क्या आप जानते हैं कब-कब कराना चाहिए ब्लड टेस्ट, जानिए इन 6 संकेतों से
हाइलाइट्स :
ब्लड स्वास्थ्य के बारे में सब कुछ बताता है।
ब्लड टेस्ट एंटीबॉडी, न्यूट्रिएंट मापता है।
बार-बार भूख लगने पर कराएं ब्लड टेस्ट।
संक्रमण देता है ब्लड टेस्ट कराने का संकेत।
राज एक्सप्रेस। ब्लड हमारी सेहत का राज खोलता है। यह हमारे अंगों, उनके कार्यों, चयापचय और पोषक तत्वों के बारे में बताता है। NCI के अनुसार, ब्लड का उपयोग आमतौर पर एंटीबॉडी या ट्यूमर मार्करों को मापने के लिए किया जाता है। इसके अलावा ब्लड टेस्ट यह देखने के लिए किया जा सकता है कि उपचार कितनी अच्छी तरह काम कर रहा है। इससे यह भी पता चलता है कि आपको कोई बीमारी है या नहीं।
वैसे तो डॉक्टर्स कम से कम हर दो साल में रेगुलर ब्लड टेस्ट कराने की सलाह देते हैं। लेकिन लोग इसे जरूरी नहीं मानते। वे बहुत ज्यादा बीमार होने और डॉक्टर के कहने पर ही ब्लड टेस्ट कराने पहुंचते हैं। अगर आप भी इन्हीं में से एक हैं, तो यहां कुछ लक्षणों के बारे में बताया गया है, जो इस बात का संकेत देते हैं, कि आपको ब्लड टेस्ट कराने की जरूरत है।
लगातार भूख या प्यास लगे
CDC के अनुसार, अगर आपको जरूरत से ज्यादा भूख या प्यास लग रही है, तो यह डायबिटीज, का संकेत हो सकता है। ब्लड ग्लूकोज टेस्ट या फास्टिंग ब्लड शुगर से डायबिटीज है या नहीं, इसका पता चलता है। बता दें कि डायबिटीज अमेरिका की 10% से भी ज्यादा आबादी को प्रभावित करता है। इसलिए लक्षण दिखने पर तुरंत ब्लड ग्लूकोज टेस्ट करा लेना चाहिए। यह सबसे ज्यादा किए जाने वाले ब्लड टेस्टों में से एक है।
घबराहट या सीने में दर्द होना
हृदय रोग अमेरिका में लोगों की मौत की मुख्य वजह है। इसमें आपको एनजाइना यानी सीने में दर्द का लक्षण महसूस हो सकता है। सांस की तकलीफ, चक्कर आना या अन्य प्रकार का दर्द, खासतौर से गर्दन, जबड़े, ऊपरी पेट या पीठ में दर्द जैसे लक्षण भी शामिल हैं। इसके अलावा अगर आपको हाथ या पैर में सुन्नता या कमजोरी का अनुभव हो, तो यह ब्लड वेेसल्स के सिकुड़ने का संकेत है, जो हृदय रोग का जोखिम बढ़ा सकता है। इनमें से कोई भी लक्षण दिखने पर आपको फौरन ब्लड टेस्ट कराना चाहिए। एक लिपिड पैनल ब्लड में कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स को मापता है।
हाई कोलेस्ट्रॉल का इतिहास
मेयो क्लिनिक के अनुसार, आमतौर पर हाई कोलेस्ट्रॉल का कोई लक्षण नहीं होता। इसका पता केवल ब्लड टेस्ट के जरिए ही चलता है। कोलेस्ट्रॉल को लिपिड पैनल ब्लड टेस्ट से मापा जाता है। अगर आपका टेस्ट पॉजिटिव है, तो यह हृदय रोग की शुरुआत का संकेत है। यह उन लोगों के लिए भी बहुत जरूरी है, जिनके परिवार में हाई कोलेस्ट्रॉल का इतिहास है।
वजन में अनचाहा बदलाव
वजन में अचानक बदलाव होना सामान्य नहीं है। यह संकेत है कि ब्लड टेस्ट कराने का समय आ गया है। क्लीवलैंड क्लिनिक के मुताबिक, वजन में बदलाव होना थायरॉयड समस्याओं या थायरॉयड रोग का एक लक्षण हो सकता है। आश्चर्य की बात नहीं है कि थायराइड टेस्ट ब्लड टेस्ट में सबसे आम प्रकार का टेस्ट है। हेल्थलाइन के अनुसार, एक थायराइड पैनल थायरॉइड फ़ंक्शन को मापता है और हाइपोथायरायडिज्म और हाइपोथायरायडिज्म जैसे थायरॉयड डिसऑर्डर को डायग्नोज करने में मदद कर सकता है।
मूड में बदलाव
मूड में तेजी से बदलाव के भी कई कारण हो सकते हैं। इनमें हार्मोन चेंजेस, थायरॉयड डिसऑर्डर और सेंट्रल नर्व सिस्टम जैसे बदलाव शामिल हैं। इसके अलावा डाइट या पोषक तत्वों की कमी के कारण भी आपका मूड बदल सकता है। ऐसे लक्षण दिखने पर समझ जाएं, कि अब आपको बल्ड टेस्ट कराने की जरूरत है।
संक्रमण होने पर
अगर आप किसी संक्रमण के लक्षणों का अनुभव कर रहे हैं, तो ब्लड टेस्ट कराना चाहिए। इससे बीमारी का पता चलता है। हालांकि, ऐसे टेस्ट डेली रूटीन में शामिल नहीं होते, बल्कि केवल तभी किए जाते हैं जब कुछ लक्षण महसूस हों।
जब बात आपके स्वास्थ्य को स्वस्थ रखने की हो, तो रेगुलर ब्लड टेस्ट स्वास्थ्य समस्या से बचने का एक आसान तरीका है। साल या दो साल में एक बार नहीं, बल्कि शरीर में जब भी कुछ अलग लक्षण दिखाई दें, तो ब्लड टेस्ट करा लेना चाहिए।
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