इंदौर, मध्य प्रदेश। आमतौर पर लोग खर्राटों के बारे में मजाक करते हैं, लेकिन इन दिनों डॉक्टर ज़ोर-ज़ोर से खर्राटे की समस्या को बिल्कुल भी हल्के में नहीं ले रहे हैं। इसकी वजह यह है कि जो चीज आपके जीवनसाथी को रात भर जगाए रखती है, वह शायद आपके लिए किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकती है। अगर कोई व्यक्ति ज़ोर-ज़ोर से खर्राटे लेता हो और बीच-बीच में मुंह से सांस लेता हो, या फिर सांस लेने में रुकावट महसूस करता हो, तो उस व्यक्ति को इसकी जांच जरूर करानी चाहिए। नींद से जुड़े रोगों के विशेषज्ञ शुरुआती खर्राटों को लेकर थोड़ा कम चिंतित होते हैं, जिससे स्थिर लयबद्ध ध्वनि कहा जाता है और इसके लिए उस व्यक्ति को कोहनी से इधर-उधर हिलाना पड़ता है।
डॉ. तनय जोशी, सलाहकार, रेस्पिरेटरी एंड स्लीप मेडिसिन, इंदौर ने बताया कि बुनियादी तौर पर खर्राटे दो तरह के होते हैं। पहले में व्यक्ति सिर्फ लयबद्ध तरीके से खर्राटे लेता है, और आमतौर पर खर्राटे की आवाज का स्तर एक-समान होता है। ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया (ओएसए) को दूसरे तरह के खर्राटे की श्रेणी में रखा जाता है, जिससे लगभग 75 प्रतिशत लोग ग्रस्त हैं। इस तरह के खर्राटे में आवाज का स्तर धीरे-धीरे बढ़ता जाता है और इसकी आवाज काफी तेज हो जाती है, जिसके बाद अचानक कुछ समय के लिए खर्राटे की आवाज बंद हो जाती है क्योंकि इस दौरान सांस नली में रुकावट आ जाती है। उस समय लगता है कि वह व्यक्ति द्वारा नाक से ज़ोर-ज़ोर से आवाज निकाल रहा है।
1 बिलियन लोग ओएसए से पीड़ित :
पूरी दुनिया में लगभग 1 बिलियन लोग ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया (ओएसए) से पीडि़त हैं, जिसमें नींद के दौरान ऊपरी सांस नली में बार-बार रुकावट आना शामिल है। खर्राटे में आवाज का स्तर धीरे-धीरे बढऩा, दिन के समय बहुत 'यादा नींद आना तथा 10 सेकंड या उससे अधिक समय तक सांस लेने में परेशानी जैसे लक्षणों को देखकर आपको सावधान हो जाना चाहिए। क्या नींद से उठकर आप तरोताजा महसूस करते हैं, या आप बहुत ज्यादा थकान महसूस करते हैं और दिन में झपकी लेते हैं? क्या कोई यह देख सकता है कि, आप नींद के दौरान अनियमित तरीके से सांस ले रहे हैं अथवा नहीं? क्या आप सांस लेने में परेशानी महसूस कर रहे हैं? इन सवालों के जवाब देने से यह पता चल सकता है कि आपको डॉक्टर से सहायता लेनी है या नहीं।
खर्राटों से जुड़ी समस्याओं पर प्राथमिक देखभाल चिकित्सक से सलाह लें, जो आपको किसी स्लीप डॉक्टर या चेस्ट फिजीशियन के पास भेज सकते हैं। एक स्पेशलिस्ट या प्राथमिक चिकित्सक आपको स्लीप टेस्ट कराने की सलाह देगा, जिसे रात में घर पर सोते समय डिवाइस पहनकर बड़ी आसानी से किया जा सकता है। आजकल ज्यादातर मरीज घर में रात भर इस पोर्टेबल डिवाइस को पहनकर सोते हैं, क्योंकि यह सुविधाजनक और बेहद किफायती है। ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया मस्तिष्क को मिलने वाली ऑक्सीजन की मात्रा को कम कर सकती है, और यह स्ट्रोक के साथ-साथ अन्य शारीरिक परेशानियों का कारण बन सकती है। मरीजों में हृदय रोग, स्ट्रोक, डायबिटीज और मोटापे का खतरा भी बढ़ जाता है। कंटीन्यूअस पॉजिटिव एयरवे प्रेशर थेरेपी, स्लीप एप्निया का सबसे बेहतरीन उपचार है जो बिल्कुल गोल्ड स्टैंडर्ड की तरह है।
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