खाद्य पदार्थों में फूड कलर को लेकर सतर्क हो रही तमिलनाडु सरकार।
आर्टिफिशियल फूड कलर से बढ़ सकती है एलर्जी।
घर में चुकंदर से बनाएं लाल रंग।
पालक से तैयार करें नेचुरल ग्रीन फूड कलर।
राज एक्सप्रेस। फूड कलर का उपयोग लगभग हर डिश में हो रहा है। बात अगर चाइनीज और फास्ट फूड की करें, तो इसके बिना इन्हें सर्व ही नहीं किया जाता। भारत में लगातार बढ़ रहे फूड कलर कल्चर के कारण कुछ डिशेज पर बैन लगा दिया गया है। हाल ही में तमिलनाडु फूड सेफ्टी ऑफिशियल्स ने 214 रेस्टोरेंट का निरीक्षण किया। इसमें पाया गया कि चिकन से बने व्यंजनों और बिरयानी में स्टैंडर्ड लेवल से ज्यादा आर्टिफिशिश्ल फूड कलर मिलाया गए थे। फिलहाल इन रेस्टारेंट को बंद कर दिया गया है। बता दें कि इससे पहले भी कर्नाटक में कॉटन कैंडी और गोभी मंचुरियन जैसे फास्ट फूड पर बैन लगाया जा चुका है। असल में फूड कलर का इस्तेमाल किसी डिश के नेचुरल कलर को बढ़ाने के लिए होता है। दिलचस्प बात तो यह है कि फूड कलर न केवल खाने को फ्रेश दिखाता है, बल्कि भूख भी बढ़ाता है। लेकिन यह सेहत के लिए नुकसानदायक भी है। अगर आप इनसे बचना चाहते हैं, तो यहां बताई गई है घर में नेचुरल फूड कलर बनाने की रेसिपी।
कई स्टडीज बताती हैं कि फूड कलर बच्चों को हाइपरएक्टिव बनाते हैं। इसके सेवन से बच्चे एडीएचडी के शिकार भी हो सकते हैं। बच्चे के आहार से फूड कलर हटाने से ये लक्षण कम हो सकते हैं।
फूड कलर व्यक्ति में अस्थमा और पित्त जैसे एलर्जिक रिएक्शन का कारण बन सकते हैं।
दही, दूध पनीर जैसे डेयरी प्रोडक्ट का सेवन करें।
नट्स और बीज को डाइट का हिस्सा बनाएं।
ताजे फल और सब्जियां खाएं।
ओट्स, ब्राउन राइस, बारले का सेवन बढ़ाएं।
दालों का प्राथमिकता दें।
चाइनीज डिश को ज्यादा आकर्षक और टेस्टी दिखाने के लिए अक्सर रेड कलर का यूज होता है। इसलिए आपने देखा होगा कि चाइनीज फूड जैसे मंचूरियन, चिली पोटैटो, सिंगापुरी नूडल्स लाल रंग की दिखती हैं। यहां तक की ग्रेवी वाली सब्जी बनाने में भी लाल रंग ही काम आता है। इसी तरह बेकरी के कुछ आइटम्स में हरे, नीले, पर्पल रंग का इस्तेमाल किया जाता है। कुछ मिठाइयों को पीला रंग देने के लिए यलो फूड कलर यूज में आता है। ये सभी कलर्स आप आसानी से घर में बना सकते हैं।
इसके लिए सबसे पहले चुकंदर को छीलकर मिक्सर में ब्लेंड करें।
फिर इसे छलनी से छानकर एक बाउल में रख लें।
अब एक पैन में आधा कप कलर डालें और 3-4 चम्मच चीनी मिलाकर मीडियम फ्लेम पर एक तार की चाश्नी बनाएं।
कलर जम ना जाए, इसके लिए आप आधा चम्मच नींबू का रस मिला सकते हैं। रेड फूड कलर बनकर तैयार है।
इसके लिए पालक की जरूरत पड़ेगी। सबसे पहले पालक को धोकर मिक्सर में ब्लेंड करें।
इसे भी छानकर एक बर्तन में रखें। गर्मियां हैं, तो आप इसमें बर्फ डालकर रख सकते हैं। इससे इसका कलर हरा बना रहेगा।
अब एक पैन में आधा कप हरा रंग और 3-4 चम्मच चीनी डालकर एक तार की चाशनी बनाएं।
ध्यान रखें आपको इसमें नींबू का रस नहीं मिलाना है। वरना इसका रंग बदल जाएगा।
पर्पल कलर बनाने के लिए पर्पल रंग का पत्तागोभी लें।
काटकर हल्का पानी मिलाकर पीस लें और छानकर रख लें।
अब एक पैन में आधा कप हरा रंग और 3-4 चम्मच चीनी डालकर एक तार की चाशनी बनाएं।
पर्पल कलर बनाने के लिए सिर्फ एक बूंद नींबू डालें। इससे ज्यादा नहीं। ज्यादा नींबू डालने से पर्पल कलर मैरून कलर में बदल जाएगा।
डार्क ब्लू कलर बनाने के लिए आधा कप पर्पल कलर में एक चौथाई चम्मच सोडा मिला लें। कुछ देर पकाएं।पर्पल कलर सोडा के साथ रिएक्ट करके डार्क ब्लू कलर में बदल जाएगा।
यलो यानी पीला फूड कलर बनाने के लिए एक चौथाई कप चीनी और एक चाैथाई कप ही पानी लें।
अलग से एक चम्मच चीनी और केसर को कूट लें। इससे केसर नॉर्मल कलर से ज्यादा अच्छा कलर देगी।
अब इसे चीनी और पानी के घोल में मिलाएं।
इस मिश्रण को कुछ देर तक पकाएं। केसर अपना कलर देने लगेगी।
एक तार की चाशनी बनने के बाद इसमें नींबू की कुछ बूंदें डाल सकते हैं।
यहां बनाए गए सभी कलर्स को आप कई दिनों तक स्टोर करके रख सकते हैं। अगर कलर गाढ़ा हो जाए, तो आप बोतल को कुछ देर तक गर्म पानी में रखें। यह अपने नॉर्मल टेक्सचर में वापस आ जाएगा।
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