राज एक्सप्रेस। राजस्थान में सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की नगरी अजमेर में आज ईदुलफितर का त्यौहार मुस्लिम समाज घर पर ही रहकर धार्मिक रस्मीतौर पर खुशनुमा माहौल में मना रहा है। रहमतों और बरकतों के रमजान माह की चांद रात को चांद दिखाई देने के ऐलान के बाद ईद मनाने और मुबारकबाद का सिलसिला शुरू हो गया, जो बदस्तुर जारी है।
ख्वाजा साहब की दरगाह स्थित जन्नती दरवाजा भी आज तड़के खोला गया और कोरोनाकाल एवं लॉकडाऊन की सख्ती के चलते परम्परागत तरीकें से होने वाली सार्वजनिक नमाज नहीं हुई। इस दौरान दरगाह और दरगाह क्षेत्र वीरान नजर आये। दरगाह में चंद अनुमत लोगों ने ही दुआ कर मुल्क में अमनों अमान , खुशहाली , भाईचारे और कोरोना महामारी से निजात के लिए दुआ की। स्थानीय केसरगंज स्थित ईदगाह पर भी नमाज नहीं पढ़ी गयी।
शहर की मस्जिद कचहरी एवं घंटाघर में भी नमाज नहीं हुई। सुरक्षा के लिहाज से सभी जगह पुलिस बल तैनात किया गया। इसके विपरीत मुस्लिम परिवारों में ईद की नमाज अदा कर कोरोना से परेशान इंसानियत को महामारी से मुक्ति के लिए दुआ की गई। मीठी ईद के मौके पर सवैयों एवं खीर हर परिवार में बनाई गई।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में लोकडाऊन के चलते दरगाह दीवान , दरगाह कमेटी , दोनों अंजुमन के अलावा शहर काजी व शहर मुफ्ती ने पहले ही रजामंदी के साथ आम मुसलमान से घर पर ही नमाज अदा करने तथा कोरोना संक्रमण मुक्ति के लिए दुआ की अपील कर माहौल को नियमों की पालना में ढालने का प्रयास कर प्रशासन का भरपूर सहयोग किया। जन्नती दरवाजा खिदमत के बाद आज ही बंद कर दिया जायेगा जो एक बार फिर ख्वाजा साहब के गुरू उस्मान हारूनी के उर्स पर 19 मई को खुलेगा।
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