बच्चों में फैल रहा है मंप्स, एक्सपर्ट से जानिए कैसे करें इससे बचाव
हाइलाइट्स :
भारत में तेजी से फैल रही है मंप्स बीमारी।
बच्चे हो रहे हैं प्रभावित।
गले और चेहरे पर सूजन इसका मुख्य लक्षण।
खांसते और छींकते समय मुंह और नाक को टिशू से ढंकें।
राज एक्सप्रेस। इन दिनों भारत में बच्चों में मंप्स यानी गलसुआ का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। बता दें कि मंप्स लार को प्रभावित करने वाला एक संक्रामक वायरल संक्रमण है। इससे चेहरे और गर्दन में सूजन के साथ दर्द भी होता है। बताया जा रहा है कि संक्रमित व्यक्ति के संपर्क मे रहने से यह रोग आसानी से फैल सकता है। ध्यान न देने पर बच्चे की स्थिति गंभीर हो सकती है। पीडियाट्रिशियन डॉ. अंकित गुप्ता ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर की है। इस वीडियो के जरिए उन्होंने मंप्स जैसे गंभीर संक्रमण के बारे में बात की है। उनके अनुसार, वैक्सीन की मदद से इस बीमारी से बचा जा सकता है। वह कहते हैं कि जब बच्चा छींकता या खांसता है, तो पास में बैठा बच्चा भी संक्रमित हो सकता है। डॉक्टर से जानते है आखिर क्या हैं मंप्स के लक्षण और कैसे पेरेंट्स इससे अपने बच्चों को बचा सकते हैं।
मंप्स के लक्षण
एक्सपर्ट के अनुसार, भले ही लक्षण गंभीर न दिखें, लेकिन उनमें बुखार, थकान, ग्रंथियों में सूजन, मांसपेशियों में दर्द और सिरदर्द जैसी बड़ी समस्याएं छिपी हो सकती हैं। जटिलताएं गंभीर हो सकती हैं, जिससे मेनिनजाइटिस, बहरापन और गर्भवती महिलाओं में अजन्मे बच्चों को नुकसान पहुंच सकता है। बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, थकान और भूख न लगना इस बीमारी के शुरुआती लक्षण हैं। 2-3 दिनों के बाद, कान या जबड़े के नीचे ग्रंथियां सूजी हुई दिखाई देती हैं। सूजन एक सप्ताह में कम हो जाती है, लेकिन जैसे ही आप इसे नोटिस करें, डॉक्टर के पास जरूर जाएं।
डॉक्टर की सलाह
इस बीमारी से बचने के लिए बच्चों को एमएमआर ( MMR ) वैक्सीन लगवानी चाहिए। जिसका पूरा नाम मंप्स, मीसल्स रूबेला है। डॉक्टर सलाह देते हैं कि अपने बच्चे का वैक्सीनेशन कार्ड चेक करें। अगर उसे एमएमआर वैक्सीन नहीं लगाई गई है , तो तुरंत जाकर लगवाएं। नौ महीने से ऊपर वाले किसी भी बच्चे को यह वैक्सीन लगवाई जा सकती है।
मंप्स से बचने के तरीके
खांसते या छींकते समय नाक और मुंह को रूमाल या टिशू से ढक कर रखें। इस्तेमाल किए गए टिशू को डिस्पोज करें।
ऐसी चीजें शेयर करने से बचें जिन पर लार लगी हो जैसे पानी की बोतलें या कप।
जब आपको मंप्स हो, तो ग्लैंड में सूजन शुरू होने के 5 दिन बाद तक अन्य लोगों के संपर्क से बचना चाहिए। इन बच्चों को आइसोलेशन में रहने की सलाह दी जाती है।
मास्क पहने रहें। क्योंकि संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए यह एक जरूरी कदम है।
वैक्सीनेशन ही बचाव का एकमात्र प्रभावी तरीका है। 9 महीने 15 महीने और 4-5 वर्ष पर एमएमआर की 3 डोज जरूरी हैं । अगर स्कूली बच्चे टीका लेने से चूक गए हैं, तो उन्हें 4 सप्ताह के अंतर पर 2 डोज मिल सकती हैं।
अपने साथ हैंड सैनिटाइजर रखें। जब साबुन और पानी उपलब्ध न हो तो इसका उपयोग करें।
खिलौने, दरवाजे के हैंडल और टेबल जैसी बार-बार छुई जाने वाली सतहों को बैक्टीरिया फ्री करें।
अपने हाथ बार-बार साबुन और पानी से धोएं, खासकर खांसने, छींकने, टॉयलेट का उपयोग करने या सार्वजनिक स्थान पर रहने के बाद। सही तरीके से हाथ धोने से वायरस फैलने का खतरा कम हो जाता है।
गर्भवती महिलाओं को मंप्स वाले लोगों से दूर रहने की कोशिश करनी चाहिए।
किसी ऐसे व्यक्ति से कम से कम 6 फीट की दूरी पर रहें जिसमें गलसुआ के लक्षण दिख रहे हों।
जिन गर्भवती महिलाओं को टीका नहीं लगाया गया है, वे एमएमआर वैक्सीन जरूर लगवाएं।
बच्चों को शुरू से ही अच्छी स्वच्छता की आदतें सिखाएं।
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