फिट रहने के लिए 36 घंटे का उपवास रखते हैं ब्रिटेन के पीएम, जानिए कितना सही है ये

ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक का फिटनेस सीक्रेट सामने आया है। अगर आप भी उनके इस सीक्रेट रूटीन को फॉलो करने की सोच रहे हैं, तो इसके फायदे नुकसान जरूर जान लीजिए।
फिट रहने के लिए 36 घंटे का उपवास रखते हैं ब्रिटेन के पीएम
फिट रहने के लिए 36 घंटे का उपवास रखते हैं ब्रिटेन के पीएमRaj Express
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हाइलाइट्स :

  • फिट रहने के लिए 36 घंटे उपवास करते हैं ब्रिटेन पीएम।

  • शुगर से बचने के लिए पीते हैं मैक्सिकन कोक।

  • 36 घंटे भूखे रहने से ब्‍लड प्रेशर, हार्ट रेट में होता है सुधार।

  • विशेषज्ञों के अनुसार, शरीर में हो सकती है पोषक तत्‍वों की कमी।

राज एक्सप्रेस। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री अक्‍सर सुर्खियाें में रहते हैं। अपने काम और व्‍यवहार को लेकर तो हमेशा से ही उन्‍होंने भारतीयों का दिल जीता है, लेकिन अब अपनी फिटनेस को लेकर उन्होंने जो बात कही है, लोग उससे काफी इंप्रेस हैं। हाल ही में ऋषि सुनक ने अपनी फिटनेस का राज खोला है। बता दें कि यूके के प्रधानमंत्री की लाइफस्‍टाइल काफी अलग है। वे फिट रहने के लिए एक स्ट्रिक रूटीन फॉलो करते हैं। उन्‍हाेंने खुलासा किया है कि वे रविवार शाम 5 बजे से मंगलवार सुबह 5 बजे तक उपचास करके सप्‍ताह की शुरुआत करते हैं। इस दौरान वे केवल चाय, पानी या ब्‍लैक कॉफी लेते हैं। ब्रिटिश पीएम का ये रूटीन कई लोगाें को इंस्पायर कर सकता है। अगर आप इसे फॉलो करने की सोच रहे हैं, तो पहले इससे जुड़े फायदे और नुकसान के बारे में जानना जरूरी है।

सप्‍ताहभर खाते हैं मीठे पकवान

उन्‍होंने बीबीसी को इंटरव्‍यू देते हुए बताया कि - मुझे मीठी चीजें पसंद हैं, इसलिए मैं सप्ताह के बाकी दिनों में बहुत सारी मीठी पेस्ट्री खाता हूं। हालांकि, जॉब के चलते मुझे एक्सरसाइज करने का समय नहीं मिलता, इसलिए सप्‍ताह की शुरुआत थोड़ा रीसेट और डिटॉक्‍स के साथ करता हूं।

करते हैं मैक्सिकन कोक का सेवन

पीएम सुनक ने खुद को कोका कोला का एडिक्‍ट बताया है। उन्‍होंने बताया कि उन्हें मैक्सिन कोक काफी पसंद है। क्‍योंकि इसे हाई फ्रुक्टोज कॉर्न सिरप के बजाय गन्‍ने की चीनी से बनाया जाता है।

क्‍या है ऋषि सुनक का 36 घंटे का डाइट पैटर्न

ऋषि सुनक के 36 घंटे के फास्‍ट को मॉन्‍क फास्‍ट कहते हैं। यह इंटरमिटेंट फास्टिंग का ही एक रूप है। इसके अनुसार, आप केवल एक टाइम पीरियड में ही भोजन कर सकते हैं। ताकि आपको भोजन पचाने के लिए समय मिल सके। पीएम सुनक के सप्‍ताह में एक दिन के उपवास को ईट-स्‍टॉप-ईट डाइट कहा जाता है। जबकि 5:2 डाइट हर सप्ताह केवल दो दिनों के लिए 500 से 600 कैलोरी इंटेक करने और फिर अन्य दिनों में सामान्य, संतुलित आहार खाने पर बेस्‍ड है।

36 घंटे की फास्टिंग के फायदे

इंटरमिटेंट फास्टिंग करने से वजन घटाने और मसल मास बढ़ाने में मदद मिलती है। यह फास्टिंग मेटाबॉलिज्‍म को बढ़ा सकती है। कई स्‍टडी बताती हैं कि रूक-रूक कर उपवास करने से शरीर में सूजन कम हो जाती है साथ ही ब्‍लड प्रेशर और हार्ट रेट में भी इंप्रूवमेंट आता है। यह भी दावा किया गया है कि रुक-रुक कर उपवास करने से मस्तिष्क की कार्यक्षमता में सुधार होता है और कैंसर व अल्जाइमर का खतरा कम हो सकता है। लंदन रीजनरेटिव इंस्टीट्यूट के जेनेटिक इंजीनियर सेबनेम अनलुइस्लर का कहना है कि लंबे समय तक भोजन से परहेज करने से भी शरीर में ऑटोफैगी हो सकती है। इसके तहत शरीर डैमेज सेल्‍स को रिमूव करके नई हेल्‍दी सेल्‍स को रीजनरेट करता है । माना जाता है कि इस प्रक्रिया से सेलुलर हेल्‍थ को बहुत फायदा होता है।

इंटरमिटेंट फास्टिंग के नुकसान

हालांकि, एक रिसर्च के अनुसार, इसके साइड इफेक्‍ट भी सामने आए हैं। रिसर्च के अनुसार, अगर पर्याप्त पोषण पर ध्यान दिए बिना रुक-रुक कर उपवास किया जाए तो पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। जबकि शरीर के ठीक से काम करने के लिए विटामिन, मिनरल्स और अन्य पोषक तत्वों का पर्याप्‍त मात्रा में होना बहुत जरूरी है। इसके लिए संतुलित आहार लेना होता है। शरीर में पोषक तत्‍वों की कमी से पोषण संबंधी असंतुलन हो सकता है, जिससे व्यक्ति को हर वक्‍त थकान महसूस हो सकती है। साथ ही प्रतिरक्षा प्रणाली के कमजोर होने की भी संभावना बढ़ जाती है।

किसे फॉलो नहीं करना चाहिए ये डाइट पैटर्न

न्यूट्रिशन एक्‍सपर्ट एडम कोलिंस ने वॉर्निंग दी है कि लोगों को इंटरमिटेंट फास्टिंग करने से पहले हमेशा एक्‍सपर्ट से सलाह लेनी चाहिए। बच्चों, टीनएजर, डिसऑर्डर ईटिंग वाले लोग, डायबिटीज वाले, गर्भवती या फिर स्तनपान कराने वाली मां के लिए यह डाइट पैटर्न अच्‍छा नहीं है। क्‍योंकि भोजन के बिना 24, 36, 48 और 72 घंटे तक रहना अच्‍छा नहीं है, इससे शरीर में ज्‍यादा फैट जमा हो सकता है। अगर व्‍यक्ति इतने लंबे समय तक खाना ना खाए, तो उन्‍हें भूख, थकान, इंसोमनिया, चिड़चिड़ापन, एकाग्रता में कमी, मतली, कब्ज और सिरदर्द जैसी शिकायत हो सकती है।

एडम कोलिन्‍स के अनुसार, ऋषि सुनक की फास्टिंग हर किसी के लिए ठीक नहीं है। इसे फॉलो करने से पहले यह जानना जरूरी है कि पुरुषों और महिलाओं दोनों को इस डाइट पैटर्न को अलग-अलग तरीके से फॉलो करना पड़ता है। ध्‍यान रखें, हर व्‍यक्ति अलग है। जो चीज एक के लिए काम कर रही है जरूरी नहीं कि वह दूसरों के लिए भी समान रूप से काम करे। इसलिए किसी भी तरह की इंटरमिटेंट फास्टिंग शुरू करने से पहले अपने हेल्‍थ एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें।

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