स्कूल से कंजंक्टिवाइटिस लेकर आ रहा है बच्चा, तो आंखों के संक्रमण से बचाने के लिए अपनाएं ये टिप्स
हाइलाइट्स :
स्कूल के माहौल में बच्चों में फैल रहा कंजंक्टिवाइटिस।
आंखों में खुजली, जलन, संवेदनशीलता आई फ्लू के मुख्य लक्षण।
बच्चों को 20 सैकंड तक हाथ धोने का महत्व बताएं।
तौलिया, टिश्यू, आई ड्रॉप या कॉन्टैक्ट लेंस शेयर न करें बच्चे।
राज एक्सप्रेस। कंजंक्टिवाइटिस यानी पिंक आई एक महामारी की तरह फैल रहा है। यह बेहद संक्रामक है, जिसने हर उम्र के लोगों को प्रभावित किया है। बच्चे भी इससे अछूते नहीं हैं। खासतौर से स्कूल जाते बच्चे बहुत जल्दी इसकी चपेट में आ रहे हैं। यहां अगर एक बच्चा संक्रमित है, तो आसपास बैठे बच्चों में इसे फैलने की संभावना ज्यादा होती है। बच्चे घर में तो सुरक्षित हैं, लेकिन वे स्कूल या ट्यूशन से आई फ्लू लेकर आ रहे हैं। ऐसे में पैरेंट़स चिंतित हैं कि क्या करें। विशेषज्ञ बताते हैं कि इन दिनों कंजक्टिवाइटिस तीन तरह से फैल रहा है। बैक्टीरिया, वायरस और एलर्जी। इसलिए मानसून के दौरान बच्चों को सुरक्षित रखना जरूरी है। बच्चा अगर समझने लायक है, तो उन्हें आई फ्लू के बारे में शिक्षित करें और बताएं कि उन्हें स्कूल में क्या सावधानी बरतनी है। अगर आपका बच्चा भी स्कूल जाता है, तो यहां बच्चों को सेफ रखने के लिए कुछ टिप्स बताए गए हैं।
हैंड हाइजीन के बारे में सिखाएं
स्कूल जाते बच्चों के बैग में हैंड सैनिटाइजर उनके साथ रखें।
बच्चों को खाने से पहले, शौचालय का उपयोग करने के बाद और जब भी वे अपनी आँखों को छूते हैं ,तो कम से कम 20 सैकंड तक साबुन और पानी से हाथ धोने का महत्व बताएं।
बच्चों को बताएं कि बिना हाथ धोए , आंखों को न छुएं।
टिशू का यूज करना सिखाएं
बच्चों को बताएं कि स्कूल में आंखों को पोंछने के लिए हाथों का नहीं, बल्कि टिशू या साफ रुमाल का इस्तेमाल करें।
एयरबॉर्न वायरस के संपर्क को कम करने के लिए खांसते या छींकते वक्त भी टिशू का उपयोग बहुत जरूरी है।
शेयरिंग न करें
आमतौर पर स्कूल में बच्चे अपनी चीजें शेयर करते ही हैं। लेकिन अब आपको उन्हें बताना है कि अपना रुमाल भी किसी के साथ शेयर नहीं करना हे।
उन्हें बताएं कि इन दिनों आई मेकअप से परहेज करना है। साथ ही अपने मेकअप प्रोडक्ट्स और ब्रश भी शेयर करने से बचे।
अपने कॉन्टेक्ट लैंस भी भूलकर किसी को न दें।
धूल और गंदगी वाली जगह जाना अवॉइड करें
भीड़भाड़ वाली जगह और स्वीमिंग पूल में जाने से बचें।
जो क्षेत्र धूल भरे और गंदे रहते हैं, वहां बच्चों को जाने के लिए मना कर सकते हैं।
उन्हें बताएं कि उन्हें संक्रमित व्यक्ति से दूर रहना है।
चश्मा पहनने के लिए कहें
बच्चे की आंखें लाल हो रही हैं और उसका स्कूल जाना जरूरी है , तो उसे चश्मा पहना कर ही स्कूल भेजें।
अगर आपका बच्चा किसी स्पोर्ट या फिजिकल एक्टिविटी में हिस्सा ले रहा है तो आंख की चोट को रोकने के लिए भी सनग्लासेस पहनने के लिए कहें। वरना संक्रमण हो सकता है।
कंजंक्टिवाइटिस के लक्षणों को जल्द पहचानना बहुत मुश्किल है। अगर आपके बच्चे की आंखों में जरा भी लालपन दिखे, तो उसे स्कूल न जाने दें। इससे उसकी समस्या तो बढ़ेगी ही साथ ही दूसरे बच्चे भी संक्रमित हो जाएंगे।
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