुरू कर सकती हैं। यह प्रोटीन का बेहतरीन स्रोत है। हार्मोन असंतुलन इस बीमारी की मुख्य वजह है। इसमें फाइटोएस्ट्रोजेन होता है, जिससे हार्मोन लेवल को नियंत्रित किया जा सकता है।
ओट्स मिल्क
जई का दूध फाइबर का एक अच्छा स्रोत है। इसमें बीटा-ग्लूकॉन होता है, जो इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार और कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने में हेल्प करता है। हालांकि, इसमें अन्य दूध के विकल्पों की तुलना में कार्बोहाइड्रेट थोड़ा ज्यादा होता है, इसलिए डायबिटीज वाले लोगों को इसे बहुत ज्यादा लेने से बचना चाहिए।
चावल का दूध
हो सकता है आपने इसके बारे में पहले कभी ना सुना हो। लेकिन चावल का दूध एलर्जी या इनटॉलेरेंस वाली महिलाओं के लिए एक बेस्ट ऑप्शन है। इसकी खास बात है कि यह हाइपोएलर्जेनिक है और पचाने में भी आसान है।
पीसीओएस के साथ दूध के विकल्प कैसे शामिल करें
ऐसे कई तरीके हैं जिनसे आप दूध के विकल्प को अपनी डेली डाइट का हिस्सा बना सकते हैं। जैसे, नाश्ते की स्मूदी या दलिया में बिना चीनी वाला बादाम का दूध मिलाने से पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ सकती है। इसके अलावा, खाना पकाने या बेकिंग में प्लांट बेस दूध विकल्प का उपयोग कर सकते हैं। कुल मिलाकर, अपने डाइट प्लान में दूध के इन विकल्पों को शामिल करने से पीसीओएस के लक्षणों को बदतर बनने से रोका जा सकता है।
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