पोस्‍टपार्टम डिप्रेशन को दूर करने के लिए अपनाएं ये उपाय
पोस्‍टपार्टम डिप्रेशन को दूर करने के लिए अपनाएं ये उपायSyed Dabeer Hussain - RE

पोस्‍टपार्टम डिप्रेशन को दूर करने के लिए अपनाएं ये उपाय, नहीं लेनी पड़ेगी थैरेपी

पोस्‍टपार्टम डिप्रेशन शारीरिक कमजोरी नहीं, बल्कि मानसिक बीमारी है। WHO के अनुसार, भारत में 22 प्रतिशत नई मां इस बीमारी से गुजर रही हैं। कुछ टिप्‍स की मदद से इसे दूर किया जा सकता है।
Published on

राज एक्सप्रेस। बॉलीवुड एक्‍ट्रेस आलिया भट्ट डिलीवरी के बाद पोस्‍टपार्टम डिप्रेशन से गुजर चुकी हैं। उन्‍होंने स्‍वीकारा था कि इसे दूर करने के लिए उन्‍होंने पोस्‍ट पार्टम थैरेपी का सहारा लिया था। दरअसल, यह एक ऐसी थैरेपी है, जो बच्‍चे के जन्‍म के बाद एक मां में होने वाले शारीरिक और मानसिक बदलावों से उबरने में मदद करती है। मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. कमलेश उदेनिया के अनुसार, बच्‍चे को जन्‍म देने के बाद महिलाओं को कई शारीरिक बदलावों से गुजरना पड़ता है। जिस कारण उनके व्‍यवहार में उदासी, तनाव, चिडचिडाहट जैसे बदलाव आते हैं। इस समय नई मां, भावनात्‍मक, शारीरिक और हार्मोन में बदलाव का अनुभव करती है। उनके लिए नई जिम्‍मेदारियों के साथ तालमेल बैठाना काफी मुश्किल हो जाता है और उन्‍हें इस बात का डर सताता है कि वह खुद की और अपने बच्‍चे की केयर ठीक से कर पाएंगी या नहीं। इस स्थिति को पोस्‍टपार्टम डिप्रेशन कहते हैं।

WHO के अनुसार, भारत में 22 प्रतिशत नई मां इस बीमारी से गुजर रही हैं। इसे दूर करने के लिए पोस्‍ट पार्टम थैरेपी दी जाती है। इसमें दवाओं और काउंसिलिंग के जरिए महिला को डिप्रेशन से बाहर निकालने का प्रयास किया जाता है। अगर आप भी पहली बार मां बनी हैं, तो यहां बताए गए कुछ टिप्‍स की मदद से डिप्रेशन से छुटकारा पा सकते हैं।

अच्‍छी नींद लें

मां बनने के बाद शारीरिक के साथ मानसिक परेशानियां होना आम है। चिंताओं के कारण उन्‍हें नींद नहीं आती और यही पोस्‍टपार्टम डिप्रेशन का मुख्‍य कारण है। इससे बचने के लिए जब बच्‍चा सोए तब आपको नींद ले लेनी चाहिए। क्‍योंकि नींद की गुणवत्ता जितनी कम होगी, उनका अवसाद उतना ही गंभीर होता जाएगा। यदि आपके पास आपका परिवार या दोस्त हैं जो झपकी लेते समय आपके बच्चे की देखभाल कर सकते हैं, तो उनकी मदद जरूर लें।

पौष्टिक आहार दें

डिलीवरी के बाद पोषण की कमी पोस्‍टपार्टम डिप्रेशन की वजह बन सकती है। ऐसे में पौष्टिक आहार लेना जरूरी है। डिलीवरी के बाद पहले दो महीनों में मां को प्रोटीन सप्‍लीमेंट लेने के साथ सूखे मेवे और फैट व एंटीऑक्‍सीडेंट से भरपूर आहार लेना चाहिए।

बच्‍चे के साथ सोएं

क्‍या आप जानते हैं कि बच्‍चे के साथ सोना आपके तनाव को प्रबंधित करने का अच्‍छा तरीका है। इससे मां और बच्‍चे के बीच की बॉन्डिंग मजबूत होती है और आप दोनाें बहुत रिलेक्‍स फील कर सकते हैं।

खुद की देखभाल के लिए समय निकालें

पोस्‍टपार्टम डिप्रेशन को दूर करने के लिए आपको खुद का ख्‍याल रखना बहुत जरूरी है। इसमें अपने लिए कुछ समय जरूर निकालें। मूड को अच्‍छा रखने के लिए धूप में टहलें और कुछ पल अकेले बिताएं। खुद को व्‍यस्‍त और खुश रखने के लिए अपने फेवरेट शो देखें, बबल बाथ लें और अपने ही जैसी और न्‍यू मॉम से बातें करें।

बच्‍चे के साथ सुरक्षित बॉन्‍ड बनाएं

इमोशनल बॉन्डिंग एक अटैचमेंट है, जो बच्‍चे और माता-पिता के बीच बनता है। इस बॉन्डिंग को मजबूत बनाने के लिए आप बच्‍चे की मालिश कर सकते हैं। Pubmed Central में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, पोस्‍टपार्टम डिप्रेशन एक मां को लंबे समय तक प्रभावित कर सकता है। लेकिन मालिश करने से मां और बच्‍चों के बीच के बीच संबंधों में सुधार होता है।

नेटवर्क बनाएं

अपने तनाव को कम करने और परेशानियों से बाहर निकलने के लिए अपने आसपास का सोशल नेटवर्क बढ़ाएं। अपने अनुभवों को शेयर करने के लिए क्‍लासेस या कोई ऐप जॉइन करें। नई माएं अकेलापन महसूस कर सकती है। इस अकेलेपन को दूर करने के लिए ऐसी माओं से बातचीत करें, जिनके बच्‍चे समान उम्र के हों। दूसरों से सोशल और इमोशनल सपोर्ट मिलने से आप अपने आत्म-सम्मान और स्वतंत्रता की भावना को बढ़ाकर, अपने दम पर समस्याओं से बेहतर ढंग से निपटने में सक्षम हो सकते हैं।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.com