Breast Cancer : इलाज के दौरान डाइट में शामिल करें ये चीजें, फास्ट रिकवरी में मिलेगी मदद
हाइलाइट्स :
ब्रेस्ट कैंसर के इलाज में पौष्टिक आहार का अहम योगदान है।
कैंसर के इलाज में प्रोटीन का सेवन जरूरी।
ब्रेस्ट कैंसर में अंगूर छिलका सहित खाएं।
प्रोसेस्ड और डीप फ्राई फूड से बना लें दूरी।
राज एक्सप्रेस। सदियों पहले लोग भोजन को ही अपनी दवा मानते थे। क्योंकि वे जो कुछ भी खाते थे, वो उतना ही ताकतवर होता था, जितना की आज स्वस्थ रहने के लिए ली जाने वाली दवा। अब जब कोई महिला स्तन कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से जूझ रही है, तो सबसे पहले उसे पौष्टिक आहार लेने की सलाह दी जाती है। यह उपचार के दौरान मजबूत बने रहने के लिए पर्याप्त कैलोरी और पोषक तत्व प्रदान करता है। अच्छा पोषण कैंसर के इलाज और फास्ट रिकवरी मे बहुत मदद करता है। यहा हम आपको बताएंगे कि ब्रेस्ट कैंसर के इलाज के दौरान मरीज को क्या खाना चाहिए और किन चीजों से परहेज करना चाहिए।
प्लांट बेस्ड प्रोटीन
अगर आप कैंसर पेशंट हैं और आपकी कीमोथेरेपी हुई है, तो प्रोटीन से भरपूर लें। दरअसल, इलाज के दौरान टिश्यू को ठीक रखने और संक्रमण से लड़ने में मदद करने के लिए प्रोटीन की सख्त जरूरत पड़ती है। इसकी मदद से कॉपर आयनों को विकसित होने और इन्हें पूरे शरीर में फैलने से रोका जा सकता है। प्रोटीन लेने के लिए अंडा, लो फैट डेयरी प्रोडक्ट, दाल, सीफूड, योगर्ट, चिकन, बीन्स का सेवन किया जा सकता है।
अंगूर
अंगूर एंटीऑक्सीडेंट रेसवेराट्रॉल का एक बेहतरीन स्त्रोत है। इसमें स्तन में कैंसर को शुरू होने से रोकने की अच्छी खासी क्षमता है। ट्रीटमेंट के दौरान अंगूर को छिलके सहित खाना चाहिए, क्योंकि इसका छिलका ही गुणों की खान है। इसमें सबसे ज्यादा रेसवेराट्रॉल पाया जाता है।
अंजीर
महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के इलाज के दौरान अंजीर अच्छी भूमिका निभाता है। यह एक ड्राई फ्रूट है, जो हमेशा से ही अपने औषधीय गुणों के लिए जाना जाता रहा है। इनमें फेफड़ों और पेट के कैंसर के लिए फायदेमंद फ्लेवोनोइड क्वेरसेटिन बहुत ज्यादा मात्रा में होता है। इसके अलावा इसमें पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट शरीर को फ्री रेडिकल से बचाते हैं और सूजन को भी कम करते हैं। बता दें कि सूजन को कैंसर का मुख्य कारण माना जाता है।
सोया प्रोडक्ट़स
सोया मिल्क और सोया से बने अन्य प्रोडक्ट्स इलाज के दौरान फास्ट रिकवरी के लिए अच्छे हैं। पोषक तत्वों से भरपूर ये खाद्य पदार्थ ब्रेस्ट कैंसर डाइट का जरूरी हिस्सा बन गया है।
सब्जियां
कैंसर के इलाज के दौरान मरीज की इम्यूनिटी काफी कमजोर हो जाती है, जिससे मरीज जीने की उम्मीद भी खोने लगता है। अगर ऐसा हो, तो इस स्थिति में क्रूसिफेरस सब्जियों को अपने आहार में जरूर शामिल करना चाहिए। इनमें सल्फोराफेन नाम का फाइटोकेमिकल है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। बता दें कि सल्फोराफेन को कैंसर फाइटिंग प्लांट भी कहते हैं।
साबुत अनाज
कैंसर ट्रीटमेंट में मरीज को हर दिन 25 ग्राम से 30 ग्राम फाइबर का सेवन करना जरूरी है। साबुत अनाज में फाइबर की पर्याप्त मात्रा होती है। इसके अलावा ये कार्बोहाइड्रेट और फाइटोकेमिकल्स के साथ-साथ विटामिन और मिनरल्स से भरपूर होते हैं। चीन में हुई एक स्टडी के अनुसार, हाई फाइबर स्तन कैंसर में हार्मोन के कामों में बदलाव करके सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
क्या न खाएं
प्रोसेस्ड फूड से दूर रहें।
डीप फ्राई फूड ना खाएं।
कैफीन और अल्कोहल का सेवन बंद कर दें।
दो से तीन दिन बासी खाना ना खाएं।
कैंसर के इलाज में वजन कम होना अच्छा नहीं माना जाता। इससे मसल लॉस होता है। जिस वजह से मरीज को थकान व कमजोरी तो महसूस होती ही है, साथ ही उसका इम्यून सिस्टम भी पहले जितना मजबूत नहीं रहता। इसके चलते उपचार की प्रक्रिया भी काफी स्लो हो जाती है और रिकवरी में भी ज्यादा समय लगता है। इसलिए कैंसर के खिलाफ लड़ने के लिए पोषक तत्वों से भरपूर आहार बहुत जरूरी है।
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