सर्दियों में जॉइंट पेन एक आम समस्या है।
विटामिन डी की कमी से होता है जोड़ाें में दर्द।
ज्यादा खाने से भी जोड़ों पर पड़ता है दबाव।
वायु प्रदूषण देता है रूमेटाइड अर्थराइटिस को बढ़ावा।
राज एक्सप्रेस। हर किसी के लिए सर्दियों की परिभाषा अलग होती है। किसी को यह मौसम ज्यादा मजेदार लगता है, तो वहीं किसी के लिए तकलीफ बढ़ जाती हैं। कहने का मतलब है कि इस मौसम में अक्सर लोग जोड़ों में दर्द की शिकायत करते हैं। सह समस्या इस हद तक बढ़ जाती है कि उठना बैठना तो दूर चलना फिरना भी दुशवार हो जाता है। आमतौर पर शरीर में खून का प्रवाह ठीक से न होने से ऑक्सीजन की सप्लाई में कमी आती है, जिससे जोड़ों में दर्द शुरू होता है। क्या आप जानते हैं कि यह जोड़ों में दर्द का इकलौता कारण नहीं है। एम्स की रूमेटोलॉजिस्ट डॉ. उमा कुमार के अनुसार, सर्दियों में आपकी लाइफस्टाइल की कुछ आदतें और पर्यावरण में हो रहे बदलाव भी जॉइंट पेन को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार हैं। अगर आपको भी ठंड के दिनों में जोड़ों में दर्द होता है, ताे यहां बताए गए कुछ कारणों को जरूर नोटिस करें।
सर्दी के मौसम में हमारा शरीर अलग और ज्यादा खाने की डिमांड करता है। दरअसल, दन दिनों में अलग अलग खाद्य पदार्थों की उपलब्धता लोगों को ज्यादा खाने के लिए मजबूर कर देती है। परांठे, चिक्की और हाई कैलोरी वाले फूड के सेवन से हल्का फुल्का वजन भी बढ़े तो , घुटनों के जोड़ों का वजन तीन गुना बढ़ जाता है। जो दर्द की मुख्य वजह है।
क्या आप जानते हैं कि वायरल इंफेक्शन के कारण भी जोड़ों में दर्द की समस्या बढ़ जाती है। दरअसल, सर्दियों में वायरल इंफेक्शन होना आम है। इन दिनों में लोग ज्यादातर समय घर के अंदर बिताते हैं। एक दूसरे के करीब रहने से संक्रमण तेजी से फैलता है।
सर्दियों के दौरान लोगों को विटामिन डी नहीं मिल पाता है। खासतौर से जो लोग फ्लैट या अपार्टमेंट में रहते हैं, उनमें विटामिन डी की बहुत कमी पाई जाती है। जबकि जोड़ों के स्वास्थ्य के लिए विटामिन डी एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है। इसकी कमी के चलते जोड़ों में दर्द हो सकता है।
सर्दियों में वायु प्रदूषण होना आम है। खासतौर से पिछले कुछ समय से उत्तर भारत के शहरों में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब हो गई है। यही दूषित हवा आर्थराइटिस का कारण बन रही है। कई रिसर्च बताती हैं कि वायु प्रदूषण रूमेटाइड आर्थराइटिस एक्टिविटी को बढ़ावा दे सकता है।
सर्दियाें में लोगों का खानपान तो बढ़ता है, लेकिन एक्टिविटी लेवल उतना ज्यादा ही डाउन हो जाता है। ठंडी हवा के कारण लोग रजाई और कंबलों में रहना पसंद करते हैं। जिस कारण वजन तो बढ़ता ही है और पैरों में सूजन और दर्द भी महसूस होने लगता है।
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