ब्रेस्ट से नहीं निकल रहा दूध, तो हर नई मां को अपनाने चाहिए ये तरीके
हाइलाइट्स :
ग्लैंडुलर टिश्यू की कमी दूध न बनने का कारण।
बच्चे की ग्रोथ को प्रभावित करती है लो मिल्क सप्लाई।
ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने के लिए खूब पानी पिएं।
बोतल से दूध पिलाने से बचें।
राज एक्सप्रेस। क्या आपका बच्चा भी स्तनपान कराने के एक घंटे बाद फिर से भूखा हो जाता है। अगर ऐसा है, तो यह मामूली बात नहीं है। बच्चे का इतनी जल्दी भूखा हो जाना, स्तनों से दूध न आने का संकेत है। जिसे लो ब्रेस्ट मिल्क सप्लाई कहते हैं। लो ब्रेस्ट मिल्क सप्लाई एक ऐसी स्थिति है, जब स्तनपान कराने वाली मां बच्चे की पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त मात्रा में दूध उत्पादन नहीं कर पाती। इसका मतलब यह है कि मां के स्तन से निकलने वाला दूध बच्चे की ग्रोथ और डेवलपमेंट के लिए काफी नहीं है। यह मां और बच्चे दोनों के लिए काफी चुनौतीपूर्ण स्थिति है। क्योंकि ऐसे हालातों में बच्चे को जरूरत के हिसाब से पोषण नहीं मिल पाता, जिससे बच्चे का वजन नहीं बढ़ता और उसे स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं भी होने लगती हैं। तो आइए हम आपको मां के दूध को बढ़ाने के नेचुरल तरीके यहां बता रहे हैं। इससे बच्चा भूखा नहीं रहेगा और आप भी तंदुरुस्त बनी रहेंगी।
पर्याप्त दूध न बनने के कारण :
ग्लैंडुलर टिश्यू की कमी
हार्मोन इंबैलेंस
ब्रेस्ट सर्जरी
कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स लेने से
लेबर पेन के लिए दी गई दवाएं
ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने के उपाय
बार-बार स्तनपान कराएं :
ऐसा माना जाता है कि बार-बार बच्चे को दूध पिलाने से स्तनों में दूध का उत्पादन बढ़ता है। डॉक्टर्स कहते हैं कि 24 घंटे के अंदर कम से कम 8-12 बार बच्चे को दूध पिलाना चाहिए।
पोजीशन पर ध्यान दें
स्तनों में दूध बढ़ाने के लिए सबसे जरूरी चीज है बच्चे की सही पोजीशन। ब्रेस्ट फीडिंग कराते समय बच्चा ब्रेस्ट को ठीक से पकड़ रहा है कि नहीं, उनका मुंह निप्पल पर है या नहीं या फिर उसका मुंह एरियोला को कवर कर रहा है या नहीं, इन सब पर ध्यान देना चाहिए।
ब्रेस्ट को खाली करें
कई बार बच्चे स्तन से थोड़ा दूध पीकर फिर दूसरे स्तन से दूध पीना शुरू कर देते हैं। इससे भी स्तनों में दूध की आपूर्ति कम हो जाती है। इसलिए ध्यान रखें कि बच्चा हर ब्रेस्टफीडिंग सेशन के दौरान दूसरे स्तन से दूध पीने से पहले एक स्तन का दूध खाली कर दे। इससे दूध का उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी।
ब्रेस्ट कंप्रेशन की मदद लें
जब कभी लगे,कि स्तनों से दूध कम आ रहा है, जो बच्चे के लिए काफी नहीं है, तो ब्रेस्ट कंप्रेशन अच्छा विकल्प है। यह स्तनपान के दौरान स्तनों को दबाने का तरीका है। इससे मिल्क ग्लैंड पर दबाव पड़ता है और दूध तेजी से बहने लगता है।
हाइड्रेट रहें
अगर मां के ब्रेस्ट से दूध न निकले, तो समझ लीजिए कि शरीर में पानी की कमी हो रही है। इसलिए हाइड्रेट रहना बहुत जरूरी है। बता दें कि ब्रेस्ट मिल्क में 90 प्रतिशत पानी होता है। इसलिए दूध का उत्पादन बढ़ाने के लिए ज्यादा से ज्यादा पानी का सेवन जरूरी है। जन्म से लेकर लगभग 11 महीने तक पानी बॉडी वेट का 55-83 प्रतिशत तक होता है। इसके अलावा ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने के लिए पौष्टिक खाद्य पदार्थों के साथ संतुलित आहार का सेवन भी जरूरी माना गया है।
तनाव कम लें
जो मां तनाव ज्यादा लेती हैं, उनके स्तनों में दूध की आपूर्ति कम होना स्वाभाविक है। दरअसल, थकान और तनाव दानेों ही दूध के उत्पादन पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। इस दौरान ऐसी एक्टिविटी का हिस्सा बनें, जो आपको रिलेक्स तो करें ही साथ ही तरोताजा भी महसूस कराएं।
बच्चे के करीब रहें
एक मां के लिए अपने बच्चे से स्किन टू स्किन कांटेक्ट बहुत जरूरी है। बच्चे के करीब रहने और उसके साथ समय बिताने से ऑक्सीटोसिन नामक हार्मोन रिलीज होता है, जिससे स्तनों में दूध तेजी से बनने लगता है।
बोतल का यूज करने से बचें
जन्म के शुरुआती हफ्ते मे बच्चे को दूध पिलाने के लिए बोतल का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। दूध पिलाने का यह तरीका मां और बच्चे के बीच की बॉन्डिंग को कमजोर बना सकता है। साथ ही मिल्क सप्लाई में कमी कर सकता है।
ब्रेस्ट से ठीक से दूध न आना मां और बच्चे दोनों के लिए चिंताजनक स्थिति है। हालांकि, यहां बताए कुछ तरीकों को अपनाने से दूध के उत्पादन को बढ़ाने में मदद मिल सकती है। अगर आपको ऐसा लग रहा है कि आपके बच्चे को पर्याप्त दूध नहीं मिल रहा है, तो लेक्टेशन कंसल्टेंट से संपर्क करना चाहिए।
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