सेरोटोनिन एक हार्मोन है जो मूड व याददाश्त को नियंत्रित करता है।
सेरोटोनिन बढ़ाने के लिए व्यायाम करें, धूप लें।
मसाज थैरेपी सेरोटोनिन को बूस्ट करती है।
डिप्रेशन फील करने पर डॉक्टर से बात करें।
राज एक्सप्रेस। उतार-चढ़ाव हमारे जीवन का हिस्सा हैं। कभी-कभी अव्यवस्थित रूटीन के चलते तनाव हो सकता है, लेकिन जिन लोगों का रूटीन पूरी तरह से सेट है, उन्हें भी समय-समय पर तनाव और दबाव का सामना करना ही पड़ता है। तनाव ही है, जो हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डालता है। यह व्यक्ति को शारीरिक ही नहीं बल्कि भावनात्मक रूप से भी कमजोर बना देता है। इस वजह से शरीर में थकावट, सुस्ती, चिंता लगातार बनी रहती है। इन सबके कारण सेरोटोनिन प्रभावित होता है। सेरोटोनिन एक हैप्पी हार्मोन है। यह मूड और स्लीपिंग साइकिल को नियंत्रित कर हमें हैप्पी और रिलेक्स फील कराता है। इसलिए आज तनाव भरे माहौल में हमारे शरीर को सेरोटोनिन की बहुत ज्यादा जरूरत है। यहां बताए गए नेचुरल तरीकों से आप सेरोटोनिन लेवल बढ़ा सकते हैं।
डिप्रेशन की स्थिति काफी खराब होती है। अगर आपको यह समस्या है, तो सूरज की रोशनी आपके लिए बहुत जरूरी है। इससे न केवल विटामिन डी मिलता है बल्कि शरीर में सेरोटोनिन लेवल में भी सुधार होता है। दरअसल, मास्तिष्क सूरज और दिल के उजाले में सेरोटोनिन का उत्पादन बहुत ज्यादा और तेजी से करने लगता है। इसलिए कहते हैं कि सर्दियों की धूप दिमाग के लिए फायदेमंद होती है। अवसाद हो या ना हो, सेरोटोनिन को बूस्ट करना चाहते हैं, तो कम से कम 10-15 मिनट धूप में बिताएं।
2005 के एक रिव्यू के अनुसार, मसाज थैरेपी सेरोटोनिन लेवल को 28 प्रतिशत तक बढ़ सकती है। दरअसल, हमारे दिमाग कॉर्टिसोल नामक हार्मोन बढ़ता है, वो भी तब, जब हम तनाव में होते हैं। मसाज थैरेपी इस हार्मोन को कम करने का काम करती है। जिससे सेरोटोनिन लेवल बढ़ने लगता है। इसके बाद आप रिलेक्स और फ्रेश महसूस कर सकते हैं।
सेरोटोनिन लेवल को बढ़ाने में आहार भी मुख्य भूमिका निभाता है। चूंकि आपका शरीर खुद इसका उत्पादन नहीं करता, इसलिए अपने आहार में प्रोटीन से भरपूर खाद्य पदार्थ का सेवन करना चाहिए। बता दें कि प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ ट्रिप्टोफैन जैसे अमीनो एसिड से भरपूर होते हैं। यह आसानी से सेरोटोनिन में बदल जाते हैं। अंडे, टोफू , सोया सॉस, भुट्टा, कद्दू के बीज और अखरोट जैसे बीज में र्टिप्टोफेन बहुत ज्यादा मात्रा में पाया जाता है।
अगर आपके पास एक्सरसाइज करने का समय नहीं है और न ही आप अपनी डाइट में बदलाव कर पा रहे हैं, तो कुछ न करें, बस अपनों के साथ समय बिताएं। क्योंकि अपने करीबी लोगों से मिलना जुलना, उनके साथ हंसी मजाक करना अपने मूड को बेहतर बनाता है। अगर आपके पास बाहर जाने का समय नहीं हैं, तो घर पर एक पेट जरूर रखें और उसके साथ खेलें। आपका सेरोटोनिन लेवल नेचुरली बढ़ जाएगा।
इस हैप्पी हार्मोन को बढ़ाना चाहते हैं, तो रोजाना एक्सरसाइज करना शुरू कर दें । हर सेशन के बाद आप बहुत रिलेक्स महसूस करेंगे। दरअसल, एक्सरसाइज ब्लड में ट्रिप्टोफैन लेवल को बढ़ा देती है। ट्रिप्टोफैन लेवल बढ़ने का मतलब है सेरोटोनिन में वृद्धि। इसके लिए आप तेज चलना, जॉगिंग, हाई इंटेंसिटी वाले वर्कआउट को अपने डेली वर्कआउट रूटीन का पार्ट बना सकते हैं। क्लीवलैंड क्लीनिक के अनुसार, हफ्ते में 5 बार 30 मिनट की एक्सरसाइज मूड डिसऑर्डर और दिल की सेहत में सुधार कर सकती है।
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।