इमोशनल जंक से सावधान, कहीं दिल का मरीज ना बना दे ये आदत
हाइलाइट्स :
आपकी मेंटल हेल्थ के लिए खतरनाक है इमोशनल जंक।
इमोशनल जंक से बढ़ सकता है कार्डियक अरेस्ट का खतरा।
चीज, पिज्जा की तरह नकारात्मक विचारों को बाहर निकालना जरूरी।
दूसरों को माफ करने से इमोशनल जंक से बच सकते हैं।
राज एक्सप्रेस। जंक फूड के नकारात्मक परिणामों के बारे में हम सभी जानते हैं। भले ही यह आज की जनरेशन का फेवरेट फूड हो, लेकिन यह हमारी सेहत को बुरी तरह से प्रभावित करता है। यही वजह है कि विशेषज्ञ हमेशा से ही पिज्जा, बर्गर, फ्राइज, आइसक्रीम, कैंडी, चॉकलेट और चिप्स से परहेज करने के लिए कहते हैं। जिससे आपकी बॉडी हमेशा शेप में रहे और आप हेल्दी रहें। ये तो हुई हमारे द्वारा खाए जाने वाले जंक फूड की बात, लेकिन क्या आप इमोशनल जंक की तरफ ध्यान देते हैं।
जब बात मानसिक स्वास्थ्य की हो, तो इमोशनल जंक मुख्य भूमिका निभाता है। जंक फूड की तरह आप भी अपने मन को इमोशनल वेस्ट जैसे गुस्सा, नकारात्मकता, क्रोध, आक्रोश, ईर्ष्या जैसे जंक खिलाते रहेंगे, तो यह आपके जीवन में चिंता और तनाव की बड़ी वजह बन सकते हैं। इसलिए अपने शरीर की तरह इस बात का ख्याल रखें कि आप अपने दिमाग में क्या फीड कर रहे हैं। क्योंकि नकारात्मकता से भरपूर कचरा दिमाग के लिए इमोशनल जंक का काम करता है। तो आइए जानते हैं इमोशनल जंक हमारे मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है।
इमोशनल जंक लोगाें के मौत की वजह
बता दें कि मानसिक स्वास्थ्य आपके समग्र स्वास्थ्य और इमोशनल वेल बीइंग के लिए जरूरी है। येल यूनिवर्सिटी में हुई एक स्टडी के अनुसार, जो लोग अपनी लाइफ से बहुत ज्यादा फ्रस्टेट होते हैं, बहुत जल्दी रिएक्ट करते हैं , हमेशा गुस्से में रहते हैं, उनमें हृदय संबंधी समस्याओं और कार्डियक अरेस्ट से मरने की संभावना ज्यादा रहती है।
दिमाग के लिए जहर है इमोशनल जंक
दिमाग के लिए एक अनहेल्दी फूड है, जिसे हम इसे नकारात्मक विचारों, दुख, डर, अवसाद, गुस्सा, चिंता के रूप में दिमाग के अंदर फीड कर रहे हैं। अगर दिमाग में इतना कचरा भर जाए, तो यह आपके मानसिक संतुलन तक को बिगाड़ सकता है। ये सभी नकारात्मक भावनाएं आपके दिमाग के लिए जहर की तरह हैं, जो धीरे-धीरे आपका स्वास्थ्य खराब कर देती हैं।
स्ट्रीट जंक फूड से ज्यादा खतरनाक है इमोशनल जंक
इमोशनल जंक एक तरह का वो साइलेंट किलर है, जो स्ट्रीट जंक फूड से भी ज्यादा आपकी सेहत को नुकसान पहुंचाता है। इमोशनल जंक से व्यक्ति का दैनिक कामकाज प्रभावित होता है। जब शरीर एक प्रकार का केमिकल रिलीज करता है, तो न केवल आपकी ऊर्जा में कमी आती है, बल्कि आप उम्र से पहले ही बूढें दिखने लगते हैं। इमोशनल जंक मांसपेशियों को कमजोर करने के साथ ही ब्रेन सेल्स को ब्लॉक करने के लिए जिम्मेदार है।
सीखने की क्षमता होती है कमजोर
जिस तरह किसी बीमारी के बाद शरीर को रिकवर होने में समय लगता है, ठीक उसी तरह अगर दिमाग भी काम करना बंद कर दे, तो कुछ भी सोचने और निर्णय लेने की क्षमता कम होने लगती है।
इमोशनल जंक से कैसे बचें
नकारात्मक विचारों से जल्द से जल्द बाहर निकलकर सकारात्मक बनें।
चिंता, गुस्सा और नकारात्मक विचारों के साथ अपना पूरा दिन न बिताएं। यह आपकी इमोशनल हेल्थ के लिए खतरनाक हो सकता है।
जिस तरह आप स्वस्थ भोजन को प्राथमिकता देते हैं, वैसे ही अपने दिमाग को ऐसा आहार खिलाएं, जो सकारात्मकता और खुशी से भरा हो।
हाई फैट इमोशन्स का सेवन कम करें। यह आपकी ऊर्जा को कम कर देता है। जो आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत खराब है।
अपनी भावनाओं और विचार पैटर्न के प्रति ज्यादा जागरूक बनें।
खुद को अपनी भावनाओं को व्यक्त करने की इजाजत दें।
शिकायत, नाराजगी और पुरानी चोटों को भूल जाएं और दूसरों को माफ करना सीखें।
अगर मन में लंबा और स्वस्थ जीवन जीने की चाह है, तो अपने इमोशनल डाइट से समझौता न करें। खुद को प्यार, खुशी, आशा, सकारात्मकता जैसे पोषक तत्वों से पोषित करने का प्रयास करना इमोशनल जंक से बचने का सबसे प्रभावी और आसान तरीका है।
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