कहीं ब्रेस्‍ट फीडिंग प्रॉब्लम से तो नहीं जूझ रही आप
कहीं ब्रेस्‍ट फीडिंग प्रॉब्लम से तो नहीं जूझ रही आपSyed Dabeer Hussain - RE

कहीं ब्रेस्‍ट फीडिंग प्रॉब्लम से तो नहीं जूझ रही आप, जानिए इसके 6 संकेतों के बारे में

स्‍तनपान के दौरान एक मां को स्‍तन के दूध से जुड़ी कई समस्‍याएं झेलनी पड़ सकती है। यहां ब्रेस्‍ट फीडिंग प्रॉब्‍लम के कुछ संकेत बताए गए हैं, जिस पर हर स्‍तनपान कराने वाली मां को ध्यान देना चाहिए।
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हाइलाइट्स :

  • निप्‍पल या स्‍तनों में दर्द होने पर डॉक्‍टर के पास जाएं।

  • बच्‍चे का वजन न बढ़ना ब्रेस्‍टफीडिंग प्रॉब्‍लम का सेकत।

  • पर्याप्‍त दूध न मिलने पर नहीं बढ़ेगा बच्‍चे का वजन।

  • स्‍तनों में दर्द होने पर डॉक्‍टर से संपर्क करना जरूरी।

राज एक्सप्रेस। एक मां के लिए बच्‍चे को जन्‍म देखना और उसकी देखभाल करना काफी चुनौतीपूर्ण होता है। शुरूआती हफ्तों में आप थकान और हार्मोनल बदलावों का अनुभव कर सकती हैं। स्‍तनपान भी एक इमोशनल टाइम होता है। कुछ महिलाओं के लिए यह बेहद मुश्किल साबित होता है। बच्‍चे को ठीक से स्तनपान न करा पाने पर महिलाओं को अफसोस, गुस्‍सा और हताशा महसूस होती है। जबकि कुछ महिलाएं इन सबके लिए खुद को जिम्‍मेदार मान बैठती हैं। याद रखें कि ये आपकी गलती नहीं है। स्‍तनपान की प्रक्रिया ही ऐसी है। प्राकृतिक होने के कारण इसमें कई समस्याएं पैदा होती हैं। यह आपके दूध उत्पादन और बच्‍चे को जरूर पोषण देने की क्षमता में बाधा डालती हैं। The American Academy of Pediatrics की New Mother's Guide to Breastfeeding में स्तनपान की समस्‍या से जुड़े कुछ जरूरी संकेतों के बारे में बताया गया है। इनकी पहचान कर आपको स्‍तनपान की समस्‍या से राहत पाने में मदद मिल सकती है।

बच्‍चे का नर्सिंग सेशन बहुत छोटा या लंबा हो

पहले कुछ महीनों के दौरान बच्‍चा अगर दस मिनट से भी कम समय में स्‍तनपान कर रहा है, तो इसका मतलब है कि बच्चे को पर्याप्त दूध नहीं मिल पा रहा। इसके अलावा अगर बच्‍चा लगभग पचास मिनट से ज्‍यादा देर तक स्‍तनपान करे, तो भी यह मानकर चलिए कि कम दूध उत्पादन के कारण आपके बच्चे को पर्याप्त दूध नहीं मिल रहा है। दूध पीने के लिए उसे संघर्ष करना पड़ रहा है। ऐसे में आपको अपने स्‍तनपान के बारे में डॉक्‍टर से संपर्क करना चाहिए।

बच्‍चा हमेशा भूखा है

बच्‍चे ने अगर ठीक से स्‍तनपान किया है, तो वह काफी देर तक अच्‍छी नींद में सोता है या खेलता है। लेकिन अगर आपका बच्‍चा दिनभर में कई बार ब्रेस्‍ट फीडिंग करने के बाद भी भूख से रो रहा है, तो समझ जाएं , कि आपको स्तनों में कोई समस्‍या हो रही है, जिससे आप अंजान हैं। इसके लिए बच्‍चे का वजन कराना चाहिए।

बच्‍चे का वजन न बढ़ना

जन्म के बाद 5- 7 दिन में बच्‍चे का वजन 5-7 प्रतिशत कम होता है। बच्चे का 7-10 दिन में फिर से पहले जैसे , जन्म के वजन जितना हो जाता है। डॉक्‍टर्स कहते हैं कि दो हफ्ते में बच्‍चे का वजन न बढ़े, तो यह चिंता की बात है। आपका दूध पीने के बाद भी उसका वजन नहीं बढ़ रहा है, तो इसका मतलब है कि बच्चे को ठीक से दूध नहीं मिल पा रहा है। आपको लैक्टेशन कंसलटेंट या गायनाकोलॉजिस्ट से ब्रेस्‍टफीडिंग प्रॉब्लम के बारे में बात करनी चाहिए।

स्‍तनों में दर्द

स्‍तनों में दर्द होना और इनका कठोर होना कोई आम बात नहीं है। यह इस बात का संकेत है कि आपको ब्रेस्‍टफीडिंग प्रॉब्लम है, जो आपके बच्‍चे के स्‍वास्‍थ्‍य को भी प्रभावित कर रही है। इससे बच्‍चा भी ठीक से दूध नहीं पी पा रहा है। गंभीर और असंतुलित उभार दूध की आपूर्ति को कम कर सकता है।

ब्रेस्‍ट में दूध न भरना

जन्‍म के समय दूध न आना समझ आता है। लेकिन अगर 5 दिन में भी आपका दूध नहीं बनता या स्‍तनाें में दूध नहीं भरता, तो सचेत होना जरूरी है। क्योंकि यह स्तनपान से जुड़ी किसी समस्या का संकेत हो सकता है। अगर आपको ऐसा लग रहा है, तो बच्‍चे का वजन जरूर करें। स्थिति साफ हो जाएगी। आप चाहें, तो डॉक्‍टर के पास जाकर अपना ब्रेस्ट चेकअप भी करा सकती हैं।

बच्चे का ज्यादा पेशाब न करना

छोटे बच्चे लगभग हर घंटे में पेशाब और लगभग 3 से 4 बार पॉटी करते हैं। एक महीने से छोटी उम्र के बच्चों को एक दिन में 6 से 10 डायपर बदलने की जरूरत पड़ती है। पर आपका बच्चा हर दिन 6 से कम डायपर ही गीले कर रहा है या चार बार पॉटी जा रहा है। तो आपको अपने स्‍तनों के स्वास्थ्य पर ध्‍यान देने की जरूरत है। इसके अलावा अगर बच्चे की पेशाब गहरी पीली या मल पीला या ढीला होने के बजाय गहरे रंग का है, तो आपको अपने दूध उत्पादन के बारे में डॉक्टर से बात करनी चाहिए।

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