दिखने लगे हैं मेनोपॉज के लक्षण, तो ऐसे पता करें कब आएगा ये फेज
हाइलाइट्स :
एफएसएच की मदद से होता है मेनोपॉज का निदान।
45 साल से ज्यादा उम्र की महिला करा सकती है यह ब्लड टेस्ट।
पीरियड के शुरुआत 3-5 दिनो के अंदर कराना चाहिए टेस्ट।
मेनोपॉज टेस्ट किट से भी जान सकते हैं मेनोपॉज का समय।
राज एक्सप्रेस। मेनोपॉज एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। इसे मेंस्ट्रुअल साइकिल का लास्ट फेस कहा जाता है। इस दौरान महिलाओं के पीरियड आना बंद हो जाते हैं और हार्मोन असंतुलन के कारण शारीरिक बदलाव आने लगते हैं। ऐसा अक्सर 45-55 की उम्र वाली महिलाओं के साथ होता है, जब एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे दो फीमेल हार्मोन पीरियड्स पर हावी होते हैं। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, इन हार्मोन का उत्पादन उम्र के साथ कम होने लगता है और फिर 40 या 50 के दशक में मेनोपॉजल फेज आ जाता है। पसीना आना, यूनि में सूखापन, ध्यान न लगना, , चिंता, हॉट फ्लैश कुछ ऐसे लक्षण हैं, जो आपको मेनोपॉज का संकेत देते हैं। लेकिन क्या ऐसा कोई तरीका है, जिससे पता लगाया जा सके, कि मेनोपॉज कब होगा। सीनियर गायनाकोलॉजिस्ट डॉ. सीमा गुप्ता ने मेनोपॉज का समय जानने का एक आसान सा तरीका बताया है, जिसके बारे में हर महिला को जानना बहुत जरूरी है।
मेनोपॉज के लिए FSH टेस्ट
एक्सपर्ट बताती हैं कि यह जानने के लिए कि मेनोपॉज कब होगा इसके लिए एफएसएच टेस्ट कराया जाता है। जिसे फॉलिकल स्टिमुलेटिंग हार्मोन (एफएसएच) ब्लड टेस्ट कहते हैं। यह एक सिंपल सा ब्लड टेस्ट है। जो किसी व्यक्ति की यूरीन और ब्लड में फॉलिकल स्टिमुलेटिंग हार्मोन लेवल की जांच करता है। बता दें कि यह हार्मोन महिलाओं के पीरियड्स को कंट्रोल करने के साथ अंडाशय में अंडे को डेवलप होने में मदद भी करता है। इससे ब्लड में एफएसएच लेवल को मापा जाता है। बता दें कि एफएसएच एक हार्मोन है, जो मस्तिष्क के नीचे स्थित पिट्यूटरी ग्लैंड रिलीज करता है। महिलाओं के शरीर में हर महीने एफएसएच का स्तर बढ़ता है ताकि अंडाशय अंडे का ठीक से उत्पादन कर सकें। यह मेनोपॅाज टेस्ट लार या ब्लड सैंपल में इन हार्मोनों की मात्रा का आकलन करके यह बता देता है कि कोई महिला मेनोपॉज का अनुभव कर रही है या नहीं।
कब करा सकते हैं टेस्ट
अगर आप चाइल्ड बियरिंग एज की महिला हैं, जो पीरियड्स के शुरुआती 3 से 5 दिनों के अंदर यह टेस्ट करा सकती हैं। पर ध्यान रखें, यह टेस्ट तभी संभव है, जब कोई महिला हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी नहीं ले रही हो। साथ ही अगर उसकी उम्र 45 वर्ष से ज्यादा है और वह असामान्य लक्षणों का अनुभव कर रही है, तो वह इस टेस्ट के लिए एलिजिबल है।
ऐसे चलेगा पता
एक्सपर्ट के अनुसार, अगर एफएसएच लेवल 20 से ऊपर है, तो इसका मतलब है कि आपकी बॉडी में मेनोपॉजल ट्रांजीशन शुरू हो चुकी है। वहीं अगर एफएसएच लेवल 50-60 या 70 है, तो समझ लीजिए कि आप अगले 3 से 6 महीने में मेनोपॉज स्टेज में पहुंच जाएंगी।
क्यों कराना चाहिए FSH
अगर इर्रेगुलर पीरियड्स, हॉट फ्लैश , योनि का सूखापन या नींद की समस्याएं आपको परेशान कर रही हैं, तो आपको इस टेस्ट का उपयोग जरूर करना चाहिए। क्योंकि जरूरी नहीं कि हर महिला को मेनोपॉज से पहले कोई पेरशानी हो। कुछ महिलाओं का मेनोपॉज फेज बिना किसी लक्षण के भी शुरू हो सकता है। जब आप अपने डॉक्टर से मिलेंगी, तो यह टेस्ट आपको अपनी वर्तमान स्थिति के बारे में बेहतर जानकारी देने में मदद कर सकता है।
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