IMA ने डॉक्टरों और मौसमी बुखार और जुखाम के पीड़ितों को Antibiotic दवाओं से बचने की दी सलाह
राज एक्सप्रेस। भारतीय चिकित्सा संस्था( Indian Medical Association) द्वारा बीते दिन एक सूचना जारी करते हुए मौसमी बुखार और जुखाम के रोगियों के साथ डॉक्टरों को एंटीबायोटिक (Antibiotic) दवाओं से बचने की सलाह दी गई है। IMA ने ऐसा इसलिए कहा है क्योंकि कोरोना महामारी के बाद से लोग डॉक्टर से बिना पूछे ही मौसमी बुखार और छोटे–मोटी खांसी या जुखाम के लिए एंटीबायोटिक ले लेते है।
बढ़ रही है बुखार जुखाम और खांसी के रोगियों की संख्या
IMA द्वारा जारी कि गई सूचना में बताया गया है कि "कुछ मामलों में खांसी, मतली, उल्टी, गले में खराश, बुखार, शरीर में दर्द और दस्त के लक्षण वाले रोगियों की संख्या अचानक बढ़ रही है, जिसमे संक्रमण आमतौर पर लगभग पांच से सात दिनों तक रहता है। तीन दिन के अंत में बुखार उतर जाता है, लेकिन खांसी तीन सप्ताह तक बनी रह सकती है। एनसीडीसी (NCDC) से मिली जानकारी के मुताबिक, ज्यादातर मामले एच3एन2 इन्फ्लुएंजा (H3N3 Influenza) वायरस के हैं। इन्फ्लूएंजा और अन्य वायरस के कारण अक्टूबर से फरवरी की अवधि के दौरान मौसमी सर्दी या खांसी होना आम बात है।"
वायु प्रदूषण भी है एक ठोस कारण
जारी कि गई सूचना में IMA ने कहा कि "ऐसे रोग ज्यादातर 50 साल से ऊपर और 15 साल से कम उम्र के लोगों में होते है। लोग बुखार के साथ ऊपरी श्वसन संक्रमण विकसित करते हैं। वायु प्रदूषण अवक्षेपण कारकों में से एक है।एंटीबायोटिक्स देने की आवश्यकता नहीं है, केवल रोगसूचक उपचार दें। लेकिन अभी, लोग एंटीबायोटिक्स जैसे एज़िथ्रोमाइसिन(Azithromycin) और एमोक्सीक्लेव (Amoxiclav) आदि लेना शुरू कर देते हैं, वह भी खुराक और आवृत्ति की परवाह किए बिना और बेहतर महसूस होने पर इसे बंद कर देते हैं। इसे रोकने की आवश्यकता है क्योंकि इससे एंटीबायोटिक प्रतिरोध होता है। जब भी एंटीबायोटिक्स का वास्तविक उपयोग होगा, वे प्रतिरोध के कारण काम नहीं करेंगे।"
एंटीबायोटिक दवाओं का किया जा रहा है दुरुपयोग
IMA ने बताया कि "कई अन्य एंटीबायोटिक दवाओं का कुछ शर्तों के लिए दुरुपयोग किया जा रहा है और रोगियों के बीच प्रतिरोध विकसित हो रहा है जैसे कि डायरिया के 70% मामले वायरल डायरिया के होते हैं, जिसके लिए एंटीबायोटिक्स की आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन डॉक्टरों द्वारा निर्धारित किया जा रहा है। सबसे अधिक दुरुपयोग किए जाने वाले एंटीबायोटिक्स एमोक्सिसिलिन, नॉरफ्लोक्सासिन, सिप्रोफ्लोक्सासिन, ओफ़्लॉक्सासिन, लेवोफ़्लॉक्सासिन (Amoxicillin, Norfloxacin, Ciprofloxacin, Ofloxacin, Levofloxacin) हैं। ये डायरिया और यूटीआई के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।"
दवाओं को रोगियों के लिए नियमित करने से पहले करे रोग की जांच
IMA ने जारी की गई सूचना में कहा कि "कोविड के दौरान एज़िथ्रोमाइसिन और आइवरमेक्टिन (Ivermectin) का व्यापक उपयोग देखा गया है। एंटीबायोटिक्स निर्धारित करने से पहले यह निदान करना आवश्यक है कि संक्रमण जीवाणु है या नहीं।सभी हितधारकों द्वारा आत्म-नियंत्रण और विनियमन का अभ्यास करने की आवश्यकता है।संक्रमण की रोकथाम के लिए भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचें, अच्छे हाथ और श्वसन स्वच्छता का अभ्यास करें और टीकाकरण करें।"
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।