ब्रेस्टफीडिंग के दौरान आपको केवल सादा भोजन ही खाना चाहिए, मिथ है या फैक्ट, जानिए यहां
हाइलाइट्स :
बच्चे को मां का दूध पिलाना जरूरी।
ब्रेस्टफीडिंग कराना आसान नहीं, बल्कि चुनौतीपूर्ण।
स्तनपान का फिगर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
बीमारी में भी मां बच्चे को अपना दूध पिला सकती है।
राज एक्सप्रेस। ब्रेस्टफीडिंग एक मां और बच्चे के बीच का स्पेशल कनेक्शन है। इससे दोनों के बीच एक मजबूत रिश्ता कायम होता हे। हम सभी जानते हैं कि जन्म के एक घंटे के अंदर बच्चे को मां का दूध पिलाना कितना जरूरी है। यह उसकी ओवरऑल ग्रोथ के लिए बहुत अच्छा होता है। हालांकि, ब्रेस्टफीडिंग को लेकर लोग नई मांओं को अपने मूल्यवान सुझाव देते हैं, जिस पर वे भी आंखें बंद करके भरोसा कर लेती हैं। आपको शायद यकीन न हो, इन गलत बातों में आकर कई महिलाएं ब्रेस्टफीडिंग कराने से डरने लगी हैं, यहां तक की कुछ तो बच्चा पैदा करने से ही कतराती हैं और कर भी लें, तो बच्चे को ब्रेस्टफीड से दूर कर देती हैं। अगर आप भी इन महिलाओं में से हैं , तो अब समय आ गया है कि आप इनकी सच्चाई जानें। UNICEF ने एक आर्टिकल के जरिए ब्रेस्टफीडिंग से जुड़े मिथ और फैक्ट के बारे में बताया है।
मिथक 1
स्तनपान कराना आसान है।
तथ्य
स्तनपान कराना बिल्कुल भी आसान नहीं है। यह एक मां और बच्चे के लिए चुनौतीपूर्ण काम है। स्तनपान कराने में बहुत समय लगता है और इस दौरान महिलाएं स्तनों से जुड़ी समस्याओं का भी सामना करती हैं।
मिथक 2
स्तनपान कराने से पहले निपल्स को धोना चाहिए।
तथ्य
स्तनपान से पहले अपने निपल्स को धोना जरूरी नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि जब बच्चे पैदा होते हैं, तो वे पहले से ही अपनी मां की गंध और आवाज़ से अच्छी तरह से परिचित होते हैं। इसके अलावा निपल्स एक ऐसा पदार्थ उत्पन्न करते हैं, जिसमें अच्छे बैक्टीरिया होते हैं। इसलिए निपल्स को न धोने से बच्चे की इम्यूनिटी पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
मिथक 3
स्तनपान के दौरान आपको केवल सादा भोजन ही खाना चाहिए।
तथ्य
बाकी सभी लोगों की तरह स्तनपान कराने वाली मांओं को भी संतुलित आहार खाने की जरूरत होती है। ऐसे में उन्हें अपने आहार में बदलाव की जरूरत नहीं होती।
मिथक 4
एक्सरसाइज से आपके दूध का स्वाद बदल जाता है।
तथ्य
कई महिलाओं के बीच यह भ्रम फैला है कि एक्सरसाइज करने से दूध का स्वाद प्रभावित होता है। इसलिए बच्चे को स्तनपान कराने वाले दिनों में कुछ महिलाएं अनफिट होते हुए भी एक्सरसाइज करना छोड़ देती है। यह गलत है। इस बात का कोई भी स्पष्ट प्रमाण नहीं है। बल्कि एक्सरसाइज हेल्दी होती है। स्तनपान कराने वाली मां के लिए भी ।
मिथक 5
बीमारी में आपको स्तनपान नहीं कराना चाहिए।
तथ्य
कई लोगों को कहते सुना गया है कि अगर मां बीमारी है, तो उसे बच्चे को दूध नहीं पिलाना चाहिए। इससे बच्चा भी बीमार पड़ जाएगा। यह कोरी अफवाह है,जिसे लोग आज तक सच मानते हैं और बीमार होने पर मां को बच्चे से अलग कर देते हैं। सच तो यह है कि बीमार होने पर मां बच्चे को दूध पिलाना जारी रख सकती है। बस इस वक्त एक मां को आराम, अच्छा आहार और सही उपचार की जरूरत होती है।
मिथक 6
ब्रेस्टफीडिंग कराने से फिगर खराब हो जाता है।
तथ्य
यह बात पूरी तरह से सच नहीं है। बिना इसकी सच्चाई जाने, नई जनरेशन की महिलाएं बच्चे को ब्रेस्टफीड कराने से बच रही हैं। वहीं एक्टिंग , मॉडलिंग या मीडिया से जुड़ी महिलाओं में भी फिगर खराब होने का डर बना रहता है। विशेषज्ञों के अनुसार, ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिला अगर अपनी फिटनेस का ख्याल रखती है, तो उसकी बॉडी पर कोई खास असर नहीं पड़ता।
मिथक 7
स्तनपान के दौरान एक मां कोई दवा नहीं ले सकती।
तथ्य
ब्रेस्टफीडिंग को लेकर यह आम मिथ है कि स्तनपान कराने वाली महिलाओं को किसी प्रकार की दवा नहीं लेनी चाहिए। लेकिन यह बिल्कुल भी सच नहीं है। किसी खास बीमारी के लिए दवाई लेना जरूरी हो सकता हे। हां, लेकिन आपको अपने डॉक्टर को इस बारे में बता देना चाहिए कि आप स्तनपान करा रही हैं, इसी आधार पर वह आपके लिए दवाई लिखेगा।
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